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लाखों लोगों से ऑनलाइन बिजनेस के नाम पर 3700 करोड़ की ठगी करने वाले गिरोह के संचालकों की गिरफ्तारी के बाद गाजियाबाद शहर के हजारों लोगों के करोड़ों रुपये दांव पर लग गए हैं। 



लोगों को डर सता रहा है कि उनके रुपये डूब न जाएं। बृहस्पतिवार को ऑनलाइन कंपनी में पैसे लगाने वाले लोग आरडीसी स्थित कंपनी के आॉफिस के बाहर चक्कर लगाते नजर आए। हालांकि कंपनी का ऑफिस बंद मिला।





सूत्रों के मुताबिक, इस ऑनलाइन सोशल ट्रेडिंग कंपनी का मेन सर्वर गाजियाबाद स्थित आरडीसी में ही था, जहां बुधवार दोपहर करीब दो बजे एसटीएफ ने छापा मारा था। कुछ कर्मचारी तो मौके से भाग निकले, जबकि कई को एसटीएफ ने पकड़ लिया था। हालांकि इसकी भनक लोकल पुलिस को नहीं लगने दी गई।



 बृहस्पतिवार को जैसे ही कंपनी कर्मियों के नोएडा में गिरफ्तार किए जाने की सूचना सोशल मीडिया और न्यूज चैनलों के जरिए मिली तो निवेशकों में खलबली मच गई। लोग लगातार आरडीसी कंपनी के ऑफिस आने लगे।






कुछ तो रजिस्ट्रेशन कराने आए थे, जिनका कहना था कि ईश्वर की कृपा से वे बच गए। वहीं, कई निवेशकों का कहना था कि उन्होंने हाल ही में निवेश किया था, अब उन्हें पैसे डूबने का डर सता रहा है, हालांकि उन्हें मैसेज के जरिए कंपनी कर्मी सूचना दे रहे हैं कि उनके पैसे नहीं डूबेंगे। 



कई ऐसे भी थे, जो कह रहे थे कि उन्हें पैसे लगाने से फायदा हुआ है क्योंकि उन्होंने कई महीने पहले पैसे लगाए थे।




नेहरू नगर निवासी रोहित ने बताया कि उन्होंने ऑनलाइन लाइक करने वाले इस बिजनेस में 57500 रुपये लगाए थे। इसके बाद उनके अकाउंट में प्रतिदिन के हिसाब से करीब 500 रुपये आने शुरू हो गए। इसी कारण उन्होंने अपने रिश्तेदार दोस्तों के रुपये लगवा दिए। 



बृहस्पतिवार को पता चला कि कंपनी को चलाने वाले व्यक्ति को एसटीएफ ने गिरफ्तार कर लिया है। ऐसे अब उन्हें रुपयों की चिंता होने लगी है कि उनके रुपये कैसे आएंगे।




ऐसे चलता था धंधा

इस ऑनलाइन बिजनेस में 5750 रुपये लेकर 57500 रुपये तक रजिस्ट्रेशन शुल्क लिया जाता था। रकम के हिसाब से ही बिजनेस मिलता था। 57500 रुपये के निवेश पर प्रतिदिन 120 ऑनलाइन एड देखकर उन्हें लाइक करना होता था। प्रति लाइक के पांच रुपये मिलते थे।


 यह बिजनेस महीने में 20 दिन करना होता था। प्रतिदिन 510 रुपये अकाउंट में जमा हो जाते थे। यही नहीं, दूसरे किसी व्यक्ति को इस कंपनी से जोड़ने पर प्रोत्साहन राशि भी मिलती थी।



 सूत्रों के मुताबिक, इस तरह की कई और कंपनियां भी गाजियाबाद में चल रही हैं, जो लोगों से इसी तरह निवेश कराती हैं। अब इन कंपनियों में निवेश करने वालों में भी बेचैनी बढ़ गई है।



सोर्स:अमरउजाला 
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