पहली दो फिल्मों की अपार सफ़लता के बाद अब आई है एमएसजी की तीसरी फ़िल्म. एमएसजी द वारियर – “लायन हार्ट”. फ़िल्म बनाई है दादासाहेब फाल्के फिल्म फाउंडेशन की ओर से सबसे पॉपुलर ऐक्टर, राइटर और डायरेक्टर संत डॉक्टर गुरमीत राम रहीम सिंह जी इंसान जी. संत डॉक्टर गुरमीत राम रहीम सिंह जी इंसान जी डेरा सच्चा सौदा के चीफ़ हैं. ये संत भी हैं और साथ ही वो सब जो मनुष्य की क्षमताओं में संभव होता है.
फिल्म है आदर के रखवाले के बारे में. वो जो एक योद्धा है. वो जो अब एक सीक्रेट एजेंट बन चुका है. वो जिनका एक भी कदम बिना वजह से नहीं उठता. जितनी इंसानी सोच के बस की है, उसके हिसाब से सर का एक भी कदम बिना वजह से नहीं होता. अब ऐसा क्यूं है, ये साफ़ नहीं हो पाया है. हम इंसान हैं. संतों के मन में क्या होता है, ये समझना हमारी समझ से परे है.
उनके दुश्मन ये कसम उठा चुके हैं कि वो लायन हार्ट को मार देंगे. मगर वो दुश्मनों को ललकारते हैं. उन्हें खबरदार करते हैं. पार्श्व में ढोल और नगाड़े बज उठते हैं. वो अपने अस्त्र उठाते हैं और दुश्मनों को बताते हैं कि उनके नाम में भले ही संत लगा हो, लेकिन उनकी संतई वहीं तक सीमित है जहां तक वो चाहते हैं. उनका मन किया तो गदा उठाई और बराबर कर दिया सबको.
ये लायन हार्ट वो हैं जो ढोल की धुन पर हाथी को एक मुक्का मारकर चित्त कर सकते हैं. ये वो हैं जो अपनी बाइक को अगले पहिये के बल घुमा सकते हैं. ये वो हैं जो बर्फीले पहाड़ों पर खाली हाथ चढ़ जाते हैं. टॉम क्रूज़ भी ऐसा क्या स्टंट किये होंगे. ऐसे तो कभी एर्नोल्ड श्वार्ज़नेगर ने भी नहीं किसी को मारा होगा. और न ही ऐसा मुक्का किसी रॉकी बलबोआ के बस की बात होगी. संत डॉक्टर गुरमीत राम रहीम सिंह जी इंसान ये भी बताते हैं कि वो शेर के दांत गिनते हैं. शेर के दांत उनसे पहले सिर्फ एक ही शख्स ने गिने थे. वही जिनके नाम पर हमारे देश का भारत नाम पड़ा – भरत.
इन सभी चीज़ों के बीच हमें मालूम पड़ती है एक बात. संत डॉक्टर गुरमीत राम रहीम सिंह जी इंसान इस दुनिया पर सिनेमा के इतिहास के सबसे ज़्यादा बहुमुखी प्रतिभा के धनी व्यक्तित्व हैं अपनी तीसरी किस्त में संत डॉक्टर गुरमीत राम रहीम सिंह जी इंसान ने उसकी एक झलक हमें इन्हीं की असीम अनुकम्पा से ट्रेलर के अंत में देखने को मिलती है:
मगर इसमें एक त्रुटी हो गयी. ज़रूर ये ट्रेलर किसी क्षणभंगुर देहधारी ने बनाया होगा न कि स्वयं संत डॉक्टर गुरमीत राम रहीम सिंह जी इंसान ने. हुआ ये कि ट्रेलर के अंत में एक स्क्रीन आती है जिसमें सभी क्रेडिट्स लिखे होते हैं. उसमें डायरेक्टर ऑफ़ फ़ोटोग्राफी में, एडिटर, बैक ग्राउंड स्कोर और कुछ एक और भी कामों में किसी और का नाम लिख दिया गया है.
पहली नज़र में तो ऐसा लगता है कि ये फ़िल्म हिट से कहीं आगे होगी. लेकिन अगर संत डॉक्टर गुरमीत राम रहीम सिंह जी इंसान की मेहनत, उनकी डेडीकेशन और उनकी बहुमुखी प्रतिभा के प्रदर्शन को देखा जाएगा तो यकीनन उन्हें इस बार असली वाले दादा साहेब फाल्के अवार्ड से नवाज़ा जाएगा. और मैं इसी भरोसे पर अवार्ड्स पर अवार्ड्स की आस लगाये बैठा हूं. मुझे यकीन है कि मैं अकेला नहीं हूं.
इससे पहले भानू अथैया को 1983 में बेस्ट कॉस्टयूम डिज़ाइन, 2009 में रसूल पूकुट्टी को बेस्ट साउंड मिक्सिंग, एआर रहमान को बेस्ट ओरिजिनल स्कोर और रहमान और गुलज़ार को एक साथ बेस्ट ओरिजिनल सॉंग के लिए ऑस्कर मिल चुका है. साथ ही सत्यजीत रे को 1992 में ऑस्कर एकेडमी ने सम्मानित करते हुए ऑस्कर दिया था. ये तो महज़ मुट्ठी भर लोग हैं. यहां आज के वक़्त ऑस्कर का सबसे प्रबल दावेदार कोई होने वाला है तो वो सिर्फ और सिर्फ संत डॉक्टर गुरमीत राम रहीम सिंह जी इंसान ही होने वाले हैं. उधर फ़िल्म रिलीज़ हुई नहीं कि हॉलीवुड की फूंक सरक जाएगी. क्या स्पीलबर्ग ने स्पेसशिप बनाया? लायन हार्ट में एलियन का स्पेस शिप देखिये. इस संत पुरुष का परिधान देखिये. बेस्ट कॉस्टयूम में तो शायद और किसी को नॉमिनेट भी नहीं किया जायेगा. स्पेशल इफ़ेक्ट्स के तो क्या कहने. आप सोच नहीं सकते की फिल्मों में ऐसा भी दिखाया जा सकता है.
लेकिन संत डॉक्टर गुरमीत राम रहीम सिंह जी इंसान ने दिखाया है. जब लहरों के बीच घोड़ा दौड़ता है तो मन प्रफुल्लित हो उठता है.
फ़िल्म में कुल 30 डिपार्टमेंट संभाले हैं संत डॉक्टर गुरमीत राम रहीम सिंह जी इंसान ने. और मैं आज ये दावा करता हूं कि संत डॉक्टर गुरमीत राम रहीम सिंह जी इंसान दुनिया के ही नहीं, समूची आकाशगंगा में मौजूद एकमात्र ऐसे प्राणी होंगे जो एक ही ऑस्कर में 30 ट्रॉफी घर ले जायेंगे. इसके बाद उन्हें अपने घर में एक नया कमरा भी बनवाना पड़ेगा. लेकीं उसके पहले समस्या ट्रॉफियों को घर ले जाने की भी होगी. क्या है कि हाथ दो ही होते हैं. इसलिए दो ट्रॉफी तो पकड़ी जा सकेगी. लेकिन बाकी की 28? खैर, वो तो संत डॉक्टर गुरमीत राम रहीम सिंह जी इंसान संभाल ही लेंगे. ये उनके लिए कोई बहुत बड़ी बात नहीं होगी.
फिलहाल मैं इंडिया में 30 ऑस्कर ट्रॉफ़ियां आने के ख्याल से ही खुश हूं. और इसके लिए संत डॉक्टर गुरमीत राम रहीम सिंह जी इंसान का मुझे शुक्रिया अदा करना चाहिए. थैंक यू संत डॉक्टर गुरमीत राम रहीम सिंह जी इंसान. यू आर माई लव चार्जर!
सोर्स:लल्लनटॉप
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