प्रदेश के विभिन्न हिस्सों में बाढ़ के कारण स्थिति गंभीर बनी हुई है। बुंदेलखंड में बाढ़ पीड़ितों की मदद के लिए सेना बुलाई गई है। कई जगहों पर जहां नदियों का जलस्तर बढ़ा हुआ है, वहीं इलाहाबाद में गंगा और यमुना खतरे के निशान से ऊपर बह रही हैं।
बलिया में घाघरा नदी का पानी एनएच-31 पर पहुंच गया है। वाराणसी में गंगा-वरुणा के उफान ने कई इलाकों को चपेट में ले लिया। यहां गंगा खतरे के निशान से 41 सेंटीमीटर ऊपर हैं।
बलिया में बाढ़ से 50 हजार लोगों का जिला मुख्यालय से संपर्क कट गया। कुछ स्थानों पर एनडीआरएफ की टीमें लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाने में जुटी हुई हैं।
ग्रामीण हिस्सों में हालत खराब है। लोगों के लिए पेयजल और मवेशियों के लिए चारे का संकट उत्पन्न हो गया है। चंदौली में 157 गांवों के एक लाख लोग बाढ़ की चपेट में हैं। कई स्थानों में लोगों ने घर की छतों के साथ ही स्कूलों में शरण ली हुई है।
लगातार तीन साल से सूखे से तबाह बुंदेलखंड में अब बाढ़ कहर बरपा रही है। क्षेत्र के सभी बांध लबालब हो गए हैं और इनका जलस्तर लगातार बढ़ रहा है। सैकड़ों गांवों में पानी घुस गया है। बाढ़ पीड़ितों की मदद के लिए सेना बुलाई गई है।
इसके अलावा आगरा से पीएससी की एक कंपनी भी तैनात कर दी गई है। चित्रकूट, महोबा, जालौन में कई गांवों का जिला मुख्यालय से संपर्क कट गया है।
जालौन के 350 गांवों में बाढ़ का खतरा बना हुआ है। जौनपुर में चंदवक के 12 गांवों में पानी पहुंच गया है। इलाहाबाद में राष्ट्रीय आपदा मोचन बल की टीमें लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाने में जुटी हुई हैं।
गाजीपुर में गंगा के साथ गोमती, बेसो, भैंसहीं, मगई, उदंती नदियां भी उफान पर हैं। चुरहट के पास पुल पर पानी चढ़ जाने से रीवा-रांची राष्ट्रीय राजमार्ग के रास्ते सिंगरौली-सीधी का आवागमन ठप हो गया है।
इसके अलावा आगरा से पीएससी की एक कंपनी भी तैनात कर दी गई है। चित्रकूट, महोबा, जालौन में कई गांवों का जिला मुख्यालय से संपर्क कट गया है।
जालौन के 350 गांवों में बाढ़ का खतरा बना हुआ है। जौनपुर में चंदवक के 12 गांवों में पानी पहुंच गया है। इलाहाबाद में राष्ट्रीय आपदा मोचन बल की टीमें लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाने में जुटी हुई हैं।
गाजीपुर में गंगा के साथ गोमती, बेसो, भैंसहीं, मगई, उदंती नदियां भी उफान पर हैं। चुरहट के पास पुल पर पानी चढ़ जाने से रीवा-रांची राष्ट्रीय राजमार्ग के रास्ते सिंगरौली-सीधी का आवागमन ठप हो गया है।
(बलिया)। बैरिया तहसील के चांद दियर ग्राम पंचायत के समीप एनएच 31 पर शनिवार को घाघरा का पानी बहने लगा। इससे इलाके में अफरातफरी मच गई।
आननफानन में प्रशासनिक अधिकारी मौके पर पहुंचे तथा स्थिति की गंभीरता को देखते हुए बलिया और बिहार दोनों तरफ से भारी वाहनों की आवाजाही पर रोक लगा दी। डीएम और एसपी ने भी स्थिति का जायजा लिया।
गंगा, वरुणा, असि किनारे 10 हजार से अधिक लोग बाढ़ से प्रभावित हैं। शनिवार को बैरिया तहसील के चांद दियर ग्राम पंचायत के यादव नगर के सामने एनएच 31 पर घाघरा का पानी प्रवेश कर गया। गाजीपुर में ताड़ीघाट रेलवे स्टेशन परिसर में बाढ़ का पानी घुसने से दुकानें बंद हो गईं।
उधर, रिहंद डैम का जलस्तर बढ़कर 872.4 फीट पहुंच गया। जिलाधिकारी गोविंद राजू एनएस ने कहा कि बाढ़ की गंभीरता को देखते हुए राहत आयुक्त से राष्ट्रीय आपदा मोचन बल (एनडीआरएफ) की मांग की गई है।
आननफानन में प्रशासनिक अधिकारी मौके पर पहुंचे तथा स्थिति की गंभीरता को देखते हुए बलिया और बिहार दोनों तरफ से भारी वाहनों की आवाजाही पर रोक लगा दी। डीएम और एसपी ने भी स्थिति का जायजा लिया।
गंगा, वरुणा, असि किनारे 10 हजार से अधिक लोग बाढ़ से प्रभावित हैं। शनिवार को बैरिया तहसील के चांद दियर ग्राम पंचायत के यादव नगर के सामने एनएच 31 पर घाघरा का पानी प्रवेश कर गया। गाजीपुर में ताड़ीघाट रेलवे स्टेशन परिसर में बाढ़ का पानी घुसने से दुकानें बंद हो गईं।
उधर, रिहंद डैम का जलस्तर बढ़कर 872.4 फीट पहुंच गया। जिलाधिकारी गोविंद राजू एनएस ने कहा कि बाढ़ की गंभीरता को देखते हुए राहत आयुक्त से राष्ट्रीय आपदा मोचन बल (एनडीआरएफ) की मांग की गई है।
इलाहाबाद में गंगा और यमुना खतरे के निशान से ऊपर बह रही हैं। बाढ़ नियंत्रण कक्ष के मुताबिक गंगा का वर्तमान जलस्तर 85.060 मीटर है जो खतरे के निशान (84.734 मीटर) से 32 सेंटीमीटर ऊपर है।
इसी तरह यमुना का वर्तमान जलस्तर 84.940 मीटर है जो खतरे के निशान (84.734 मीटर) से 20 सेंटीमीटर ऊपर है।
गंगा की तेज लहरों के कारण शुक्रवार देर रात सलोरी में तीन और गोविंदपुर में दो मकान गिर गए। यमुना से सटे स्थानीय मोहल्लों में पानी भीतर तक घरों में घुस गया है। एनडीआरएफ की दो टीमें लोगों को सुरक्षित ठिकानों तक पहुंचाने में जुटी हैं।
इसी तरह यमुना का वर्तमान जलस्तर 84.940 मीटर है जो खतरे के निशान (84.734 मीटर) से 20 सेंटीमीटर ऊपर है।
गंगा की तेज लहरों के कारण शुक्रवार देर रात सलोरी में तीन और गोविंदपुर में दो मकान गिर गए। यमुना से सटे स्थानीय मोहल्लों में पानी भीतर तक घरों में घुस गया है। एनडीआरएफ की दो टीमें लोगों को सुरक्षित ठिकानों तक पहुंचाने में जुटी हैं।
सोर्स:अमरउजाला
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