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कहते हैं हर लव स्टोरी अलग होती है. बात तो बड़ी आर्चीज ग्रीटिंग कार्ड टाइप है. पर कुछ प्रेम कहानियां सचमुच डिफरेंट होती हैं. इतनी कि इतिहास बना जाती हैं. अरे भाई लैला-मजनू या रोमियो-जूलियट की तरह इश्क में मरने में क्या रखा है? इश्क करो तो ऐसे करो जैसे इंडियन आर्मी के इस कैप्टन ने किया था. आज से 40 साल पहले.


शौंतेल नाम था उसका. पेरिस फ्लाइंग क्लब में स्काय डाइविंग सिखाती थी. शमशेर उसका स्टूडेंट था. टीचर से इश्क हो गया. शौंतेल से कहा, मुझे शादी कर लो. शौंतेल बोली, शादी तो कर लूंगी. पर तब, जब इंडिया में उड़ सकूंगी. शौंतेल को स्काय डाइविंग से इश्क था. और शमशेर को शौंतेल से इश्क था.


शमशेर इंडियन आर्मी में कैप्टेन था, इरादों का मजबूत. जाहिर है इश्क भी मजबूत था. लेकिन इंडिया के लिए ये बिल्कुल नई चीज थी. शमशेर ने तय किया था, शौंतेल से हवा में शादी करेगा. पर सरकार से परमिशन नहीं मिली. लेकिन शौंतेल के साथ उड़ना तो था ही.


फिर एक दिन शमशेर शौंतेल के साथ जमीन से 5000 फुट ऊपर एक जहाज से कूदा. शमशेर अपने प्यार के साथ पंछी की तरह उड़ता रहा. उसे कोई ऑर्डर देने वाला नहीं था. वो आजाद था. और ये जानता था कि धरती पर उतर कर वो अपनी महबूबा से शादी कर सकेगा. जब दोनों के पैराशूट ने जमीन को छुआ, लोगों को पैराशूट के ऊपर चढ़ते और ताली बजाते पाया.



आसमान से धरती के इस एक मिनट के सफर में न सिर्फ शमशेर अपनी पत्नी का सपना पूरा कर रहा था, बल्कि भारत देश को एक नया खेल, नया एडवेंचर दे रहा था. स्काय डाइविंग.




और उस दिन शमशेर सिंह ने कहा था, “मैं जानता हूं इंडिया का युवा अपने लड़ से डर कर स्काय डाइविंग को एक खेल की तरह अपनाएगा. और फिर उससे प्यार कर बैठेगा. क्योंकि रोमांच डर से बड़ा होता है.”





सोर्स:लल्लनटॉप
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