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थाईलैंड के प्रधानमंत्री अभिजीत वेजाजीवा के काफिले पर रविवार को किए गए जानलेवा हमले में वह बाल बाल बच गए।



स्थानीय मीडिया रिपोटर्ों के अनुसार सरकार विरोधी प्रदर्शन के दौरान लाल कमीज पहने हजारों प्रदर्शनकारी रविवार सुबह से ही राजधानी बैंकाक में जमा हो गए थे। पूर्व प्रधानमंत्री थाकसिन शिनावात्रा के इन समर्थकों ने गृह मंत्रालय के बाहर प्रधानमंत्री वेजाजीवा की कार पर भी हमला बोल दिया।


सुरक्षा कर्मियों की सक्रियता के कारण उन्हें बचा लिया गया। हालांकि उनके सचिव निपों प्रोम्फन को प्रदर्शनकारियों ने कार से बाहर खींच कर उनकी जमकर जमकर पिटाई कर दी। बाद में टेलीविजन पर जारी संदेश में वेजाजीवा ने कहा कि मुझे लगता है कि जनता टीवी के माध्यम से सब देख रही है।
जनता ने देखा के प्रदर्शनकारी मुझे मारने पर आमादा थे और मेरी कार तो उन्होंने नष्ट कर ही दिया। यूनाईटेड फ्रंट ऑफ डेमोक्रेसी के बैनर तले आंदोलनरत प्रदर्शनकारी विजाजीवा की सरकार को गलत तलत तरीके से बनी सरकार बताते हुए इस तानाशाही पूर्ण सरकार को उखाड़ फेंक चुनाव करा कर नई सरकार के गठन की मांग कर रहे हैं।



इतना ही नहीं आंदोलनकारी सरकार के अलावा सेना, न्यायपालिका और अन्य अनिर्वाचित पदाधिकारियों पर राजनीति में हस्तक्षेप करने का आरोप लगाते हुए इनका भी विरोध कर रहे हैं।


ज्ञातव्य है कि विरोध प्रदर्शन के कारण उत्पन्न नाजुक हालात के मद्देनजर वेजाजिवा ने रविवार को राजधानी बैंकाक में भी आपातस्थिति लागू कर दी थी। इससे पहले प्रदर्शनकारियों ने शनिवार को पटाया में होने वाले एशियाई सम्मेलन का जबरदस्त विरोध किया जिसकी वजह से न सिर्फ सम्मेलन को स्थगित करना पड़ा बल्कि पूरे प्रांत में आपातस्थित लागू करनी पड़ी थी।


आपातकाल लगाने पर सफाई देते हुए वेजाजिवा ने कहा कि देश में समान्य हालात बहाल करने के लिए उन्हें यह फैसला करना पड़ा। उन्होंने कहा कि इसके लिए सरकार हर संभव कदम उठाएगी। उन्होंने जनता से इस दिशा में सरकार का सहयोग करने की भी अपील की।


वेजाजिवा ने कहा कि सरकार शनिवार को पटाया में प्रदर्शन के उन सभी आंदोलनकारियों के खिलाफ भी कानूनी कार्रवाई करेगी जिनके कारण विदेशों मेहमानों की सुरक्षा खतरे में पड़ी और सम्मेलन भी रद्द करना पड़ा।






सोर्स:लाईवइंडिया
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