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Surya Grahan Solar  eclipse




वर्ष 2017 का पहला सूर्य ग्रहण आज शाम को लगेगा। सूर्य ग्रहण को भारत के साथ-साथ दक्षिण अमेरिका, दक्षिण अफ्रीका, प्रशांत अटलांटिक और हिंदमहासागर में दिखेगा।




Surya Grahan Solar  eclipse



भारत के स्थानीय समयानुसार खंडग्रास सूर्य ग्रहण रविवार दिनांक 26.02.17 को शाम 17 बजकर 40 मिनट पर प्रारंभ होकर रात 22 बजकर 01 मिनट तक रहेगा। ग्रहण का सूतक रविवार दिनांक 26.02.17 को प्रातः 05 बजकर 40 मिनट से प्रारंभ हो जाएगा।




Surya Grahan Solar  eclipse



सूर्य ग्रहण की सदैव अमावस्या के दिन घटित होता है। पूर्ण ग्रहण के समय पृथ्वी पर सूर्य का प्रकाश पूर्णत अवरुद्ध हो जाता है। 


ग्रहण को धार्मिक दृष्टि से अशुभ माना जाता है। भारतीय ज्योतिष में ग्रहण का बहुत महत्व है क्योंकि उनका सीधा प्रभाव मानव जीवन पर होता है।




Surya Grahan Solar  eclipse



कब होगा अगला ग्रहण :

26 फरवरी के बाद साल 2017 में दो और ग्रहण देखें जाएंगे। इसमें एक चन्द्र ग्रहण होगा, तो दूसरा सूर्य ग्रहण। 7-8 अगस्‍त को हमें भारत में आंशिक चन्द्रग्रहण देखने को मिलेगा। इसे यूरोप, अफ्रीका, एशिया और ऑस्‍ट्रेलिया से देखा जा सकेगा। जबकि 21 अगस्‍त को पूर्ण सूर्य ग्रहण लगेगा।




Surya Grahan Solar  eclipse




कब लगता है सूर्यग्रहण :

सूर्य ग्रहण एक खगोलीय घटना है और ये घटना तभी होती है जब चन्द्रमा सूर्य और पृथ्वी के बीच से गुजरता है। पृथ्वी से देखने पर सूर्य पूर्ण अथवा आंशिक रूप से चन्द्रमा द्वारा ढका हुआ प्रतीत दिखाई देता है।




Surya Grahan Solar  eclipse



क्या नंगी आंखों से सूर्यग्रहण देखना नुकसानदायक है :

नंगी आंखों से सूर्यग्रहण देखना आपकी आंखों को नुकसान पहुंचा सकता है। ग्रहण के समय सूर्य से निकलने वाली हानिकारक किरणें आखों को ज्यादा नुकसान करती हैं। इसलिए सूर्यग्रहण देखने के लिए काले धूप वाले चश्मे या एक्सरे का उपयोग करना चाहिए।




सोर्स:लाइव इंडिया 
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यूपी में चुनाव हो रहा है. रोज जाति समीकरण गिने जा रहे हैं. हर पार्टी शोषित दलित समाज का प्रतिनिधि बनने का दावा कर रही है. पर इसी यूपी के गांव रुदायन में दलित समाज 27 साल बाद होली खेलेगा. 


किसी के लिए ये कोई खबर नहीं सकती है. लोग कहेंगे कि ये कौन सी बड़ी बात है. पर एक समाज के लिए ये बहुत बड़ी बात है.



11 मार्च 1990 को हाथरस के रुदायन गांव में दलित समुदाय के दाता राम को जिंदा जला दिया गया था. हुआ ये था कि कुछ दिन पहले होली के दौरान दाता राम ने कथित ऊंची जाति के आदमी कुंवर पाल पर रंग डाल दिया था.



 इससे कथित ऊंची जाति के लोग नाराज हो गए. दाता राम की इस गुस्ताखी की सजा सिर्फ उसे ही नहीं मिली बल्कि दाता राम के अगल-बगल के 42 दलित परिवारों के घर भी जला दिये गये थे. फिर उनकी हिम्मत नहीं हुई दोबारा होली खेलने की.



उस वक्त बीएसपी सुप्रीमो मायावती अपने लश्कर के साथ गांव पहुंच गई थीं और धरने पर बैठ गई थीं. मायावती की इनवॉल्वमेंट से इस केस की तरफ सबका ध्यान ज्यादा चला गया था. मामला मीडिया में खूब उछला था. मायावती को भी अपनी दलित-राजनीति में खूब उछाल मिला. लेकिन केस कुछ आगे नहीं बढ़ा. 1995 में जब मायावती सीएम बनीं तो भी इस मामले पर कोई ध्यान नहीं दिया गया. पीड़ितों की पैसों से भी कोई मदद नहीं हुई.



पर इस साल रुदायन गांव के दलित होली खेलेंगे. क्योंकि 15 फरवरी 2017 को निचली अदालत ने कुंवर पाल को सजा-ए-मौत और बाकी के 13 आरोपियों को उम्रकैद की सजा सुनाई है. दलित समाज ने सरकार से अपने होली के उत्सव के लिए प्रोटेक्शन की मांग की है. ताकि इस बार की होली में कोई खलल न पड़े.



दाता राम के भाई हरिशंकर ने कहा कि
’27 साल तक हमने होली या दीपावली नहीं मनाई लेकिन अदालत के फैसले से हमें कॉन्फिडेंस मिला है.’


रुदायन गांव में 5000 लोग रहते हैं. गांव में 3 सरकारी स्कूल हैं. बिजली, अच्छी सड़कें, अस्पताल सब हैं. लेकिन जाति को लेकर इस इलाके में आज भी तनाव देखा जा सकता है. 


वहीं कुंवर पाल की बीवी सरोज देवी ने पति को मिली मौत की सजा को मानने से इंकार कर दिया है. उनका मानना है कि उनका पति निर्दोष है. सरोज का कहना है कि

‘जिन्होंने दाता राम का खून किया था, वो खुले घूम रहे हैं. मेरे पति को फंसाया गया है.’


अगर वाकई में ऐसा है तो और दुखद है. पर कोर्ट का फैसला तो आ गया है.


वैसे होली को बैर मिटाने वाला त्यौहार माना जाता है. बहुत घिस चुकी बात ‘बुरा न मानो होली है’ ही इस त्यौहार की आत्मा है. होली के दिन हर कोई खुद को भुलाकर बस अबीर- गुलाल में डूब जाना चाहता है. लेकिन हमारे समाज ने ऊंची जाति, नीची जाति के नाम से इतनी बड़ी खाई खड़ी कर दी है कि होली में रंग लगा देना, किसी की मौत की वजह बन गया.



 ऐसा भी क्या बड़े कुल का अहंकार, जो अपनी ही तरह दूसरे इंसान को जिंदा जला डालता है. इस लंबी खाई ने ऐसा खौफ बना दिया कि एक गांव के सारे दलित होली नहीं मनाने की हिम्मत न कर सके. ये एक समाज के तौर पर हमारी फेल्योर है.



सोर्स:लल्लनटॉप 
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टीवी पर आने वाले कार्यक्रमों में आपने कुछ ऐसे कई नजारे देखें होंगे जो काफी रोमांचक और अद्भुत होते है। 


इन कार्यक्रमों के कलाकार अपनी प्रतिभा से लोगों का ध्यान अपनी ओर खींच लेते है, पर क्या आपने ऐसी लड़की के बारे में जाना है जिसका शरीर पूरा रबड़ के समान हो, इतना ही नहीं यह लड़की अपने शरीर को हर तरह से मोड़ने में भी सक्षम है। 



इसकी ऐसी हरकतों को देखकर लोग दांतों तले अंगुलियां दबा लेते हैं। आज हम बता रहें है 22 साल की ऐसी ही अजीबों गरीब लड़की के बारे में जिसके शरीर को देखकर आप भी रह जाएंगे दंग..



ओडका नाम की यह लड़की छोटी सी उम्र से अपने शरीर के लचीलेपन के कारण जानी जाती है। 22 साल की हो चुकी हो इस लड़की का शरीर इतना लचीला है कि वो अपने पूरे शरीर को एक बोतल के अंदर बड़ी ही आसानी बंद कर लेती है।



मंगोलिया की राजधानी उलानबातार में रहने वाली ओडका एक सर्कस की कलाकार है। इसने अपनी चाची के लचीले शरीर से प्ररित होकर अपने शरीर को भी उन्हीं की तरह से बनाने की कोशिश की। 



इस कोशिश में एक दशक तक कड़ी मेहनत के बाद आखिरकार उन्होंने इसमें सफलता हासिल कर ही ली। 11 साल की उम्र में ही उन्होंने इसकी प्रैक्टिस करना शुरू कर दी थी और आज 22 साल की उम्र में पहुंचकर इस लड़की ने अपने शरीर को इस तरह से बना लिया है कि वह अपनी मांसपेशियों को पूरी तरह से मोड़कर या खींच कर मनमुताबिक आकार कर देती है।


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वह मात्र बोतल के अंदर जानें की ही कारामात नहीं दिखाती, बल्कि पैरों को मोड़कर तीरअंदाजी भी कर लेती है। पूरे एक्ट के दौरान उसके चेहरे पर हमेशा सुंदर मुस्कान ही नजर आती है।




सोर्स:वाह गज़ब 
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Sex Education


सेक्स, मास्टरबेशन, लव, कंट्रासेप्शन ये कुछ ऐसे शब्द हैं, जिसको सुनते ही हम आप छी..छी, थू..थू करने लगते हैं। कैसी बातें करता है। अश्लील बातें करता है। जैसे खुद के शरीर के बारे में बात करने से हम अश्लील हो जाते हैं। 


सबसे ख़ास बात इस सब का ठीकरा भी हम सोसाइटी के नाम फोड़ देते हैं। सोसाइटी..सोसाइटी..सोसाइटी, बहुत हो गया। कब तक हम लोग सोसाइटी की आड़ में खुद की ओछी सोच को छिपाते रहेंगे। अब वक़्त आ गया है सोचने का, थोड़ी हिम्मत दिखाने का, बात करने का।



स्वास्थ्य मंत्रालय ने भी एक प्लान तैयार कर लिया है। जिसमें बड़े हो रहे बच्चों को प्यार, किसी लड़की के प्रति आकर्षण, सेक्स, मास्टरबेशन यहां तक कि अबॉर्शन और कंट्रासेप्शन तक के बारे में बताया जाएगा।



इसके लिए बुकलेट छपवा लिए गए हैं। जिसके आधार पर हर राज्य को कुछ वॉलंटियर तैयार किए जाएंगे जो बच्चों को इन सब बातों के बारे में बताएंगे। इंडियन एक्सप्रेस में छपी खबर के मुताबिक़ इस बुकलेट में इन सब बातों का जिक्र है कि किसी अपोजिट सेक्स के बंदे के लिए आकर्षण होना कोई गलत बात नहीं है। ये सब बचपने में होता है। लेकिन अगर लड़की किसी चीज के लिए मना कर दे तो वो सही नहीं है।



ऐसे ही लड़के और लड़कियों के कामों को लेकर जो हमारे समाज में एक टेबू बना हुआ है। उन सब बातों का भी जिक्र इस बुकलेट में होग। जैसे कि बुकलेट के एक हिस्से में 'टॉमबॉय' जैसे शब्द का जिक्र है। जिसके बारे में हम सभी जानते हैं कि ये उन लड़कियों के लिए इस्तेमाल किया जाता है जो कि लड़कों जैसे कपड़े पहनना पसंद करती हैं या फिर जिनकी पसंद में लड़कों के पसंद का टेस्ट होता है। लेकिन बुकलेट में इन बातों का भी जिक्र है कि इस तरह की उपमाओं का इस्तेमाल किसी के लिए नहीं किया जाना चाहिए। ये सब गलत है।



ठीक ऐसे ही लड़कों को लेकर भी बातें की गई हैं। कुछ लड़कों को किचन बहुत पसंद होता है। उन्हें किचन में खाना बनाना पसंद होता है। लेकिन इसका ये कतई मतलब नहीं निकाला जाना चाहिए कि उसकी आदतें लड़कियों सी हैं। क्योंकि हर कोई हर तरीके से सोचने के लिए आज़ाद है।



एक और बेहद ही जरूरी बात जो बच्चों को सिखाने की तैयारी है। वो है सेक्स को लेकर। सेक्सुअली ट्रांसमिटेड डीजीज की श्रेणी में सिर्फ HIV का जिक्र नहीं है, और भी कई तरह की प्रॉब्लम के बारे में बताया जाएगा।




एक बड़ी ही ख़ास बात जो कि सेफ़ सेक्स को लेकर है...


love


अच्छा एक बड़ी ही ख़ास बात जो कि सेफ़ सेक्स को लेकर है। इसके लिए उन्हें हर तरह के कंट्रासेप्शन पिल से लेकर कंडोम तक के इस्तेमाल के बारे में बताया जाएगा। यहां तक कि सेफ़ सेक्स के सवाल के एक जवाब में मास्टरबेशन को सबसे अच्छा और सबसे सुरक्षित उपाय बताया गया है।



सरकार की जो ये पूरी तैयारी है उसमें यूनाइटेड नेशन पापुलेशन फंड का साथ है। जितने भी पीयर एजुकेटर होंगे उनकी ट्रेनिंग राष्ट्रीय किशोर स्वास्थ्य कार्यक्रम के तहत होगी। जितने भी पीयर एजुकेटर होंगे, उनको महीने का 50 रुपया मिलेगा जो कैश में नहीं होगा। वो मोबाइल रिचार्ज या फिर सरकार के किसी दूसरे फायदे के तौर पर दिया जाएगा।



सरकार के इरादे भी नेक हैं, करने का मिज़ाज़ भी दिख रहा है। लेकिन सवाल है क्या और भी दूसरे कार्यक्रमों की तरह ये भी सिर्फ़ कागज़ पर ही रह जाएगा या फिर इसे पूरा किया जाएगा। 



देखते हैं, आगे क्या होता है। लेकिन, एक बात तय है अगर हम और आप चाहेंगे तो ये पूरा होगा और जरूरी भी है। शर्माने से काम नहीं चलने वाला है। वरना, भुक्तभोगी होने की तैयारी कर लेनी होगी।



बस, एक और सवाल था। सरकार आज तक सेम सेक्स बिल को पास नहीं कर पाई है। बहस पर बहस छिड़ी हई है। लेकिन इस बुकलेट में इसे सामान्य बात कहा गया है।



सोर्स:फिरकी.इन 
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बनारस से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सांसद हैं. अभी अपने भाषण में उन्होंने कहा कि बनारस को बिजली नहीं मिलती. इसके जवाब में अखिलेश यादव ने कहा कि बनारस के लोग बताएंगे. ये सारी बातें चल रही हैं. पर उसी बनारस में एक और कहानी हुई है. जिसके बारे में इन लोगों ने कुछ नहीं कहा है.


इस शहर की एक विधानसभा शिवपुर से एक मुर्दा आदमी चुनाव लड़ रहा है. यह मुर्दा खुद को जिंदा साबित करने के लिए चुनाव लड़ रहा है. ये हकीकत है. करीब 40 साल के संतोष सिंह पिछले 13 साल से खुद को जिंदा साबित करने में लगे हुए हैं.


लल्लनटॉप ने संतोष सिंह से बात की. उन्होंने बताया-



जनाब, पिछले कई सालों से यह मुर्दा खुद को जिंदा साबित करने में लगा हुआ है. डीएम, मुख्यमंत्री वगैरह किसी ने मदद नहीं की. जंतर-मंतर पर कई बार धरने पर बैठा हूं. जंतर-मंतर से पुलिस ने उठा कर 15 दिन तिहाड़ में डाल दिया था. 151 और 701 नंबर के कमरों में. मैं अकेला नहीं हूं. मेरे जैसे कई लोग हैं जिन्हें सरकारी आंकड़ों में मुर्दा बताया जाता है. मेरे रिश्तेदारों ने तो मेरी तेरहवीं भी कर दी है. अभी मणिकर्णिका घाट पर ही रहता हूं. उम्मीद है कि इस घाट से सभी को मोक्ष मिलता है, मुझे जिंदगी मिले. कई बार मुझ पर हमला भी हुआ है, डर की वजह से गांव में नहीं रहता हूं. 2012 में दुबारा वोटर आईडी बनवाई संतोष मूरत सिंह के नाम से, छितौनी गांव से.’


इनका ट्वीट देखें :


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पर हुआ क्या था संतोष के साथ?

संतोष के मुताबिक 2003 में बॉलीवुड एक्टर नाना पाटेकर ‘आंच’ फिल्म की शूटिंग के लिए बनारस आए थे. संतोष उन से मिले और काम मांग लिया. फिर उन्हीं के साथ मुंबई चले गये. वहां उनको रसोइये का काम मिला. जाति से ठाकुर संतोष को मुंबई में ही एक दलित लड़की से प्रेम हो गया. फिर दोनों ने शादी कर ली. पर जब छुट्टियों में वो घर लौटे तो गांव वालों ने इसी वजह से उनका सामजिक बहिष्कार कर दिया. 


रिश्तेदारों ने भी इस शादी को मानने से इनकार कर दिया. संतोष वापस मुंबई लौट आये. सोचा कि कुछ दिन बाद लोग शांत हो जाएंगे.


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बीजेपी को लिखा गया एक ख़त



पर किस्मत ने एक नया टर्न ले लिया, मिला धोखा

अगस्त 2003 में मुंबई में ब्लास्ट हुआ. संतोष कहते हैं कि गांव में अफवाह उड़ गई कि संतोष ब्लास्ट में मर गया. रिश्तेदारों ने उनको मुर्दा घोषित करवा दिया और उनके नाम की 12 एकड़ जमीन अपने नाम करा ली. संतोष जब दुबारा गांव पहुंचे तो पता चला कि गांव में उनको मुर्दा साबित कर दिया गया है. गांव वालों ने उनको मार-पीट कर भगा दिया. उसी दिन से संतोष खुद को जिंदा साबित करने के लिए भटक रहे हैं.




पर कोई खुद को कैसे जिंदा साबित करे?


इसका कोई रास्ता नजर नहीं आ रहा था. सरकारी रिकॉर्ड में मर चुके हैं संतोष. कोई मान नहीं रहा था. ठीक ऐसी ही स्थिति अक्षय कुमार की जॉली एलएलबी में दिखाई गई थी. इसमें तो अक्षय एफआईआर के माध्यम से अपने क्लाइंट को जिंदा साबित कर देते हैं. पर संतोष के साथ ये नहीं हो पाया. उन्होंने एक तरकीब निकाली. 2012 में राष्ट्रपति चुनाव का फॉर्म भर दिया. पर ‘मरा हुआ’ होने के कारण पर्चा रद्द कर दिया गया.



इसके बाद उस वक्त के बनारस के डीएम ने इनका एक अस्थायी निवास पत्र बनवाया. जिसके बाद संतोष सिंह ने नाम बदलकर संतोष मूरत सिंह के नाम से वोटर आईडी बनवाई और अब विधानसभा चुनाव की तैयारी में लग गए. चुनाव तो हो रहा है. पर इस बार अभी तक उनका नामांकन रद्द नहीं किया गया है. अभी आस है.




ये एक अजीब स्थिति है. ये किसी के साथ भी हो जाए तो कोई क्या करेगा. सिस्टम भी अजीब है. कागज में चढ़ गया तो कोई कुछ नहीं करेगा. कितना भयावह होगा ये विक्टिम के लिए. संतोष ही कह रहे हैं कि ऐसे बहुत लोग हैं. सोचिए कि इन लोगों पर क्या गुजर रही होगी. जीते जी वो लोग मर चुके हैं. रोज मर रहे होंगे.




सोर्स:लल्लनटॉप 
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करोड़ों रुपए खर्च कर जा काम सरकारी इंजीनियर भी नहीं कर पा रहे वहीं अब भोपाल की एक इंजीनियरिंग की स्‍टूडेंट नैंसी वर्मा ने कर दिखाया है। नैंसी ने पानी से बिजली बनाने की एक नई टेक्नोलॉजी बनाई है।



आपको बता दें कि नैंसी के इस मॉडल के पेटेंट को भारत सरकार ने भी मंजूरी दे दी है। अब अगर नैंसी के इसी मॉडल के आधार पर बिजली का निर्माण किया जाए तो उसकी कीमत 50 पैसे तक आ सकती है।



नैंसी वर्मा की इस टेक्नोलॉजी में क्या है खास:


नैंसी की इस टेक्नोलॉजी के जरिए बिजली बनाने के लिए बड़े-बड़े बांध बनाने की जरुरत पड़ेगी। 23 वर्षीय नैंसी के मुताबिक, उन्होंने अपनी थ्योरी में छह मीटर आकार के एक जैसे चार रिजर्वायर टैंक का इस्तेमाल किया है। 


पहले टैंक के ऊपरी हिस्से में एक रैम लगाई गई है जो बाहरी प्रेशर पैदा करती है। इस टैंक से पानी टरबाइन पर जाकर गिरता है और टरबाइन घूमने लगता है, इससे बिजली पैदा होने लगती है। टरबाइन को टैंक से दो मीटर की ऊंचाई पर लगाया गया है।



नैंसी ने बताया, टरबाइन से टकराने के बाद पानी दूसरे टैंक में चला जाता है। फिर पहले टैंक वाली प्रक्रिया दूसरे टैंक में आरंभ हो जाती है। इस तरह पानी तीसरे और फिर चौथे टैंक में जाता है और यही प्रक्रिया जारी रहती है। चौथे टेंक से पानी फिर पहले टैंक में आ जाता है। 



नैंसी के मुताबिक, इस प्रक्रिया से बांध के मुकाबले चार गुना ज्यादा बिजली पैदा की जा सकती है और लागत भी काफी कम आएगी। क्योंकि बांध में एक बार उपयोग किए गए पानी का दोबारा उपयोग नहीं किया जा सकता, लेकिन इसमें चार बार उपयोग होता है।




नैंसी वर्मा का दावा है कि उनका डिजाइन बिजली बनाने में आने वाली बहुत सी मुश्किलों को आसान कर देगा। उन्होंने इस मॉडल को आरएमएन हाइड्रो पावर प्लांट नाम दिया है। 



नैंसी राजधानी भोपाल के राधारमण इंस्टीट्यूट ऑफ रिसर्च एंड टेक्नोलॉजी में बीई फोर्थ ईयर की स्टूडेंट हैं।



बिजली तैयार करने के लिए इस कॉन्सेप्ट में केवल 1000 वर्गमीटर जमीन की जरूरत होगी, जबकि बांधों को बनाने के लिए हजारों एकड़ जमीन की आवश्‍यकता होती है।





सोर्स:लाइव इंडिया 
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ग्वालियर। ये सब मुमकिन तब हुआ जब गांव के तीन युवकों की मौत शराब की वजह से हुई। बस लोगों ने ठान लिया तो वो कर दिखाया कि ये गांव देश में मिसाल बन गया। शराब पीने से इकलौते बेटे सहित छह महीने में तीन युवकों की मौत के बाद एजवारा गांव की तस्वीर बदल गई।




शराब किसी और परिवार का चिराग न बुझा दे इसलिए न यहां शराब बिकती और न कोई पीता है। एक माह से शराबबंदी के बाद अब यहां झगड़े भी नहीं होते। यही नहीं, गांव में शराब पीने और बेचने की सूचना देने वाले को 500 का इनाम देने की घोषणा हुई है।




तीन हजार की आबादी वाले एजवारा गांव के आसपास 45 वर्षों से पांच स्थानों पर शराब की अवैध भट्टियां चल रही थी। गांव में ही आसानी से शराब मिलने से ज्यादातर युवक नशे के आदी हो गए थे। शराब के चलते छह माह में संजीव, बबलू और जीतू मौत हो गई। संजीव परिवार का इकलौता बेटा था, उसके 9 माह की बेटी है। पत्नी और बेटी की स्थिति देखकर पूरे गांव ने शराबबंदी का फैसला किया। संजीव की पत्नी सोनी कहती हैं कि शराबबंदी से गांव सुधर गया है।




अगर यह पहले ही हो जाता तो मेरा पति बच जाता मुझे ये दिन न देखने पड़ते। शराबबंदी में मुख्य भूमिका निभा रहे सरपंच शीलकुमार यादव, धनपाल यादव, राधेचरण, जयपाल, चंद्रभान, कप्तान सिंह व जगदीश सिंह कहते हैं कि श्रीमद् भागवतकथा के दौरान सबने पूर्ण शराबबंदी का संकल्प लिया है।




"शराबबंदी से ज्यादा महिलाएं खुश हैं। झगड़े बंद हो गए, परिवारों में शांति है। कोई शराब पीने या बेचने की सूचना देगा, उसे पांच सौ रुपए का इनाम भी दिया जाएगा।"              -शीलकुमार यादव, सरपंच एजवारा




सोर्स:पत्रिका 
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लैपटॉप एक ऐसा साधन है, जिस कहीं भी ले जाया जा सकता है। चाहें आप कार में हो या फ्लाइट में, आप कहीं भी लैपटॉप पर काम कर सकते हैं। लेकिन हर कोई महंगा लैपटॉप अफोर्ड नहीं कर सकता है। 



अगर आप लैपटॉप खरीदने की सोच रहे हैं और बजट बहुत कम है, तो कई ऐसे लैपटॉप्स भी मार्किट में हैं, जिनकी कीमत 15,000 रुपये से कम है। जी हां, आप एक मिड-रेंज स्मार्टफोन की कीमत में लैपटॉप खरीद सकते हैं। इस कीमत पर ज्यादा ऑप्शन तो उपलब्ध नहीं हैं, मगर कुछ हैं जिन्हें खरीदने पर आप विचार कर सकते हैं।



 ऐसे में आज हम आपको कुछ ऐसे ही लैपटॉप्स के ऑप्शन बताने जा रहे हैं।



RDP ThinBook, कीमत- 9,999 रुपये: 


RDP ThinBook,


यह विंडोज 10 होम ऑपरेटिंग सिस्टम पर काम करता है। यह लैपटॉप इंटेल ऐटम x5-Z8300 प्रोसेसर और 2जीबी रैम से लैस है। इसमें 32जीबी की इंटरनल स्टोरेज दी गई है, जिसे बढ़ाया जा सकता है। इसमें 10000 एमएएच की बैटरी दी गई है।



Lenovo IdeaPad 100S, कीमत- 14,999 रुपये:


Lenovo IdeaPad 100S


 यह विंडोज 10 पर काम करता है। इसमें 11.6 इंच का एचडी डिस्प्ले है। इंटेल ऐटम प्रोसेसर और 2जीबी रैम से लैस इस लैपटॉप में 32जीबी की इंटरनल स्टोरेज दी गई है। इस लैपटॉप में 2-cell 39Whr बैटरी दी गई है।



iBall Exemplaire CompBook, कीमत- 13,999 रुपये: 

iBall Exemplaire CompBook


14 इंच के एचडी डिस्प्ले वाले इस लैपटॉप में इंटेल ऐटम प्रोसेसर के साथ 2जीबी रैम दी गई है। इसकी इनबिल्ट स्टोरेज 32 जीबी है, जिसे माइक्रोएसडी कार्ड की मदद से बढ़ाया जा सकता है। विंडोज 10 पर काम करने वाले इस लैपटॉप में 10000 एमएएच की बैटरी दी गई है।




Micromax Canvas LT666 LapTab, कीमत- 14,999 रुपये:


Micromax Canvas LT666 LapTab

 माइक्रोमैक्स का यह लैपटॉप विंडोज 10 पर काम करता है। इसमें 10.1 इंच का एचडी डिस्प्ले है। इसमें 4th जेनरेशन का ऐटम प्रोसेसर है, जिसके साथ 2जीबी रैम दी गई है। इसकी स्टोरेज 32 जीबी है। इसमें 2 मेगापिक्सल बैक कैमरा और 2 मेगापिक्सल फ्रंट कैमरा दिया गया है।




Micromax Canvas L1161 LapBook, कीमत- 13,999 रुपये: 


Micromax Canvas L1161 LapBook,


माइक्रोमैक्स कैनवस L1161विंडोज 10 पर काम करता है। इसमे 11.6-इंच का एचडी डिस्प्ले दिया गया है। यह इंटेल ऐटम क्वॉड-कोर प्रोसेसर और 2जीबी रैम से लैस है। इसमें 32जीबी की इंटरनल स्टोरेज दी गई है, जिसे माइक्रोएसडी कार्ड के जरिए बढ़ाया जा सकता है।



iBall Excelance CompBook, कीमत- 9,999 रुपये: 


iBall Excelance CompBook


यह विंडोज 10 वाला भारत का सबसे सस्ता लैपटॉप है। इसमें 11.6 इंच का एचडी डिस्प्ले है। यह लैपटॉप इंटेल ऐटम Z3735F क्वॉड-कोर प्रोसेसर और 2जीबी रैम से लैस है। इसमें 32जीबी की इंटरनल स्टोरेज दी गई है, जिसे बढ़ाया जा सकता है। इसमें 10000 एमएएच की बैटरी दी गई है।



Acer One 10 S1002-15XR, कीमत- 14,990 रुपये: 



Acer One 10 S1002-15XR

इसमें एसर वन10 S1002 में रोटेशनल डिस्प्ले दिया गया है। यह विंडोज 8.1 पर काम करता है। इसे विंडोज 10 में अपग्रेड किया जा सकता है। इसमें 10.1-इंच का WXGA डिस्प्ले, इंटेल ऐटम Z3735F क्वॉड-कोर प्रोसेसर, 2जीबी रैम और 8400 एमएएच बैटरी दी गई है।





सोर्स:जागरण.कॉम 

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Bengaluru- ISRO scientists and other officials celebrate the



हिंदुस्तान में लोग सोशल मीडिया एकाउंट सोशल होने के लिए कम, गर्व करने के लिए ज़्यादा बनाते हैं. किसी को जाति पर गर्व है, किसी को अपनी जाति की महिलाओं के जल कर मर जाने पर गर्व है. और तो और लोगों को वीडियो बनाकर गाली दे रहे फर्जी फौजियों पर भी गर्व है. इन सबके बीच इसरो के वैज्ञानिकों ने एक साथ 104 सैटलाइट एक रॉकेट पर अंतरिक्ष में भेज कर हमें गर्व करने का सही कारण दिया है. 



जिस परिस्थिति और बजट में इसरो के वैज्ञानिक पूरी लगन के साथ काम कर रहे हैं वो अद्भुत है. बात करते हैं तमाम उन कारणों की जिनके चलते इसरो ने बार-बार हमें गर्व करने का मौका दिया है-



# नवाज़ शरीफ के लॉन तक अब नज़र रख सकते हैं हम



श्री हरिकोटा से लॉन्च हुए इस रॉकेट में सिर्फ 104 की गिनती ही इंपॉर्टेंट नहीं है. इसरो के भेजे इन सैटलाइट्स में कार्टोसैट-2 सीरीज़ की सैटेलाइट भी शामिल है. इसे खास तौर पर हमारे पड़ोसी मुल्कों पर नज़र रखने के लिए बनाया गया है. 



इस सैटेलाइट के ज़रिए हम पाकिस्तान और चीन के इलाकों की 1 मीटर से कम विस्तार तक की तस्वीरें ले सकते हैं. एक मीटर तक तस्वीरें लेने का मतलब है कि एक मेज पर क्या रखा है, इसका अंदाज़ा इस सैटेलाइट के कैमरे से लगया जा सकता है.



बाकी के 103 सैटेलाइट में अमेरिका, इज़राइल, नीदरलैंड, स्विटज़रलैंड, यूएई, और कज़ाकिस्तान के सैटेलाइट शामिल हैं. इस मिशन के लिए जिस रॉकेट का इस्तेमाल किया गया है, वो इसरो का सबसे ताकतवर रॉकेट है. 



इसी रॉकेट के ज़रिए चंद्रयान और मंगल मिशन को अंतरिक्ष में भेजा गया था. वैसे आपको बता दें कि पाकिस्तान का स्पेस मिशन हमसे पहले शुरू हुआ था, मगर वो अब तक कुल 3 सैटेलाइट ही अंतरिक्ष में भेज पाए हैं.



pslv-c37-759
लॉन्च से पहले PSLV



# बैलगाड़ी वाले मुल्क से अंतरिक्ष सुपर पावर तक


First Indian Rocket on Cycle and Satellite on Bullock Cart
साइकिल पर जाता पहला रॉकेट और बैलगाड़ी पर सैटलाइट

जब हिंदुस्तान का मंगल मिशन कामयाब हुआ था तो न्यूयॉर्क टाइम्स ने एक कार्टून छापा था जिसमें गाय लिए हुए एक आदमी अंतरिक्ष एलीट क्लब का दरवाजा खटखटा रहा है. इसको देखकर कई लोग आहत हो गए. मगर इसरो का पहला रॉकेट साइकिल पर ले जाया गया था. हिंदुस्तान के पहले कम्युनिकेशन सैटेलाइट ऐपल को वैज्ञानिक बैलगाड़ी पर रख कर लॉन्च साइट तक ले गए थे. 



इसरो वालों की लगन देखकर फ्रेंच और रशियन स्पेस एजेंसियां इतनी प्रभावित हुई थीं कि उन्होंने हिंदुस्तान के सैटेलाइट्स को फ्री में अंतरिक्ष में भेजा था.



# अमेरिका ने पहले मालिक बनना चाहा अब किराएदार है

New York Times Cartoon on ISRO
न्यूयॉर्क टाइम्स का कार्टून

अमेरिका ने पहले हमारे स्पेस मिशन को ये कहकर खारिज किया कि भूख से लड़ रहा देश स्पेस में सैटेलाइट कैसे भेज सकता है. अमेरिका के विरोध के चलते इसरो को रूस ने 1992 में क्रायोजेनिक इंजन की तकनीक नहीं दी. 


इसके बाद अगले 2 साल में इसरो ने बेहतर तकनीक डेवलप कर ली 2014 से अमेरिका हमारे रॉकेट्स पर अपने सैटेलाइट भेज रहा है.




# दुनिया में सबसे भरोसेमंद

इसरो का स्पेस मिशन दुनिया में सबसे भरोसेमंद माना जाता है. साल 2000 से अब तक इसरो का कोई भी मिशन फेल नहीं हुआ है.


शुरुआती रॉकेट लॉन्च



# सबसे सस्ता और अच्छा

Chandrayaan
चंद्रयान मिशन

मंगल मिशन को भेजने की कुल लागत 450 करोड़ रुपए थी. पहले चंद्रयान मिशन की लागत 386 करोड़ और दूसरे चंद्रयान मिशन का खर्च 603 करोड़ थी. ये राशि अंतरिक्ष मिशन के हिसाब से कितनी कम है, इसे ऐसे समझा जा सकता है कि 2016 के आईपीएल का विज्ञापनों से आया रेवेन्यू ही 1100 करोड़ था. 



मुकेश अंबानी के मकान एंटिलिया की कीमत ही लगभग 650 करोड़ बताई जाती है. वैसे ये भी कह सकते हैं जितना हमारी सुपरहिट फिल्में कमाती हैं उसमें हमारे वैज्ञानिक अंतरिक्ष होकर लौट आते हैं. वैसे नासा का एक साल का जितना बजट होता है उतना इसरो का अभी तक का कुल बजट है.



# मस्ती के साथ रहते हैं हमारे वैज्ञानिक


इसरो के वैज्ञानिकों के लिए वर्क हार्ड, पार्टी हार्डर वाली कहावत फिट बैठती है. देश के पूर्व राष्ट्रपति और वैज्ञानिक अब्दुल कलाम वीणा बजाने के शौकीन थे. इसरो चीफ राधाकृष्णन कथकली और कर्नाटक संगीत के शौकीन हैं, इसमें ट्रेंड भी हैं और स्टेज पर परफॉर्म भी कर चुके हैं. 



किसी आम हिंदुस्तानी महिलाओं की तरह दिख रहीं इन औरतों की तस्वीरें देखिए. ये मंगल मिशन और लेटेस्ट कम्प्यूटर्स पर काम करने वाली वैज्ञानिक हैं. कपड़ों से इम्पावर्ड होने आहत होने वाले लोगों को ये तस्वीर थोड़ी देर रुक कर देखनी चाहिए.


Bengaluru- ISRO scientists and other officials celebrate the
मंगल मिशन के बाद खुशी मनाती वैज्ञानिकों की टीम





सोर्स:लल्लनटॉप 
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features-of-nokia-3310-reboot-expected-to-be-launched-in-mwc-2017



वो फोन नहीं बख्तरबंद फोन था. मिलिट्री टैंक से भी मजबूत डिवाइस. गिर के पुर्जा-पुर्जा बिखर जाए तो भी वापस उठ खड़ा हो. अब वो वापस आ रहा है. अब तक आपको ये तो पता चल ही गया होगा कि नोकिया 3310 वापस आ रहा है. 



दुनिया भर के टेक गुरू और सामान्य जनता इस कल्ट फोन के इंतज़ार में बैठे हैं. नोकिया 3310 के दुनिया में 12.60 करोड़ पीस बिके थे जो इसे दुनिया के सबसे ज़्यादा बिकने वाले 10 फोन्स की लिस्ट में शामिल करता है.



3310 का रीबूट वर्ज़न कैसा होगा इसकी सही जानकारी तो 23 फरवरी को इसके लॉन्च होने के बाद ही मिलेगी. मगर 3310 का कॉन्सेप्ट वीडियो इंटरनेट पर आगए हैं. इन वीडियोज़ के फीचर्स की मानें तो पता चल रहा है कि ये फोन अपने पुराने वर्ज़न से थोड़ा अलग (कहना चाहिए बेहतर) है.



पतली पिन का चार्जर नहीं होगा

चिंता मत करिए, घर आने वाले मेहमान को चाय नाश्ते के साथ अब पतली और मोटी पिन के चार्जर की पेशकश नहीं करनी पड़ेगी. नए वर्ज़न में माइक्रो यूएसबी पोर्ट होगा. मतलब आपके घर में जितने भी एंड्रॉइड फोन हैं उनके चार्जर और इसके चार्जर में कोई फर्क नहीं होगा. और हां अगर आप घर से भाग रहे हों तो आपको पतली पिन के चार्जर के लिए वापस नहीं आना पड़ेगा.



अब कैमरा ज़रूरी है

3310 के जाने और वापस आने के बीच दुनिया में सेल्फी युग आ चुका है. नए फोन में फ्रंट कैमरा होगा कि नहीं ये तो अभी स्पष्ट नहीं है मगर मेन कैमरा का फीचर हर कॉन्सेप्ट वीडियो में दिख रहा है.
थोड़ा और बेहतर






वीडियो में बताया जा रहा है कि फोन में इस बार बेहतर रंगीन डिस्पले, एफ एम और 8 जीबी की इंटरनल मेमोरी होगी. साथ ही पिछली बार की 1,000 एमएच की बैटरी की जगह 1,600 एमएच की बैटरी होगी. कान्सेप्ट का वीडियो खुद देख लीजिए.



मज़बूत कितना होगा

बाकी सब तो ठीक है भैया, मज़बूती वैसी होगी कि नहीं. इसके लिए आप जल्द ही लॉन्च होने वाले नोकिया 6 के एक टेस्ट वीडियो को देख लें, भरोसा हो जाएगा मज़बूती का. हमारी तो हिम्मत नहीं है इस स्टंट को आज़माने की, आप भी घर पर ना आज़माएं तो बेहतर है. और हां, 3310 कीमत 4,000 के आस पास रहने की उम्मीद है.










सोर्स:लल्लनटॉप 


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jio-sim


रिलायंस जिओ ने एक तरफ पूरे टेलिकॉम बाजार में तहलका मचा दिया है। वहीं, दूसरी तरफ कंपनी ने एक बड़ा एलान कर दिया है। एक अंग्रेजी अखबार की रिपोर्ट के मुताबिक, जैसे ही जिओ का फ्री ऑफर खत्म होगा, वैसे ही जिओ यूजर के घर इसका बिल आने लगेगा। 



जिसके बाद यूजर को नियम और शर्तों के मुताबिक बिल चुकाना होगा। ऐसे में अगर आप भी जिओ के फ्री कॉलिंग और इंटरनेट का इस्तेमाल कर रहे हैं, तो आपको सतर्क रहने की जरुरत है।



 आपको बता दें कि जैसे ही कंपनी की फ्री सेवाएं खत्म हो जाएंगी, वैसे ही इसके पोस्टपेड ग्राहकों को बिल आने शुरू हो जाएंगे।



सबसे पहले आपको ये पता होना सबसे ज्यादा जरुरी है, कि आपका कनेक्शन पोस्टपेड है या प्रीपेड। इसके लिए जिओ एप खोलें। इसके बाद जो My jio का ऑप्शन आएगा उस पर क्लिक करें। अब आपके सामने एक पेज ओपन होगा, जिसमें Welcome to your digital life लिखा होगा। 



अब यहां आपको Skip Sign In टैप करना है। इसके बाद एक और पेज ओपन होगा। इस नए पेज पर सबसे ऊपर की ओर My Jio लिखा होगा। 




अगर इस पेज पर Balance लिखा होगा, तो आपका नंबर प्री-पेड है और अगर Unpaid bill लिखा होगा, तो इसका मतलब आपका नंबर पोस्टपेड है। ऐसे में जिन यूजर्स का पोस्टपेड नंबर है, उन्हें फ्री ऑफर के खत्म होने के बाद जिओ की तरफ से बिल भेजे जाने लगेंगे।




आपको बता दें कि जिओ का हैप्पी न्यू ईयर ऑफर 31 मार्च 2017 को खत्म हो रहा है। इस ऑफर के तहत यूजर्स को अनलिमिटेड एचडी वॉयस, जिओ नेट वाइ-फाइ, डाटा, एचडी वीडियो, एसएमएस, जिओ एप्स जैसी सुविधाएं दी जा रही हैं।





सोर्स:जागरण.कॉम 
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these-are-the-5-haunted-places-of-india


देखा जाए तो दुनिया के हर देश में कोई न कोई ऐसी जगह जरूर है जो खुद में रहस्यमय है। साथ ही लोगों की मान्यता के अनुसार श्रापित और भूतिया भी हैं।



 यहां हम आपको अपने ही देश की कुछ ऐसी जगहों के बारे में जानकारी देने जा रहे हैं जिनके बारे में लोगों का मानना है कि वे भूतिया हैं। ये जगहें इतनी खौफनाक और डरावनी हैं कि रात में यहां रुकने वाले लोगों की चीखें निकल जाती हैं। 



यह भी कहा जाता है कि कई कमजोर दिल वाले लोगों की यहां मौत तक हो चुकी है। इसीलिए सरकार ने शाम होते ही यहां लोगों के आने पर पाबंदी लगा दी है।



1- दमास बीच-गुजरात :-


Dumas Beach, Gujarat



यह समुद्र का एक किनारा है। एक समय था जब यहां हिन्दू लोगों का अंतिम संस्कार हुआ करता था। वर्तमान में लोगों की ऐसी धारणा है कि यहां से लोग गायब हो जाते हैं और फिर कभी वापस नहीं आ पाते। 


कई लोगों का कहना है कि यहां लोगों की चीख-पुकार और उनको बातें करते सुना जा सकता है।



2- शनीवारवाड़ा फोर्ट-पुणे :-


Shaniwarwada Fort Pune




इस किले का निर्माण बाजीराव पेशवा ने मराठा साम्राज्य को आगे बढ़ाने के लिए कराया था। लोगों की मान्यता के अनुसार बाजीराव की मृत्यु के बाद सत्ता के लालच में 18 साल के “नारायण राव” की हत्या इसी महल में कर दी गई थी।


 लोगों का मानना है कि आज भी नारायण राव अपने चाचा “राघोबा” को पुकारते हैं। जानकारी के लिए बता दें कि नारायण राव का संरक्षक उनके चाचा राघोबा राव को ही बनाया गया था, जिन्होंने सत्ता के लालच में नारायण राव को मौत के घाट उतरवा दिया था।



 इसके अलावा सन् 1828 में इस महल में रहस्यमय तरीके से आग लग गई थी। जिसमें इस महल का एक बड़ा भाग जल गया था। वर्तमान में यहां आने वालों को कई प्रकार की अनुभूतियां होती हैं। कहा जाता है कि अमावस्या की रात को यहां चीख-पुकार की आवाजें भी सुनाई देती हैं।



3- रामोजी फिल्म सिटी-हैदराबाद :-


Ramoji Film City Hyderabad




अपने देश की भूतिया जगहों में रामोजी फिल्म सिटी का नाम भी आता है। कहा जाता है कि काफी समय पहले इस जगह पर एक युद्ध लड़ा गया था, जिसमें अनेक लोगों की मौत हुई थी। 


ऐसा माना जाता है कि उस युद्ध में मारे गए लोगों की आत्मायें आज भी यहां भटकती हैं और लोगों को परेशान करती हैं। यह आत्मायें लड़कियों को अधिक परेशान करती हैं।



4-राज किरण होटल-मुम्बई :-


Raj Kiran Hotel Lonavala | Haunted Places in Mumbai


ऐसा माना जाता है यह होटल भी कुछ आत्माओं का वास स्थल बना हुआ है। बहुत से लोगों का कहना है कि इस होटल के ग्राउंड फ्लोर पर अजीबो गरीब हरकतें देखी जा सकती हैं। 



यहां ठहरने वाले लोगों का कहना है कि रात को सोते समय कोई उनको अचानक उठा देता है और कभी-कभी उनकी बेडशीट भी खींच लेता है। लोगों का कहना है कि इस प्रकार अचानक नींद से उठने के बाद उनको अपने पैरों पर चमकीली नीली रोशनी पड़ती दिखाई देती है।



5- डिसूजा चॉल-मुम्बई :-


D'Souza Chawl Mumbai



यह मुंबई की एक “चॉल” है, जिसका नाम डिसूजा चॉल है। इस चॉल को भी भूतिया माना जाता है।


 असल में इस चॉल में स्थित कुएं से एक महिला पानी भरते समय गिरकर मर गई थी। लोगों का मानना है कि उसकी आत्मा आज भी यहां भटकती है। 


लोग कहते हैं कि यह औरत रोज़ रात को कुएं के आस-पास आती है, पर किसी को नुकसान नहीं पहुंचाती है।




सोर्स:वाह गज़ब 


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