रियो ओलंपिक अपने अंतिम दौर में है और
पूरे भारत की नजर देश के सबसे बेहतरीन पहलवान योगेश्वर दत्त पर टिकी है. 21
अगस्त रविवार को रियो ओलंपिक के अंतिम दिन योगेश्वर ओलंपिक में अपने मेडल
का रंग बदलने उतरेंगे. 2012 के लंदन ओलंपिक में योगेश्वर ने ब्रॉन्ज मेडल
जीता था और अब उनकी चाहत गोल्ड जीतकर दुनिया का नंबर वन पहलवान बनने की है.
योगेश्वर फिर तैयार हैं. सामने है रियो
ओलंपिक में गोल्ड जीतने की चुनौती. योगेश्वर की फिटनेस पहले से बेहतर लग
रही है. कुश्ती के मैट पर चुस्ती फुर्ती पहले से तेज नजर आ रही है और फॉर्म
भी अच्छी है.
योगेश्वर ने 2012 ओलंपिक में ब्रॉन्ज
जीतने के बाद 2014 कॉमनवेल्थ और एशियन गेम्स में गोल्ड मेडल जीता. अब
ओलंपिक गोल्ड के लिए 65 किलो ग्राम वर्ग में 21 जुलाई को योगेश्वर का
मुकाबला है. रविवार देर रात ही मेडल का भी फैसला हो जाएगा.
भारत के खाते में एक सिल्वर और एक ब्रॉन्ज
मेडल तो आ चुका है बस अब गोल्ड का इंतजार है और उम्मीद यही है कि योगेश्वर
दत्त इंडिया के इस गोल्ड का इंतजार रियो ओलंपिक के आखिरी दिन खत्म कर
देंगे और सोना लेकर ही घर लौटेंगे.
सोर्स:ABPलाइव
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