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पत्थरबाज ने कबूल किया कि हिज्बुल मुजाहिद्दीन के उग्रवादी बुरहान वानी की मौत के बाद हुए हुए हिंसक प्रदर्शनों के दौरान भी उसने पत्थरबाजी की थी।



एक निजी टीवी चैनल ने खुफिया स्टिंग ऑपरेशन में दावा किया है कि जम्मू-कश्मीर में स्थानीय नौजवानों को पत्थरबाजी करने के लिए पैसे दिए जाते हैं। इन पत्थरबाजों ने खुफिया कैमरों के सामने स्वीकार किया कि वो नियमित तौर पर पत्थरबाजी करते रहे हैं। एक पत्थरबाज कैमरे के सामने कह रहा था कि वो साल 2008 से ही पत्थरबाज कर रहा है। पत्थरबाज फारूख अहमद लोन ने बताया कि उसे इस काम के लिए 500 से पांच हजार रुपये तक मिलते हैं। पत्थरबाज ने कबूल किया कि हिज्बुल मुजाहिद्दीन के उग्रवादी बुरहान वानी की मौत के बाद हुए हुए हिंसक प्रदर्शनों के दौरान भी उसने पत्थरबाजी की थी।


जाकिर हमद भट नामक एक अन्य पत्थरबाज ने भी टीवी चैनल आज  तक के खुफिया कैमरे के सामने कबूल किया कि उन्हें पुलिस और भारतीय सेना पर पत्थर फेंकने के लिए पैसे, जूते और कपड़े भी दिए जाते हैं। फारूख ने बताया कि उसे उसका एक दोस्त आसिफ पैसा देता था लेकिन उसे ये पता नहीं था कि उसके दोस्त को किससे पैसा मिलता था। फारूख ने बताया कि उसके द्वारा फेंके गए पत्थरों से जम्मू-कश्मीर पुलिस के जवान और भारतीय सुरक्षा बल घायल हो चुके हैं।


फारूख ने बताया कि उन्हें विरोध प्रदर्शन करने और पत्थरबाजी के आदेश मिलते हैं। पकड़े जाने पर वो पुलिस के सामने पैसे मिलने की बात कबूल नहीं करते। पत्थरबाज पुलिस की गिरफ्त से बचने के लिए घर से फरार हो जाते हैं। बुधवार (29 मार्च) को ही जम्मू-कश्मीर पुलिस ने दावा किया कि राज्य में होने वाले पत्थरबाजी को पाकिस्तान स्थित व्हाट्सऐप ग्रुप से इसके निर्देश मिलते हैं। पुलिस के अनुसार पत्थरबाजों को व्हाट्सऐप से भारतीय सुरक्षा बलों की स्थिति बतायी जाती है।


कश्‍मीर पुलिस के एक अधिकारी ने सीएनएन-न्‍यूज 18 को बताया कि जब सुरक्षा बलों और उग्रवादियों के बीच मुठभेड़ शुरू होती है तो पाकिस्तानी ग्रुप नौजवानों को वहां जाने के लिए कहा जाता है। जम्मू-कश्मीर के डीजीपी एसपी वैद्य ने चैनल से कहा कि यह एक तथ्‍य है कि सोशल मीडिया का इस्‍तेमाल देश के दुश्‍मनों द्वारा किया जा रहा है।  मंगलवार (28 मार्च) को कश्मीर के बडगाम में एक मुठभेड़ के दौरान भारतीय सुरक्षा बलों पर पत्‍थरबाजी की गई। सुरक्षा बलों की जवाबी कार्रवाई में तीन नागरिक मारे गए। कश्‍मीरी युवकों और सुरक्षा बलों के बीच इस मुठभेड़ में सीआरपीफ के 63 जवान घायल हुए।



सोर्स:जनसत्ता
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