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ट्विटर पर पिछले कुछ दिनों से पूर्व भारतीय बल्लेबाज वीरेंद्र सहवाग और इंग्लैंड के पत्रकार पियर्स मोर्गन के बीच घमासान छिड़ा हुआ हैं, लेकिन वीरेंद्र सहवाग ने आज पियर्स मोर्गन को ट्विटर पर ऐसा जवाब दिया हैं, कि पियर्स मोर्गन को अपना ट्विट डिलीट करने पर मजबूर कर दिया हैं.

कल रात इंग्लैंड ने पाकिस्तान के खिलाफ वनडे क्रिकेट का सबसे बड़ा स्कोर खड़ा किया, और उसके बाद पियर्स मोर्गन ने वीरेंद्र सहवाग को फिर से भड़काया और भारत के खिलाफ ट्विट किया.

पियर्स मॉरगन ने ट्विटर पर लिखा, कि “हैलो वीरेंद्र सहवाग, मैं तुमसे 1 मिलीयन (10 लाख) रुपये चैरिटी ट्रस्ट की बेट लगाता हूं, कि इंग्लैंड भारत के ओलंपिक गोल्ड मेडल जीतने से पहले क्रिकेट विश्वकप जीतेगा. चैलेंज स्विकार हैं?”

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वीरेंद्र सहवाग ने भी इसका जवाब दिया. वीरेंद्र सहवाग ने पियर्स मोर्गन को ऐसा जवाब दिया कि, उनके पास इसका कोई जवाब नहीं था.

वीरेंद्र सहवाग ने लिखा, कि “भारत ओलंपिक में पहले ही 9 गोल्ड मेडल जीत चुका हैं, और इंग्लैंड 0 विश्वकप जीता हैं. और चैरिटी की बात करे, तो आपके पास हमारा कोहिनूर हिरा हैं.”



इस ट्विट के बाद पियर्स मोर्गन ने अपना ट्विट ही डिलीट कर दिया. क्योंकि उनको पता हैं, कि कोहिनूर हिरा भारत का हैं.

पियर्स मोर्गन पिछले कुछ दिनों से ट्विटर पर भारत के खिलाफ आग उगल रहे हैं, लेकिन वीरेंद्र सहवाग ने उनकी बोलती बंद करके रखी हैं. अब पियर्स मोर्गन इस जवाब के बाद ट्विटर से कुछ दिनों तक दुर ही रहेंगे.

लेकिन बाद में ये पता चला, कि ये वीरेंद्र सहवाग का अकाउंट ही नहीं था, लेकिन यह बंदा तो वीरेंद्र सहवाग से ही आगें निकल गया ये. हालाँकि इस विषय पर वीरेंद्र सहवाग का कोई ट्विट नहीं आया हैं.





सोर्स:स्पोर्ट्ज़विकी 




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क्रिकेट के मैदान पर पाकिस्तान की ऐसी पिटाई! पहले नहीं देखी.

वो भी पाकिस्तान के दुनिया की नंबर एक टेस्ट टीम बनने के 10 दिन के अंदर ये हुआ.

इंग्लैंड ने मंगलवार को उन्हें वनडे मैच में बुरी तरह पीट दिया. ट्रेंट ब्रिज के मैदान पर 444 रनों का चारमीनार सा स्कोर बनाया और पाकिस्तान को 169 रनों से हरा दिया. 5 मैचों की सीरीज में इंग्लैंड 3-0 से आगे हो गया है.

इस मैच में हुआ क्या क्या..........

1

वनडे क्रिकेट का सबसे बड़ा स्कोर बना. 444 रन. इससे पहले ये रिकॉर्ड श्रीलंका के नाम था. जुलाई 2006 में उन्होंने नीदरलैंड्स के खिलाफ 443 रन बनाए थे. इससे पहले इंग्लैंड का बेस्ट स्कोर 408 रन था. न्यूजीलैंड के खिलाफ बनाया था.

2

इंग्लैंड की पारी की आखिरी बॉल डॉट बॉल निकल जाती तो रिकॉर्ड न टूटता. इंग्लैंड का स्कोर भी 443 रन था. आखिरी बॉल पर जोस बटलर ने चऊआ मार दिया.

3

इंग्लैंड की तरफ से खोपड़ीतोड़ बैटिंग की एडी हेल्स ने. बॉल खेलीं 122. रन कूटे 171. ये किसी भी इंग्लिश बल्लेबाज का वनडे मैचों में बेस्ट स्कोर है. इससे पहले ये रिकॉर्ड रॉबिन स्मिथ के नाम था, जिन्होंने 1993 में 167 रन बनाए थे.

4

हेल्स 72 रन के पर्सनल स्कोर पर कैच कर लिए गए थे, लेकिन वो नो बॉल थी. जब वो 114 रन पर थे, उनका कैच छोड़ दिया गया.

5

हसन अली ने हेल्स को LBW कर दिया और जो रूट के साथ उनकी 248 रनों की पार्टनरशिप टूट गई. यह इंग्लैंड की तीसरी सबसे बड़ी वनडे पार्टनरशिप थी. रूट भी जल्द ही 85 रनों पर आउट हो गए. लेकिन यहां से पाकिस्तान का दर्द कम नहीं हुआ, बढ़ गया.

6

बटलर ने इस मैच में 22 बॉल पर फिफ्टी उड़ा मारी. ये इंग्लैंड की सबसे तेज फिफ्टी है. इसी मैच में मॉर्गन ने 27 बॉल पर 57 रन कूट डाले. बटलर ने 6 छक्के और 3 चौके मारकर हाफ सेंचुरी पूरी की.

7

हेल्स के अलावा जोस बटलर ने 90 (65 बॉल), जो रूट ने 85 (86 बॉल) और ईयॉन मॉर्गन ने 57 (27 बॉल) रन कूटे. कप्तान मॉर्गन का स्ट्राइक रेट रहा 211.11.

8

पिटने वालों में अव्वल रहे पाकिस्तान के लंबू खब्बू पेसर वहाब रियाज. 10 ओवर में 110 रन लुटाए. इस तरह वो वनडे का दूसरा सबसे महंगा स्पेल फेंकने वाले गेंदबाज बन गए हैं. वर्सेटैलिटी देखिए कि वहाब रियाज के एक टेस्ट स्पेल को क्रिकेट हिस्ट्री के सबसे चौचक गेंदबाजी नमूनों में गिना जाता है.

9

पाकिस्तान की टीम 42.4 ओवर में 275 रन बनाकर आउट हो गई. इंग्लैंड की तरफ से क्रिस वोक्स ने सबसे ज्यादा 4 विकेट लिए.

10

पाकिस्तान की तरफ से टॉप स्कोरर रहे गेंदबाज मोहम्मद आमिर. उन्होंने 28 बॉल पर 58 रन पीटे. ओपनर शरजील खान ने भी इतने ही रन बनाए.




सोर्स:लल्लनटॉप 
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जो भी सज्जन व्हाट्सएप पर बस मैसेजियाते ही नहीं रहते, उसकी थोड़ी खोज-खबर भी रखते हैं, वो जरूर जानते होंगे कि व्हाट्सएप पर आज-कल एक नया झमेला शुरू हुआ है. व्हाट्सएप सबसे पूछ रहा है कि आप अपनी इंफॉर्मेशन फेसबुक और उससे जुड़ी दूसरी कंपनियों के साथ शेयर करना चाहते हैं या नहीं.

ये जो टांका भिड़ा हुआ है फेसबुक और व्हाट्सएप के बीच, ये इसलिए है क्योंकि 2014 में फेसबुक ने व्हाट्सएप को 19 बिलियन डॉलर यानी करीब 12 खरब 75 अरब रुपये खर्च करके खरीदा था. उस वक्त व्हाट्सएप के को-फाउंडर जन कॉम ने कहा था व्हाट्सएप अपने मिशन में सच्चा बना रहेगा, लोगों की प्राइवेसी की इज्जत करेगा और उनके डेटा को सेव करके नहीं रखेगा.

लिखकर जन कॉम ने कहा था,

‘हम आपका बर्थडे नहीं जानते. हम आपके घर का पता नहीं जानते. हम नहीं जानते कि आप कहां काम करते हैं. हम ये भी नहीं जानते कि आप क्या पसंद करते हैं. हम इसकी जांच नहीं करते कि आप इंटरनेट पर क्या सर्च करते हैं. न ही हम आपकी GPS पर लोकेशन को ट्रैक करते हैं. ऐसा कोई भी डेटा व्हाट्सएप ने कभी स्टोर नहीं किया है. और हमारा अपनी इस स्ट्रेटजी को चेंज करने का कोई प्लान नहीं है. लोगों को इस बात का डर है कि हम फेसबुक से जुड़ रहे हैं तो कहीं ऐसा तो नहीं कि सारा डेटा सेव होने जा रहा है. भले ही हम नये साथी फेसबुक से जुड़ रहे हैं. पर हम यूजर की प्राइवेसी को लेकर विजन के साथ कोई समझौता नहीं करेंगे क्योंकि इसी के चलते हम यहां तक पहुंचे हैं.’


पर अब जो व्हाट्सएप की नई प्राइवेसी पॉलिसी आई है, उसके हिसाब से व्हाट्सएप फेसबुक के साथ इंफॉर्मेशन शेयर करने वाला है. नई पॉलिसी के हिसाब से ये जान लो कि व्हाट्सएप जो भी कहे, पर फेसबुक और उसकी साथी कंपनियों के साथ डेटा शेयर होगा ही.

हालांकि व्हाट्सएप का अभी कहना है कि वो कोई भी मैसेज या फोटो फेसबुक के साथ शेयर नहीं करेगा, बल्कि वो फेसबुक और उसके ग्रुप की कंपनियों के साथ कोऑर्डिनेट करेगा. इसका मतलब है कि बस ये उल्लू बनाने का एक तरीका है, आगे पढ़ो तो समझ जाओगे कि ये कैसे होगा.

व्हाट्सएप का कहना है, इससे सर्विस इंप्रूव होगी



व्हाट्सएप रीजन बता रहा है- ये फंक्शन फेसबुक पर आने वाले ऐड और इसके प्रॉडक्ट को इंप्रूव करने में काम आएगा. ये-ये रीजन हैं इस सर्विस के –


1. इससे फेसबुक के सच्ची में कितने यूजर हैं, ये पता करने में मदद मिलेगी. क्योंकि अभी तो बहुत से लोग फर्जी एकाउंट भी बना लेते हैं. 
2. स्पैम और ऑनलाइन एब्यूज से भी इसके जरिए निजात मिलेगी.
पर ये अभी तक क्लियर नहीं है कि कैसे फेसबुक ऐड इंप्रूव करने में इसमें मदद मिलेगी.

इसमें क्या-क्या इंफॉर्मेशन फेसबुक के साथ शेयर होने वाली है?

ये बातें याद रखो-

 1. इसमें आपका मोबाइल नंबर व्हाट्सएप फेसबुक के साथ शेयर करेगा. ये वही वाला मोबाइल नंबर होगा, जिससे आपका व्हाट्सएप रजिस्टर्ड है. और ये भी फेसबुक को बताया जाएगा कि लास्ट टाइम आपने व्हाट्सएप कब यूज किया है.

 2. कौन सा डिवाइस आप यूज करते हैं. ऑनलाइन कब-कब रहते हैं. कब आपने लॉग इन किया है. हालांकि व्हाट्सएप ने अपने FAQ में बड़ी ही चतुराई से कहा है कि ये कोई भी इंफॉर्मेशन फेसबुक या उससे जुड़ी एप के साथ शेयर नहीं करेंगे और ये किसी भी यूजर को न ही फेसबुक पर अपना एकाउंट खोलने के लिए फोर्स करेंगे.

क्या हम व्हाट्सएप को अपनी इंफॉर्मेशन शेयर करने से रोक सकते हैं?



बस कहने को हां. यूजर को व्हाट्सएप के ये नये टर्म एक्सेप्ट करने के 30 दिन के अंदर-अंदर अपना कंटेंट फेसबुक पर शेयर करने से व्हाट्सएप को रोकना होगा. ये होगा यूं-

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आपको पहले अपने एकाउंट वाले ऑप्शन पर जाना होगा.

वहां आप सेटिंग्स में जाएंगे तो वहां पर एक ऑप्शन होगा, अपनी इंफो को फेसबुक पर शेयर करने से रोकने का. जिसपे पहले से ही टिक होगा.

आपको करना ये है कि उसको अनटिक कर देना है.

एक बार आपने ये काम कर दिया तो समझ लो हो गया जिंदगी भर का आराम. दोबारा कभी आपकी इंफॉर्मेंशन व्हाट्सएप्प, फेसबुक या उसकी साथी कंपनियों के साथ शेयर नहीं करेगा. और आगे भी आप इस सेटिंग को कभी चेंज नहीं कर पाएंगे.

व्हाट्सएप का इसके बारे में कहना है कि आपका फोन नंबर और चैट, सेटिंग में ये चेंज कर लेने के बाद फेसबुक के साथ शेयर नहीं किया जाएगा. पर ऐसा मत समझना कि पूरी छुट्टी मिल जाएगी और प्राइवेसी बच जाएगी. इस ऑब्शन को लेने के बाद भले ही आपका मोबाइल नंबर फेसबुक के साथ नहीं शेयर होगा, पर इंफॉर्मेशन फिर भी शेयर की जाएगी.

‘लर्न मोर’ का ऑब्शन बताता है कि शेयर न करने का ऑब्शन लेने पर भी क्या होगा?



आपकी इंफॉर्मेशन फेसबुक की दूसरी साथी कंपनियों को भी दी जाएगी. ताकि वो इंफ्रास्ट्रक्चर और डिलिवरी सिस्टम को अच्छा कर सकें. ये समझ सकें कि उनकी सर्विसेज कैसे यूज की जा रही हैं. उनका सिक्योरिटी सिस्टम कैसा है. स्पैम से यूजर कैसे बच सकते हैं. गालियों से कैसे बचें. नियमों को तोड़ने से कैसे लोगों को रोका जा सकता है.

क्या व्हाट्सएप पर अब ऐड भी आने वाले हैं?



ऐड तो नहीं आएंगे पर बैंक, ई-कॉमर्स वेबसाइट और एविएशन कंपनियां व्हाट्सएप पर आ रही हैं. पहले से ही इनके व्हाट्सएप पर आने के आसार बन रहे थे. व्हाट्सएप जल्द ही इसकी टेस्टिंग करने वाला है. अब आपको अपने बैंक और अगर आपने फ्लाइट की टिकट बुक कर रखी है तो इनके मैसेज आपको व्हाट्सएप पर आएंगे. क्योंकि व्हाट्सएप पर मैसेज करना दूसरे तरीके से मैसेज के मुकाबले सस्ता है.

इसमें वो एड वाले मैसेज भी आएंगे जो यूजर की पिछली एक्टिविटीज को देखकर सजेस्ट किए जाएंगे. ये वाली बात इंट्रेस्टिंग है क्योंकि व्हाट्सएप ने कहा था कि इस पर कभी ऐड नहीं आएंगे. तो अगर मार्केटिंग वाले ऐड आने लगें व्हाट्सएप पर तो अब इसमें चौंकने की कोई बात नहीं है. वैसे व्हाट्सएप अभी तक बिना ऐड के सर्विसेज देने के लिए ही जाना जाता है. और ये दुनिया की सबसे बड़ी मैसेज एप है.

अब चिंता किस बात की?



ये भी पहली बार ही है कि व्हाट्सएप कॉपीराइट कंटेट की बात कर रहा है और अब लोगों और संस्थाओं के इंटेलेक्चुअल प्रॉपर्टी राइट को बचाए रखने की बात कह रहा है. ये साफ नहीं है कि ये किस तरह से एप्लाई होगा. वीडियो क्लिप और गाने जो कोई शेयर करेगा ये उस पर भी लागू होगा.

पर ये जो उल्लंघन है ये प्रोफाइल पिक्चर, प्रोफाइल नेम पर भी लागू हो सकता है. तो ऐसा भी हो सकता है कि लोगों की प्रोफाइल पिक्चर दूसरा एकाउंट बनाने के लिए चुरा ली जाए. और बना दिया जाए दूसरा व्हाट्सएप एकाउंट.





सोर्स:लल्लनटॉप 
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मरने के बाद क्या होता है? शरीर तो जला या दफना दिया जाता है. बचपन में एक साइंटिस्ट की कहानी सुनी थी. वो साइंटिस्ट देखना चाहता था कि क्या सच में मरने के बाद शरीर से आत्मा निकलती है?

अगर निकलती है, जो जाती कहां है? उसने कांच का एक बड़ा सा बॉक्स बनाया. उसमें एक ऐसे आदमी को रखा गया, जो कुछ ही घंटों में मरने वाला था. जैसे ही वो आदमी मरा, कांच हल्का सा चटक गया था. यह कहानी कहां से आई, कित्ती सच है, कित्ती झूठ, हमें कुछ पता नहीं.



लेकिन चाइना के एक हॉस्पिटल का वीडियो वायरल हो रहा है. एक औरत मरने वाली थी. सामने ही CCTV लगा था. जब वो औरत मरी. उसके शरीर से आत्मा निकलती हुई इस CCTV कैमरे में रिकॉर्ड हो गई. अब कुछ लोग कह रहे हैं ये वीडियो नकली है. कैमरे पर कैसे आत्मा रिकॉर्ड होगी. कुछ लोग इसको सच मान रहे हैं.



लोग फर्जी फोटो, वीडियो बनाने में इत्ते माहिर हैं कि हम क्या कहें. वैसे भी चीन के माल की कोई गारंटी होती नहीं. खैर चाहे जो हो. वीडियो आप भी देख लो. अपनी गारंटी पर. क्योंकि देखने में मज़ा आएगा.







सोर्स:लल्लनटॉप 

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रिंगिंग बेल्स ने 251 रुपये में एक स्मार्टफोन लॉन्च किया था, लेकिन वह लोगों के पास पहुंचने से पहले ही विवादों में पड़ गए। अब चैंपवनइंडिया (Champ1India) नाम की कंपनी सिर्फ 501 रुपये में एक स्मार्टफोन लेकर आ रही है।


इस स्मार्टफोन का नाम चैंपवन C1 है और कंपनी ने इसे अपनी वेबसाइट पर लिस्ट किया है। खास बात यह है कि कंपनी के लोगो का डिजाइन माइक्रोमैक्स से मेल खाता है। राजस्थान की यह कंपनी मिनिस्ट्री ऑफ कॉर्पोरेट अफेयर्स के पास रजिस्टर्ड है, मगर उसने BIS सर्टिफिकेशन के तहत फोन को लिस्ट नहीं किया है।

फोन के फीचर्स...

- इसमें 5 इंच का डिस्प्ले है, 2 जीबी रैम है और मीडियाटेक 6745 क्वॉड-कोर प्रोसेसर है।
- इस स्मार्टफोन का बैक कैमरा 8 मेगापिक्सल है और फ्रंट कैमरा 5 मेगापिक्सल।
- इंटरनल मेमरी 16 जीबी है। यह ऐंड्रॉयड 5.1.1 लॉलिपॉप पर रन करता है।
- इसकी बैटरी 2500 mAh है। कंपनी ने 2A का क्विक चार्जर भी इसके साथ देने की बात कही है।


चैंपवन की वेबसाइट खास नहीं है। इसमें रजिट्रेशन वाला बटन काम नहीं कर रहा। यह जानकारी दी गई है कि 2 सितंबर को फोन की फ्लैश सेल होगी। इस वेबसाइट पर कंपनी ने स्मार्टफोन के अलावा एक टैब भी लिस्ट किया है।





सोर्स:न्यूज़ २४ 

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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के बलूचिस्तान में जारी संघर्ष को खुला समर्थन देने के बाद इस इलाके को लेकर दिलचस्पी बढ़ गई है. एक नज़र बलूचिस्तान और उसके इतिहास पर






कहां है बलूचिस्तान?






> दक्षिण-पश्चिम पाकिस्तान, ये उसके चार प्रांतों में से एक है
> सबसे बड़ा प्रांत, जिसके पास पाकिस्तान के कुल भौगोलिक क्षेत्र का 44% हिस्सा है
> लेकिन यहां आबादी सबसे कम है. बलूच बहुसंख्यक हैं, पश्तून भी मौजूद




इतना अहम क्यों?






> यूं तो बलूचिस्तान, पाकिस्तान का सबसे गरीब प्रांत है, लेकिन खनिजों के मामले में ये काफी रईस है
> यहां ग्वादर बंदरगाह है, जो पाकिस्तान और चीन ने मिलकर बनाया है
> बलूचिस्तान चीन के 46 अरब डॉलर की निवेश योजना का अहम हिस्सा है




ना पढ़ाई, ना कमाई






> यहां विकास नहीं पहुंचा है, ऐसे में बुनियादी सुविधाओं की भी ख़ासी कमी है
> पाकिस्तान में सबसे ज्‍़यादा गरीबी दर, नवजात और महिलाओं की मृत्यु दर, सबसे कम साक्षरता दर बलूचिस्तान में है, जो हालात का अंदाज़ा देती हैं
> पाकिस्तान के सकल घरेलू उत्पाद (GDP) में बलूचिस्तान की हिस्सेदारी महज़ 3.7% है






बलूचों पर अत्याचार






> ह्यूमन राइट्स वॉच के मुताबिक बलूचिस्तान में मानवाधिकारों के हनन का स्तर सबसे ऊपर पहुंच चुका है और हालात लगातार बिगड़ रहे हैं
> पाकिस्तान सरकार, सेना और दूसरे लोगों के हमले में बलूचों के मारे जाने की ख़बरें रोज़ आती हैं
> जो विरोध करता है, उसे मार दिया जाता है ऐसे में कई ‌बलूच नेता पाकिस्तान से बाहर जा चुके हैं




ख़ूनी इतिहास






> आज़ादी से पहले चार रियासतों से मिलकर बलूचिस्तान बना था
> मकरन, खरन और लासबेला साल 1947 में पाकिस्तान के साथ चले गए
> कलत के खनत ने आज़ादी चुनी, लेकिन मार्च 1948 में पाकिस्तान ने उस पर हमला बोल दिया
> बलूचों ने 1948 में ही पाकिस्तान के खिलाफ हथियार उठा लिए थे, लेकिन 2003 से वहां स्वायत्तता की मांग को लेकर आंदोलन ने ज्‍़यादा ज़ोर पकड़ा




बंदूकों का ज़ोर







> बलूचिस्तान लिबरेशन आर्मी, लश्कर-ए-बलूचिस्तान और बलूच लिबरेशन युनाइटेड फ्रंट वहां ख़ासी सक्रिय हैं
> ये संगठन ज्‍़यादा आज़ादी और प्राकृतिक संसाधनों, खनिजों से मिलने वाली कमाई में साझेदारी, प्रांतीय राजस्व और स्वतंत्र देश चाहते हैं
> पाकिस्तान कश्मीर में रायशुमारी कराने की मांग करता रहता है, लेकिन बलूचों की ठीक यही मांग वो कभी नहीं स्‍वीकार करता. बलूचिस्तान, पाकिस्तान का दोगलापन दिखाता है


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लॉडेरहिल (फ्लोरिडा), (आईएएनएस)| अमेरिकी धरती पर हुए पहले अंतर्राष्ट्रीय टी-20 मैच में शनिवार को वेस्टइंडीज ने बेहद रोमांचक मुकाबले में भारत को एक रन से हरा दिया। सेंट्रल ब्रोवार्ड रिजनल पार्क स्टेडियम में हुए मैच में 246 रनों के लक्ष्य का पीछा करते हुए भारतीय टीम निर्धारित 20 ओवरों में चार विकेट खोकर 244 रन बना सकी।

भारत को आखिरी गेंद पर जीत के लिए दो रन चाहिए थे और गेंद का सामना करना था भारत के सबसे सफल कप्तान महेंद्र सिह धौनी की। लेकिन अपने 325वें अंतर्राष्ट्रीय मैच में कप्तानी कर रहे महेंद्र सिंह धौनी (43) इस बार कोई करिश्मा नहीं कर सके और इस आखिरी गेंद पर कैच थमा बैठे।

 दूसरी ओर 51 गेंदों पर 110 रन बनाकर नाबाद खड़े लोकेश राहुल की सारी मेहनत पर पानी फिर गया। टी-20 मैच के इतिहास में दूसरी पारी में सबसे बड़ा स्कोर हासिल करने के बावजूद भारत जीत हासिल नहीं कर सका।


भारत ने बड़े लक्ष्य का पीछा करते हुए शुरुआत तो तेज की लेकिन अजिंक्य रहाणे (7) और कप्तान विराट कोहली (16) के रूप में भारतीय टीम ने शुरुआत में ही दो विकेट गंवा दिए।

 हालांकि इसके बाद सलामी बल्लेबाज रोहित शर्मा (62) और लोकेश राहुल ने धुआंधार साझेदारी कर अगले 43 गेंदों में 89 रन जोड़ डाले और भारत की उम्मीदों को जिंदा रखा।


रोहित ने इस बीच 22 गेंदों में छक्का जड़कर अपना अर्धशतक पूरा किया। रोहित ने 28 गेंदों में चार चौके और इतने ही छक्के जड़े। इसी तरह एक ऊंची शॉट लगाने के प्रयास में वह जॉनसन चार्ल्स के हाथों लपक लिए गए।

 रोहित के जाने के बाद भारत के लिए फिर से लक्ष्य बड़ा लगने लगा, लेकिन इस बार लोकेश राहुल ने जिम्मेदारी संभाली और धौनी के साथ 107 रनों की साझेदारी निभाते हुए टीम को जीत के मुहाने पर पहुंचा दिया।

 राहुल ने 51 गेंदों की अपनी पारी में 12 चौके और पांच छक्के लगाए। इससे पहले भारत के आमंत्रण पर बल्लेबाजी करने उतरे कैरेबियाई बल्लेबाजों ने भारतीय गेंदबाजों की जमकर धुनाई कर दी और 245 रनों का विशाल स्कोर खड़ा कर दिया।


वेस्टइंडीज के लिए जॉनसन चार्ल्स (79) और एविन लुईस (100) ने आतिशी शुरुआत की। चार्ल्स और लुईस ने किसी भी भारतीय गेंदबाज को नहीं बख्शा और मैदान के चारों ओर बड़े शॉट्स की झड़ी लगा दी। दोनों बल्लेबाजों ने बेहद निडर खेल का नजारा पेश किया और आतिशी बल्लेबाजी के नए कीर्तिमान रच डाले।

 वेस्टइंडीज ने किसी भी स्तर के टी-20 मैच में पहले 10 ओवरों में सर्वाधिक 132 रन बनाने का रिकॉर्ड कायम किया। कैरेबियाई टीम के पहले 100 रन तो मात्र 46 गेंदों में ही आ चुके थे।

 मैच का 11वां ओवर लेकर आए स्टुअर्ट बिन्नी पर पांच छक्के लगाते हुए लुईस ने इस ओवर में 32 रन जोड़ डाले, जो टी-20 में किसी ओवर में दूसरा सर्वाधिक रन रहा।

लुईस ने करियर का पहला शतक जड़ने में मात्र 48 गेंदें खेलीं और अंतर्राष्ट्रीय टी-20 में वह पांचवें सबसे तेज शतकवीर बने।

 चार्ल्स ने मात्र 33 गेंदों में छह चौके और सात छक्के जड़े, जबकि लुईस ने 49 गेदों का सामना करते हुए पांच चौके और नौ छक्के लगाए।

 कैरेबियाई टीम ने अंतर्राष्ट्रीय टी-20 में सर्वाधिक 19 छक्कों के रिकॉर्ड को तोड़ते हुए 21 छक्के लगाए और अंतर्राष्ट्रीय टी-20 में अपना सर्वोच्च स्कोर हासिल किया। हालांकि वह श्रीलंका के 260 रनों के सर्वोच्च स्कोर को नहीं लांघ सके।

 भारतीय गेंदबाजों ने आखिरी के ओवरों में थोड़ी रिकवरी की और कैरेबियाई टीम को कई दूसरे अंतर्राष्ट्रीय रिकॉर्ड तोड़ने से वंचित रखा। कैरेबियाई टीम आखिरी के पांच ओवरों में सिर्फ 46 रन बना सकी।


 भारत के लिए रवींद्र जडेजा और जसप्रीत बुमराह ने दो-दो विकेट हासिल किए, जबकि मोहम्मद समी को एक विकेट मिला। दूसरा टी-20 मैच इसी मैदान पर रविवार को खेला जाएगा।






सोर्स:स्पोर्ट्ज़विकी 
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क्या आपने कभी दुकानों के खुलने से पहले सुबह 9:30 बजे शापिंग मॉल के बाहर लोगों की लंबी-लंबी कतारें देखी हैं? रिलायंस जियो के जरिए 90 दिनों के फ्री इंटरनेट का अॉफर आने के बाद देश के कई शहरों में कुछ ऐसा ही नजारा दिखाई दे रहा है.

 देशभर में रिलायंस डिजिटल स्टोर के बाहर सिम पाने के लिए लोगों का तांता लगा हुआ है. हर कोई जियो 4जी अॉफर पाना चाहता है. रिलायंस ने कमर्शियल स्तर पर, बिना 4जी नेटवर्क लॉन्‍च किए ही बाजार में जियो सिम के जरिए तहलका मचा दिया है.

15 लाख से ज्यादा लोग वॉयस, वीडियो काल, मेसेंजिंग सब कुछ मुफ्त में उपयोग कर रहे हैं. जहां ग्राहक इससे बेहद खुश नजर आ रहे हैं, वहीं प्रतिस्पर्धी कंपनियां जल-भुनकर बैठी हुई हैं.

यहां हम आपके लिए लाए हैं ऐसे 5 सवाल, जिनके जवाब पढ़ने के बाद जियो के बारे में आपकी सारी आशंकाएं दूर हो जाएंगी.


अॉफर के 90 दिन के बाद क्या होगा?

 अनलिमिटेड डाटा, वॉयस काल और एसएसएस का फ्री प्लान 90 दिनों बाद खत्म हो जाएगा. इसके बाद ग्राहकों को टैरिफ प्लान खरीदने और आगे रिलायंस जियो के उपयोग के विकल्प दिए जाएंगे.

(फोटो: iStock)


         (फोटो: iStock)     



अगर लीक हुए डाटा प्लान के बारे में बात करें, तो रिलायंस देश का सबसे सस्ते डाटा रेट्स वाला प्लान लाने वाला है. इसमें हर एमबी के लिए आपको देने होंगे केवल 50 पैसे.

कमर्शियल लॉन्‍च कब?

 पहले कमर्शियल लॉन्‍च 15 अगस्त को होना था. लेकिन हालिया खबरों से पता चला है कि मुकेश अंबानी 1 सितम्बर को आरआईएल की सालाना जनरल मीटिंग में इसकी घोषणा कर सकते हैं. शेयरहोल्डर और ग्राहक दिसंबर 2015 से ही इसका इंतजार कर रहे हैं.


क्या यह कानूनी है?

 दूसरी कंपनियों- एयरटेल, वोडाफोन और आइडिया का आरोप है कि रिलायंस ट्रॉयल का गलत इस्तेमाल कर रही है.



(फोटो: iStock)


         (फोटो: iStock)     




कुल मिलाकर रिलायंस, सरकार को बिना 4जी स्पेक्ट्रम की फीस दिए, लोगों को 4जी सर्विस दे रही है. वह भी बिल्कुल मुफ्त में. जियो 4जी ट्रॉयल कुल मिलाकर उस एरिया में अपना बिजनेस कर रहा है, जहां टेलीकॉम रेगुलेटरी अथॉरिटी अॉफ इंडिया को कोई आपत्ति नहीं होती.

  वॉयस कॉल के बारे में क्या?

 जियो नेटवर्क के शुरुआती ग्राहक इसकी वॉयस कॉल सर्विस की शिकायत कर रहे हैं. खुद रिलायंस भी ये बात मानता है.


  ट्राई में दिए गए डाटा के अनुसार, जियो का कॉल ड्रॉप 65% के ऊपर है. वोडाफोन,आइडिया और एयरटेल से रिलायंस जियो के 1.6 करोड़ से ज्यादा कॉल फेल हो चुके हैं. मतलब रिलायंस जियो से की गई कॉल दूसरे साझा किए गए नेटवर्क पर नहीं पहुंचता. इसका कारण दूसरी कंपनियों द्वारा सहयोग न करना है.


(फोटो: द क्विंट)
(फोटो: द क्विंट)     

दूसरी कंपनियां रिलायंस जियो से मतभेद के चलते लिखित में किए गए कॉन्‍ट्रैक्ट के बावजूद सहयोग नहीं कर रही हैं और उनके पास ऐसा करने की वजह भी है. रिलायंस जियो तकरीबन 9 महीने से अपने नेटवर्क को टेस्ट कर रहा है. दूसरी कंपनियों को अलविदा कहकर रिलायंस जियो अपनाने वाले ग्राहकों की संख्या 15 लाख से ज्यादा है. इतनी बड़ी संख्या के चलते ये बिल्कुल भी ट्रॉयल अॉपरेशन नहीं लगता, बल्कि पूरी तरह कमर्शियल अॉपरेशन दिखाई देता है.

  क्या मैं अपने चालू नंबर को रिलायंस जियो पर ट्रांसफर कर सकता हूं?

 चूंकि रिलायंस जियो अभी कमर्शियल स्तर पर लॉन्‍च नहीं किया गया है, इसलिए आप अभी जियो पर अपना नंबर पोर्ट नहीं करा सकते. लेकिन व्यावसायिक स्तर पर लॉन्‍च होने के बाद आप अपनी सिम रिलायंस जियो पर पोर्ट करवा सकते हैं.


(फोटो: रॉयटर्स)(फोटो: रॉयटर्स)



भारत में लोग लंबे समय से इस नेटवर्क के जरिए होने वाली ‘डाटा क्रांति’ के इंतजार में हैं.





सोर्स: The Quint
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भारतीय क्रिकेट बोर्ड और आईसीसी के द्वारा अमेरिका में क्रिकेट को बढ़ावा देने के प्रयास का आज आगाज़ होगा, जब टीम इंडिया, टी-20 विश्व चैंपियंस वेस्टइंडीज़ के साथ मुकाबला करने फ्लोरिडा के सेंट्रल ब्रोवार्ड रीजनल पार्क में शनिवार को उतरेगी.

 टीम इंडिया ने हाल ही में वेस्ट इंडीज़ को उनके ही घर में 2-0 से टेस्ट श्रृंखला में मात दी है. लेकिन जब बात टी-20 क्रिकेट की हो तो वेस्ट इंडीज़ की टीम बिलकुल ही एक अलग टीम उभर कर सामने आती है, मौजूदा टी-20 विश्व चैंपियन वेस्ट इंडीज़ में कई बड़े चेहरे जो टेस्ट मैच में नहीं थे वो वापसी कर रहे है.


 क्रिस गेल, ड्वेन ब्रावो, किरेन पोलार्ड और सुनील नारायण जैसे टी-20 के माहिर खिलाड़ी वेस्टइंडीज़ टीम से जुड़ेंगे. ऐसे में खेल के दीवानों की इस दो टी-20 मैच की सीरीज़ का बेसब्री से इंतज़ार है. लेकिन एक बहुत बड़ी समस्या मैच शुरू होने से पहले ही सामने आ गयी है.


 भारत अभी जब वेस्टइंडीज़ के खिलाफ टेस्ट मैच खेल रही थी तो चार में से 2 मैचों में बारिश के कारण नतीजा नहीं निकल सका. और अब बारिश भारतीय टीम का पीछा करती हुई अमेरिका भी पहुँच गयी है. मौसम विभाग के अनुसार शनिवार और रविवार दोनों दिन तेज़ बारिश की भविष्यवाणी की गयी है.





Photo Courtesy : weather.com




भारतीय कप्तान ने शुक्रवार को प्रेस को सम्बोधित करते हुए कहा कि “मेरा हमेशा से मानना है कि अमेरिका एक बड़ी मार्किट है, यहाँ कई लोग है जो उपमहाद्वीप के रहने वाले है और क्रिकेट देखने के लिए बेताब है. यह एक अच्छी पहल है और समय भी सभी के लिए अनुकूल है, जो लोग अमेरिका नहीं आ सकते वो सब टीवी पर इस मैच को देख सकेंगे. यहाँ के लोग वेस्ट इंडीज़ हमे खेलते हुए देखने के लिए आया करते थे लेकिन अब उनके पास मौका है कि वो हमे यही खलेते हुए देख सके.”

 बीसीसीआई और वेस्ट इंडीज़ क्रिकेट बोर्ड ने यह सीरीज टेस्ट मैच की श्रृंखला के बीच ही तय की थी, और बीसीसीआई अध्यक्ष अनुराग ठाकुर ने कहा था, कि न्यूट्रल जगह पर क्रिकेट ही क्रिकेट का भविष्य है और अगर यह सीरीज़ सफल रही तो हम ऐसा हर साल करने के पक्ष में है.


 लेकिन अब सारा दारोमदार मौसम पर आ कर टिका हुआ है, अगर बारिश के कारण यह मैच नहीं खेले गये तो खेल प्रेमियों के साथ साथ आईसीसी को भी काफी नुक्सान होगा. हम यही आशा करते है कि फ्लोरिडा में सूरज चमके, और इस टी-20 श्रृंखला में हमे दोनों टीमों से अच्छा खेल देखने को मिले.




सोर्स:स्पोर्ट्ज़विकी 

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आपने मंदिर में हनुमार जी के दर्शन किये ही होंगे, लेकिन अब जो हम आपको बताने जा रहे है, उसके सुनकर शायद आपको हमारी बातों पर यकीन ना हो लेकिन ये सच हैं। आपको बता दे कि इलाहाबाद के संगम तट पर एक लेटे हुए हनुमान जी है। दरअसल गंगा नदी के तट पर त्रिवेणी के नज़दीक लेटे हुए हनुमान का मंदिर है। वैसे तो उन्हें प्रयाग का कोतवाल भी कहते हैं।


हनुमान जी की इस मूर्ति के बारे में कहा जाता है कि अंग्रेज़ों के समय में उन्हें सीधा करने का प्रयास किया गया था, लेकिन वे असफल रहे थे। जैसे-जैसे लोगों ने ज़मीन को खोदने का प्रयास किया, मूर्ति नीचे धंसती चली गई।



ये अनोखी हनुमान जी की मूर्ति 20 फीट लंबी है। और आपको बता दें हनुमान जी की यह इकलौती प्रतिमा है जो लेटी हुई मुद्रा में है। संगम का पूरा पुण्य हनुमान जी के इस दर्शन के बाद ही पूरा होता है। इसे बड़े हनुमान मंदिर के नाम से भी जाना जाता है। ऐसा माना जाता है कि लंका पर विजय के बाद देवी सीता ने हनुमान जी को आराम करने के लिए कहा था। इसके बाद उन्होंने प्रयाग में आकर विश्राम किया था। ये वही पवित्र स्थान है। 




आपको बता दे कि इलाहाबाद के लोगों की मान्यता है कि जब-जब गंगा ने लेटे हनुमानजी की चरण वंदना की है तब-तब विपत्ति से मुक्त मंगलमय वर्ष रहा है, जिसमें वहां रह रहे लोगों को भी काफी फायदा हुआ है, चाहे वो पैसा हो, या बिजनेस। तो आप भी अगर चाहते है कि आपके जीवन में सुख शांति और समृद्धि आए, तो जीवन में इन हुनुमान जी के दर्शन जरूर कीजिए।



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भगवान श्रीकृष्ण के बांके बिहारी रूप और बाल लीलाओं के लिए विख्यात मथुरा जिले के वृंदावन में लाखों लोग दर्शन के लिए आते हैं. इसी वृंदावन में एक ऐसी जगह भी मौजूद है, जिसको लेकर मान्यता है कि वहां हर रात भगवान श्रीकृष्ण और राधा रास रचाने आते हैं. निधिवन के नाम से पहचानी जाने वाली इस जगह को लेकर कई ऐसी मान्यताएं हैं, जिन पर विश्वास करना कठिन है. जानिए निधिवन की मान्यताओं और उससे जुड़ी रोचक कहानियों के बारे में




गीली दातून और बिखरा हुआ बिस्तर





निधिवन में मौजूद पंडित और महंत बताते हैं कि हर रात भगवान श्री कृष्ण के कक्ष में उनका बिस्तर सजाया जाता है, दातुन और पानी का लोटा रखा जाता है. जब सुबह मंगला आरती के लिए पंडित उस कक्ष को खोलते हैं तो लोटे का पानी खाली, दातुन गिली, पान खाया हुआ और कमरे का सामान बिखरा हुआ मिलता है




शाम होते ही, सब छोड़ देते हैं वन!





पौराणिक मान्यता है कि निधिवन बंद होने के बाद भी यदि कोई छिपकर रासलीला देखने की कोशिश करता है तो वह पागल हो जाता है. मंदिर के महंत और आसपास के लोग इससे जुड़े कई किस्से सुनाते हैं. उनके म‌ुताबिक जयपुर से आया एक कृष्ण भक्त रास लीला देखने के लिए निधिवन में छिप गया. जब सुबह निधि वन खुला तो वो बेहोश मिला और उसका मानसिक संतुलन बिगड़ गया था

ऐसे ही कई भक्तों की कहानियां वहां प्रचलित हैं. दावा ये भी किया जाता है कि वहां मौजूद पशु-पक्षी और यहां तक कि चींटी भी शाम होते ही, वन छोड़ देती हैं.




ज़मीन की ओर बढ़ते हैं पेड़..





निधिवन में मौजूद पेड़ भी अपनी तरह के बेहद ख़ास हैं. जहाँ आमतौर पर पेड़ों की शाखाएं ऊपर की और बढ़ती है, वहीं निधि वन में मौजूद पेड़ों की शाखाएं नीचे की और बढ़ती हैं. इन पेड़ों की स्थिति ऐसी है कि रास्ता बनाने के लिए उनकी शाखाओं को डंडो के सहारे फैलने से रोका गया है




नहीं खुलती हैं घरों की खिड़कियां





ऐसी मान्यता है कि जो रात में होने वाले भगवान श्री कृष्ण और राधा के रास को देख लेता है वो पागल या अंधा हो जाता है. इसी कारण निधिवन के आसपास मौजूद घरों में लोगों ने उस तरफ खिड़कियां नहीं लगाई हैं, जिन मकानों में खिड़कियां हैं भी, वो शाम सात बजे मंदिर की आरती का घंटा बजते ही उन्हें बंद कर लेते हैं. कई लोगों ने अपनी खिड़कियों को ईंटों से बंद भी करा दिया है. आसपास रहने वाले लोगों के मुताबिक शाम सात बजे के बाद कोई इस वन की तरफ नहीं देखता




जहां बांके बिहारी ने दिए दर्शन!






निध‌िवन में ही ठा. बिहारी जी महाराज का दर्शन स्थल भी है। मान्यता है कि संगीत सम्राट एवं धुरपद के जनक स्वामी हरिदास भजन गाया करते थे. माना जाता है कि बांकेबिहारी जी ने उनकी भक्ति संगीत से प्रसन्न होकर एक सपना दिया. सपने में कहा कि मैं तुम्हारी साधना स्थल में ही विशाखा कुंड के पास ज़मीन में छिपा हूं. सपने के बाद हरिदास जी ने अपने शिष्यों की मदद से बिहारी जी को निकलवाया और मंदिर की स्थापना की. ये मंद‌िर आज भी वहां मौजूद है - 







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फ्लोरिडा में 27 और 28 अगस्त को होने वाले टी20 मैचों के बाद भारत और वेस्टइंडीज की आईसीसी टी20 रैंकिंग में बदलाव हो सकता है। दो मैचों की इस सीरीज में रैंकिंग की नंबर दो और नंबर तीन टीम के बीच मुकाबला है। विश्व चैंपियन वेस्टइंडीज फिलहाल तीसरे नंबर पर काबिज़ है और भारतीय टीम उनसे ऊपर दूसरे स्थान पर है। पहले स्थान पर न्यूजीलैंड की टीम ने अपना स्थान वर्ल्ड टी20 के बाद से बरकरार रखा हुआ है।

भारत के फ़िलहाल 128 अंक हैं और वो न्यूजीलैंड से चार अंक पीछे हैं। वेस्टइंडीज के 122 अंक हैं और वो चौथे स्थान पर मौजूद दक्षिण अफ्रीका से तीन अंक आगे हैं।

अगर भारतीय टीम इस सीरीज को 2-0 से जीतती है, तो उनके न्यूजीलैंड के बराबर 132 अंक हो जाएंगे। हालाँकि दसम्लव के बाद की गणना से न्यूजीलैंड ही टॉप पर रहेगी। दो मैचों में हार के कारण वेस्टइंडीज की टीम के 118 अंक हो जाएंगे और वो रैंकिंग में दक्षिण अफ्रीका के बाद चौथे स्थान पर आ जाएगी।

वहीँ अगर वेस्टइंडीज की टीम अगर 2-0 से सीरीज जीतती है तो उनके 127 अंक हो जाएँगे और वो दूसरे स्थान पर पहुँच जाएगी। इस वजह से भारतीय टीम के 124 अंक हो जाएंगे और वो तीसरे स्थान पर पहुँच जाएगी। अगर सीरीज 1-1 से ड्रॉ रही, तो फिर दोनों टीमों को स्थान का फायदा नहीं होगा लेकिन वेस्टइंडीज को 1 अंक का फायदा हो जाएगा।

अगर बल्लेबाजी रैंकिंग की बात करें तो फ़िलहाल विराट कोहली पहले स्थान पर मौजूद हैं और इस सीरीज में अपना बढ़िया फॉर्म जारी रखकर वो पहले स्थान पर ही बरक़रार रहना चाहेंगे। इसके बाद भारत से 23वें स्थान पर रोहित शर्मा मौजूद हैं और वो टॉप 15 में जगह बनाने की कोशिश करेंगे। महेंद्र सिंह धोनी 50वें स्थान पर मौजूद हैं और ज्यादा बल्लेबाजी के मौके ही उन्हें रैंकिंग में फायदा पहुंचा सकती है। वेस्टइंडीज की तरफ से क्रिस गेल आठवें और मार्लन सैमुएल्स 17वें स्थान पर मौजूद हैं। इसके अलावा टॉप 50 में लेंडल सिमंस (31वें), ड्वेन ब्रावो (37वें) और आंद्रे फ्लेचर (48वें) भी मौजूद हैं और सभी अपनी स्थिति सुधारना चाहेंगे।

गेंदबाजी रैंकिंग की अगर बात करें तो वेस्टइंडीज के सैमुएल बद्री पहले और सुनील नरेन चौथे स्थान पर मौजूद हैं। भारत की तरफ से टॉप 10 में जसप्रीत बुमराह दूसरे और रविचन्द्रन अश्विन सातवें स्थान पर हैं, दोनों के पास अपनी रैंकिंग में सुधार करने का मौका है। रविन्द्र जडेजा 19वें और ड्वेन ब्रावो 39वें स्थान पर मौजूद हैं।

ऑलराउंडरों की रैंकिंग में मार्लन सैमुएल्स पांचवें स्थान पर मौजूद हैं।





सोर्स:स्पोर्ट्सकीड़ा                      
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रियो में ओलंपिक का खेला खत्म हो गया है. खेल के आखिरी दिन अपने पूरे मुलुक को पहलवान योगेश्वर दत्त से उम्मीदें थीं. लेकिन मंगोलिया के पहलवान ने योगेश्वर दत्त को पटखनी देकर उम्मीदों का मर्तबान चकनाचूर कर दिया था. इस मंगोलियन पहलवान का नाम है गैंजोरिग मंदाकनरन. लेकिन दिल दुखाने की हाय लग गई गैंजोरिग को. शॉर्ट कालांतर में गैंजोरिग के कोचों के कपड़े उतर गए. कइसे, अइसे…
फोटो क्रेडिट: reuters
भाई गैंजोरिग योगेश्वर दत्त को हराकर खेल में आगे बढ़ लिया, लेकिन आगे के राउंड्स में ये बंदा जीतकर भी हार गया. और हां, क्योंकि ये बॉलीवुड नहीं है इसलिए इसे बाजीगर भी नहीं कहेंगे. लेट्स मेक इट इजी. दरअसल, मंगोलियन पहलवान ब्रॉन्ज मेडल के लिए उज्बेकिस्तान के पहलवान से लड़ रहा था. मैच खत्म होने से कुछ पहले का स्कोर 6-7 था. लेकिन आखिरी सेकेंड्स में खेला पलटा और रेफरी ने उज्बेकिस्तान के पहलवान को एक पॉइंट देकर 7-7 पर खेला ‘अंतिम अध्याय संपन्न भवति’ यानी फिनिश कर दिया.
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रेफरी ने कहा, ‘आखिरी सेकेंड्स में गैंजोरिग उज्बेकिस्तान के पहलवान से भागे-भागे फिर रहे थे. वो ऐसा समझ रहे थे कि जैसे वो जीत गए. मैच के वक्त में गैंजोरिंग जश्न मनाने सा लगे, जबकि ये भी पॉसिबल है कि इतनी देर में उज्बेकिस्तान का पहलवान गैंजोरिग को हरा देता.’ इस लॉजिक के साथ रेफरी ने एक पॉइंट उज्बेकिस्तान के पहलवान को दिया. गैंजोरिग अपने कोच समेत कहने लगे कि ये गलत है, पर रेफरी ने कहा- सॉरी डूड, माई डिसिजन इज अटल.
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अब बस इसी बात से गैंजोरिग के दो कोच गुस्सा हो गए. गुस्सा भी इतने कि बच्चों की तरफ लोटने लगे. जैसे छोटे बच्चों की चिज्जी न दिलाओ तो वो रोने लगते हैं. ठीक वैसे ही ये कोच रुंआसे हो गए और वहीं रिंग में ही निक्कर छोड़ अपने सारे कपड़े उतार फेंके.
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अपने जूते उतारे और वो भी गुस्से से रिंग में फेंक मारे. धीरे-धीरे दोनों कोच ‘क्लिक करो होड़ रूपी वेबसाइट के माफिक: देखें हॉट तस्वीरें’ नंगे हो लिए.
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ये दोनों मुंह जमीन के नीचे कर लोट गए. एक कोच बाद में रिपोर्टर से बोले- ये प्रोटेस्ट था. इस रेफरी के साथ कुछ प्रॉब्लम है. मंगोलिया के 30 लाख लोग मेडल का इंतजार कर रहे थे, लेकिन हमारे पास अब भी एक मेडल नहीं है. इसी वजह से हमने ये किया…
फोटो क्रेडिट: reuters






सोर्स:लल्लनटॉप.कॉम 
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प्रदेश के विभिन्न हिस्सों में बाढ़ के कारण स्थिति गंभीर बनी हुई है। बुंदेलखंड में बाढ़ पीड़ितों की मदद के लिए सेना बुलाई गई है। कई जगहों पर जहां नदियों का जलस्तर बढ़ा हुआ है, वहीं इलाहाबाद में गंगा और यमुना खतरे के निशान से ऊपर बह रही हैं।
बलिया में घाघरा नदी का पानी एनएच-31 पर पहुंच गया है। वाराणसी में गंगा-वरुणा के उफान ने कई इलाकों को चपेट में ले लिया। यहां गंगा खतरे के निशान से 41 सेंटीमीटर ऊपर हैं।

बलिया में बाढ़ से 50 हजार लोगों का जिला मुख्यालय से संपर्क कट गया। कुछ स्थानों पर एनडीआरएफ की टीमें लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाने में जुटी हुई हैं।
ग्रामीण हिस्सों में हालत खराब है। लोगों के लिए पेयजल और मवेशियों के लिए चारे का संकट उत्पन्न हो गया है। चंदौली में 157 गांवों के एक लाख लोग बाढ़ की चपेट में हैं। कई स्थानों में लोगों ने घर की छतों के साथ ही स्कूलों में शरण ली हुई है।

तीन साल सूखा झेलने के बाद बुंदेलखंड में बाढ़ का कहर


नाव पर सवार होकर पलायन करते लोग (मिर्जापुर)PC: amar ujala

लगातार तीन साल से सूखे से तबाह बुंदेलखंड में अब बाढ़ कहर बरपा रही है। क्षेत्र के सभी बांध लबालब हो गए हैं और इनका जलस्तर लगातार बढ़ रहा है। सैकड़ों गांवों में पानी घुस गया है। बाढ़ पीड़ितों की मदद के लिए सेना बुलाई गई है।

इसके अलावा आगरा से पीएससी की एक कंपनी भी तैनात कर दी गई है। चित्रकूट, महोबा, जालौन में कई गांवों का जिला मुख्यालय से संपर्क कट गया है।

जालौन के 350 गांवों में बाढ़ का खतरा बना हुआ है। जौनपुर में चंदवक के 12 गांवों में पानी पहुंच गया है। इलाहाबाद में राष्ट्रीय आपदा मोचन बल की टीमें लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाने में जुटी हुई हैं।

गाजीपुर में गंगा के साथ गोमती, बेसो, भैंसहीं, मगई, उदंती नदियां भी उफान पर हैं। चुरहट के पास पुल पर पानी चढ़ जाने से रीवा-रांची राष्ट्रीय राजमार्ग के रास्ते सिंगरौली-सीधी का आवागमन ठप हो गया है।

एनएच 31 पर पहुंचा घाघरा का पानी, भारी वाहनों पर रोक


बाढ़ का एक दृश्यPC: amar ujala

(बलिया)। बैरिया तहसील के चांद दियर ग्राम पंचायत के समीप एनएच 31 पर शनिवार को घाघरा का पानी बहने लगा। इससे इलाके में अफरातफरी मच गई।

आननफानन में प्रशासनिक अधिकारी मौके पर पहुंचे तथा स्थिति की गंभीरता को देखते हुए बलिया और बिहार दोनों तरफ से भारी वाहनों की आवाजाही पर रोक लगा दी। डीएम और एसपी ने भी स्थिति का जायजा लिया।

गंगा, वरुणा, असि किनारे 10 हजार से अधिक लोग बाढ़ से प्रभावित हैं। शनिवार को बैरिया तहसील के चांद दियर ग्राम पंचायत के यादव नगर के सामने एनएच 31 पर घाघरा का पानी प्रवेश कर गया। गाजीपुर में ताड़ीघाट रेलवे स्टेशन परिसर में बाढ़ का पानी घुसने से दुकानें बंद हो गईं।

उधर, रिहंद डैम का जलस्तर बढ़कर 872.4 फीट पहुंच गया। जिलाधिकारी गोविंद राजू एनएस ने कहा कि बाढ़ की गंभीरता को देखते हुए राहत आयुक्त से राष्ट्रीय आपदा मोचन बल  (एनडीआरएफ) की मांग की गई है।

इलाहाबाद में गंगा, यमुना खतरे के निशान से ऊपर

बाढ़ में डूबा एक मंदिरPC: amar ujala

इलाहाबाद में गंगा और यमुना खतरे के निशान से ऊपर बह रही हैं। बाढ़ नियंत्रण कक्ष के मुताबिक गंगा का वर्तमान जलस्तर 85.060 मीटर है जो खतरे के निशान (84.734 मीटर) से 32 सेंटीमीटर ऊपर है।

इसी तरह यमुना का वर्तमान जलस्तर 84.940 मीटर है जो खतरे के निशान (84.734 मीटर) से 20 सेंटीमीटर ऊपर है।

गंगा की तेज लहरों के कारण शुक्रवार देर रात सलोरी में तीन और गोविंदपुर में दो मकान गिर गए। यमुना से सटे स्थानीय मोहल्लों में पानी भीतर तक घरों में घुस गया है। एनडीआरएफ की दो टीमें लोगों को सुरक्षित ठिकानों तक पहुंचाने में जुटी हैं।




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ओलंपिक खेलों का आज आखिरी दिन था। पूरे देश की नजरें  लंदन ओलंपिक के कांस्य पदक विजेेता योगेश्वर दत्त पर टिकी थीं, योगेश्नर की मां के साथ-साथ सवा अरब लोगों को यकीन था  कि वह स्वर्ण पदक जीतकर देश को गौरान्वित करेंगे। 
शाम पांच बजे उनका मुकाबला मंगोलिया के पहलवान मंदाखरदान गैंजोरिक से शुरु हुआ। हर कोई टकटकी लगाए अपने-अपने टीवी सेट के आगे इस आशा में बैठा था कि आज वे इतिहास  बनता देखेंगे। 
आज योगेश्वर देश को स्वर्ण पदक दिलाने वाले भारतीय पहलवान बनेंगे। लेकिन कुछ ही पलों में लोगों की आशाएं काफूर हो गया। योगेश्वर का कोई दांव मंगोलिया के पहलवान के सामने नहीं चला और पहले ही दौर में  उन्हें 3-0 के अंतर से हार का सामना करना पड़ा। 



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रियो ओलंपिक अपने अंतिम दौर में है और पूरे भारत की नजर देश के सबसे बेहतरीन पहलवान योगेश्वर दत्त पर टिकी है. 21 अगस्त रविवार को रियो ओलंपिक के अंतिम दिन योगेश्वर ओलंपिक में अपने मेडल का रंग बदलने उतरेंगे. 2012 के लंदन ओलंपिक में योगेश्वर ने ब्रॉन्ज मेडल जीता था और अब उनकी चाहत गोल्ड जीतकर दुनिया का नंबर वन पहलवान बनने की है.

योगेश्वर फिर तैयार हैं. सामने है रियो ओलंपिक में गोल्ड जीतने की चुनौती. योगेश्वर की फिटनेस पहले से बेहतर लग रही है. कुश्ती के मैट पर चुस्ती फुर्ती पहले से तेज नजर आ रही है और फॉर्म भी अच्छी है.

योगेश्वर ने 2012 ओलंपिक में ब्रॉन्ज जीतने के बाद 2014 कॉमनवेल्थ और एशियन गेम्स में गोल्ड मेडल जीता. अब ओलंपिक गोल्ड के लिए 65 किलो ग्राम वर्ग में 21 जुलाई को योगेश्वर का मुकाबला है. रविवार देर रात ही मेडल का भी फैसला हो जाएगा.


भारत के खाते में एक सिल्वर और एक ब्रॉन्ज मेडल तो आ चुका है बस अब गोल्ड का इंतजार है और उम्मीद यही है कि योगेश्वर दत्त इंडिया के इस गोल्ड का इंतजार रियो ओलंपिक के आखिरी दिन खत्म कर देंगे और सोना लेकर ही घर लौटेंगे.






सोर्स:ABPलाइव 
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‘राम नाम के हीरा मोती लूट सके तो लूट’

लेकिन पॉलिटिकल फरमे में कोई हल्का व्यंग्यकार कह दे कि ‘राम नाम के वोट हैं काफी, लूट सके तो लूट’, तो गलत नहीं होगा. राजनीति में राम के डेब्यू के बाद से उनकी भक्ति पर बड़े-बड़े दावे किए गए हैं. लेकिन आपको बताते हैं उनके बारे में, जो एक समय सबसे बड़े राम भक्त कहलाते थे और इसमें कहीं कोई राजनीति नहीं थी.
ये है हिंदुस्तान का ‘रामनामी’ समुदाय. इस समुदाय के लोग पूरे शरीर पर, यहां तक कि जीभ और होठों पर भी ‘राम नाम’ गोदवा लेते थे.

शरीर पर राम नाम का टैटू (गोदना), रामनामी चादर, मोरपंख की पगड़ी और घुंघरू इनकी पहचान थी. मर्यादा पुरुषोत्तम भगवान राम की भक्ति और गुणगान ही इनकी जिंदगी का एकमात्र मकसद था. भजन गाते और मस्त रहते. यह ऐसी संस्कृति थी, जिसमें राम नाम को कण-कण में बसाने की परपंरा रही. पूर्वी मध्य प्रदेश, झारखंड के कोयला क्षेत्र और छत्तीसगढ़ में फैले रामनामी समुदाय ने एक सदी तक इस अनूठी परंपरा को बचाए रखा. फिर कई वजहों से उनकी संख्या घटती चली गई.
75 साल की पुनई बाई ने 18 साल की उम्र में रामनामी गोदना पूरे शरीर पर बनवा लिया था. वह एक कमरे में अपने बेटे, बहू और दो पोतों के साथ छत्तीसगढ़ के कोरबा में रहती हैं. कहती हैं, ‘भगवान सबके लिए होता है. एक जात के लिए नहीं.’ Photo: Reuters
लंबे समय तक ये बदलाव की हवा से अछूते और आदिम रीति-रिवाजों और परंपराओं से जकड़े हुए रहे. लेकिन बाद के दौर में नई पीढ़ी इन परंपराओं से बचने लगी. रायगढ़, रायपुर और बिलासपुर जिले के रामनामियों में दो दशक पहले ही आधुनिकता ने पैठ बनानी शुरू कर दी थी. पक्की सड़कों, डाक और बिजली के खंभों के जरिये वे शहरों से जुड़ गए और फिर उनकी प्राथमकिताएं बदल गईं. पूरे शरीर पर राम नाम गोदने की परंपरा तो अब लगभग खत्म ही हो चुकी है.
72 साल के चंदा राम छत्तीसगढ़ के चपोरा में रहते हैं. चांद पर भी राम का नाम गुदवा रखा है. Photo: Reuters

अछूत होने की निशानी बन गया गोदना

फिर भी इस परंपरा की कहानी आकर्षित करती है. दरअसल इस आस्था की जड़ें ऐतिहासिक छुआछूत और जातीय भेदभाव में हैं. कभी अटूट निष्ठा का प्रतीक रहा इनका गोदना इनके अछूत (दलित) होने की पहचान बन गया था.
घरों में रामायण जरूर मिलेगी. छत्तीसगढ़ के चांदलीदी में रामनामी समाज का एक घर. Photo: Reuters.
अक्टूबर 1992 में ‘इंडिया टुडे’ के एक अंक में इन पर स्टोरी छपी थी. इस स्टोरी में रामनामी समुदाय के गजानंद प्रसाद बंजारा कहते हैं कि राम नाम गोदवाने, रामनामी चादर और पंखों की पगड़ी से उनकी जाति पता चलती है और वे पिछड़ी जातियों से होने वाले बुरे बर्ताव के शिकार बन जाते है. बहुत संभव है कि इस जातीय पहचान से बचने के लिए भी बहुत सारे लोगों ने राम नाम गोदवाना छोड़ दिया हो.
70 साल की सुमित्रा देवी. छत्तीसगढ़ के चपोरा में रहती हैं. उन्हें मंदिरों में घुसने की इजाजत नहीं है. कुएं भी अलग हैं. बुजुर्गों को अब भी राम नाम के गोदने पर गर्व है. Photo: Reuters

पर इसका किस्सा क्या है?

कहा जाता है कि 19वीं सदी के आखिर में हिंदू सुधार आंदोलन के दौरान इन लोगों ने ब्राह्मणों के रीति-रिवाज अपना लिए. इससे ब्राह्मणों का गुस्सा भड़क उठा. उनके गुस्से से त्रस्त रामनामियों ने सचमुच राम नाम की शरण ली. वे उन दीवारों के पीछे जा छिपे, जिन पर राम नाम अंकित था. जब ये दीवारें भी ब्राह्मणों की प्रताड़ना से उन्हें नहीं बचा पाईं तो उन्होंने शरीर पर राम नाम गोदाने को आखिरी हथियार के तौर पर अपनाया कि शायद यह कोई चमत्कार दिखाए.
पुनई बाई का ताज मोरपंखों से बना है. लेकिन यह उनके सामाजिक स्तर को उठाने में मदद नहीं करता. दलित के तौर पर उनकी पहचान को ही सुनिश्चित करता है. Photo: Reuters
माना जाता है कि छत्तीसगढ़ के जांजगीर-चांपा के चारपारा गांव में एक दलित युवक परसराम ने 1890 के आसपास रामनामी संप्रदाय की स्थापना की. इसे भक्ति आंदोलन से जोड़ा जाता है, लेकिन इसे सामाजिक और दलित आंदोलन के रूप में देखने वालों की संख्या भी कम नहीं है.
बिशराम. 70 साल के हैं. नाम में भी राम है, शरीर पर भी. Photo: Reuters

राम की राजनीति से रिश्ता नहीं

कुछ लोग मानते हैं कि रामनामी एक महत्वपूर्ण आंदोलन का हिस्सा हैं क्योंकि ब्राह्मणों की घृणा और तिरस्कार के खिलाफ उन्होंने महात्मा गांधी की अहिंसक शैली में विद्रोह किया. बाबरी ढांचा गिराए जाने से काफी पहले जब कुछ कट्टर राम भक्त राम मंदिर के लिए शिलाएं जुटाने ग्वालिंदी आए तो यहां के रामनामियों ने भी खुशी खुशी एक शिला दी थी. वैसे अगर कोई ईसाई पादरी खंभा मांगने पहुंचता तो उसे भी निराश नहीं लौटना पड़ता. 23 साल पहले की ‘इंडिया टुडे’ की स्टोरी में सोनारिन बाई बंजारे का यह कथन काबिले-गौर है कि ‘मेरा ईश्वर भी औरों के भगवान की तरह है. मैं केवल उसे राम कहकर पुकारती हूं.’

यह पढ़कर अवधी कवि आद्या प्रसाद ‘उन्मत्त’ याद आते हैं:


लरिकै राह निहारत होइहैं, चल जिउ अपने गांव चली
ऊ अपनी सरधा कै मंदिर, चल धुरियाये पांव चली
मजहब की छाती पर बैठा भल भै कोदौं दरे रहैं
हमरे राम क धरम न पूछैं, एत्ती किरपा करे रहैं






सोर्स:लल्लनटॉप.कॉम 
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