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आपने मंदिर में हनुमार जी के दर्शन किये ही होंगे, लेकिन अब जो हम आपको बताने जा रहे है, उसके सुनकर शायद आपको हमारी बातों पर यकीन ना हो लेकिन ये सच हैं। आपको बता दे कि इलाहाबाद के संगम तट पर एक लेटे हुए हनुमान जी है। दरअसल गंगा नदी के तट पर त्रिवेणी के नज़दीक लेटे हुए हनुमान का मंदिर है। वैसे तो उन्हें प्रयाग का कोतवाल भी कहते हैं।


हनुमान जी की इस मूर्ति के बारे में कहा जाता है कि अंग्रेज़ों के समय में उन्हें सीधा करने का प्रयास किया गया था, लेकिन वे असफल रहे थे। जैसे-जैसे लोगों ने ज़मीन को खोदने का प्रयास किया, मूर्ति नीचे धंसती चली गई।



ये अनोखी हनुमान जी की मूर्ति 20 फीट लंबी है। और आपको बता दें हनुमान जी की यह इकलौती प्रतिमा है जो लेटी हुई मुद्रा में है। संगम का पूरा पुण्य हनुमान जी के इस दर्शन के बाद ही पूरा होता है। इसे बड़े हनुमान मंदिर के नाम से भी जाना जाता है। ऐसा माना जाता है कि लंका पर विजय के बाद देवी सीता ने हनुमान जी को आराम करने के लिए कहा था। इसके बाद उन्होंने प्रयाग में आकर विश्राम किया था। ये वही पवित्र स्थान है। 




आपको बता दे कि इलाहाबाद के लोगों की मान्यता है कि जब-जब गंगा ने लेटे हनुमानजी की चरण वंदना की है तब-तब विपत्ति से मुक्त मंगलमय वर्ष रहा है, जिसमें वहां रह रहे लोगों को भी काफी फायदा हुआ है, चाहे वो पैसा हो, या बिजनेस। तो आप भी अगर चाहते है कि आपके जीवन में सुख शांति और समृद्धि आए, तो जीवन में इन हुनुमान जी के दर्शन जरूर कीजिए।



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