99 वे साल का एक कैदी आज जेल से आजाद हुआ। वह बिना सहारे चलने की स्थिति में नहीं था। जेल से बाहर उसे ना तो कोई लेने आया और ना ही उसके चेहरे पर आजादी की खुशी नजर आ रही थी। बस उसने इतना ही बोला, बाबूजी धीरे चलना। शायद उसका मतलब था कि जोश में एेसा काम नहीं करना चाहिए, जिससे बुढ़ापा जेल में कटे।
कोटा सेंट्रल जेल से आज 99 साल का रामचंद्र रिहा हुआ। बारां जिले के बापचा थाना इलाके में कान्याखेडी गांव में मामूली विवाद के दौरान हुई हत्या के मामले में रामच्रंद को उम्र कैद की सजा मिली थी। 11 साल तक फरारी काटने के बाद रामचंद्र गिरफ्तार हुआ था।
इसके बाद न्यायालय द्वारा सुनाई गई सजा के 16 साल उसने सेंट्रल जेल में कैदियों के बीच काटे। यहां आकर उसने खुद को अच्छे व्यवहार में ढाला और आज इसकी बदौलत रिहा भी हो गया।
खुली जेल के 60 कैदियों में सबसे उम्रदराज था ये...
रामचंद्रPC: amar ujala
रामचंद्र के अच्छे व्यवहार को देखते हुए जेल प्रशासन ने उसे खुली जेल में शिफ्ट कर दिया। वर्ष 2015 से खुली जेल में दो साल के अच्छे आचरण और उम्र को देखते हुए जेल प्रशासन ने उसे रिहाई के लिए प्रयास शुरू किए, जिसमें उन्हे सफलता मिली। पांच महीने पहले ही उसकी रिहाई के आदेश महानिदेशालय पुलिस से कोटा जेल प्रशासन को मिले।
कोटा खुली जेल में लगभग 60 कैदी अपने गुनाहों की सजा काट रहे हैं, जिसमें यह उम्रदराज कैदी रामचंद्र एक था। उम्र का बड़ा हिस्सा रामचंद्र ने जेल में गुजारा है, लेकिन रिहाई ने जेल के अनुभव के साथ बड़ा संदेश इस बुजुर्ग को देने के लिए मजबूर कर दिया। अपने गुनाह की माफी तो रामचंद्र मांग रहा है।
सोर्स:अमरउजाला
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