बिहार के औरंगाबाद जिले के एक गांव में ग्राम कचहरी ने 8 अक्टूबर को हर तरह के चाइनीज सामान की बिक्री और खरीदारी पर रोक लगाने का फैसला किया. इसका उद्देश्य भारत सरकार और सैनिकों के प्रति अपना सपोर्ट ज़ाहिर करना है. ग्राम कचहरी के मुताबिक, चीन में बना हुआ हर सामान दुश्मन का सामान है, क्योंकि चीन पाकिस्तान का सपोर्ट करता है.
ग्राम कचहरी की सरपंच गुड़िया देवी कहती हैं कि 'हमने चीन में बने सामानों को बैन करने का फैसला किया है और लोगों से अपील की है कि वे किसी भी चाइनीज़ सामान का प्रयोग न करें. चीन एक दुश्मन है, क्योंकि वो भारत के खिलाफ पाकिस्तान का सपोर्ट कर रहा है.'
ग्राम कचहरी ने आम सहमति के बाद एक प्रावधान पास किया कि वे सभी लोग जो चीन के सामान का बहिष्कार करने के इस नियम को नहीं मानते हुए पाए जाएंगे, उन पर फाइन लगाया जाएगा. ये पहली बार सुनने में आया है कि गांव के स्तर पर चीन के बने सामानों पर इस तरह से बैन लगाने का कदम उठाया गया है.
जिले में ओबारा गांव पंचायत की आबादी 10,000 से ऊपर की है और इन लोगों को उम्मीद है कि इस फैसले का असर गहरा होगा. खासकर अभी त्योहारों के सीजन के कारण इससे फ़र्क पड़ेगा.
ग्राम कचहरी के सदस्य बाबन मेहता के अनुसार, 'हमें चीन में बने हुए सामान को नहीं खरीदना चाहिए. ऐसा करने से उसकी अर्थव्यवस्था कमजोर होगी.'
ग्रामीण भारत को चीन के सामानों के लिए एक बड़ा मार्केट माना जाता है, क्योंकि चीन के सामान भारत में बने सामानों से काफी सस्ते मिल जाते हैं.
कुछ भी कहिए, लेकिन ग्रामीण लोगों की इस पहल को सराहा जा रहा है और अगर देश के ज़्यादातर लोग ऐसा कदम उठा लें, तो चीन की अर्थव्यवस्था पर व्यापक प्रभाव पड़ेगा. इसका फायदा भारत को ज़रूर मिलेगा. देश के सभी नागरिकों को इन ग्रामीणों से सीख लेनी चाहिए और चीन के सामानों की खरीद बंद करके भारतीय अर्थव्यवस्था को सपोर्ट करना चाहिए.
सोर्स:ग़ज़बपोस्ट
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