रियो ओलंपिक के
ऐतिहासिक मैच में जोरदार टक्कर देने के बाद भारत की पीवी सिंधू अपना गोल्ड
मेडल मैच हार गई हैं और उन्हें रजत से संतोष करना पड़ा।
ओलंपिक के 14वें दिन जहां भारत का 8 साल बाद पहले
गोल्ड जीतने का सपना टूट गया तो वहीं पीवी सिंधू खेलों के इस महाकुंभ में
रजत पदक जीतने वाली देश की पहली महिला खिलाड़ी बन गईं। साथ ही देश के लिए
कोई पदक जीतने वाली सबसे कम उम्र की खिलाड़ी बनने का तमगा हासिल कर लिया।
हैदराबाद की सिंधू ने स्वर्ण पदक के लिए शीर्ष वरीयता प्राप्त स्पेन की कैरोलिना मैरिन को जोरदार टक्कर दी लेकिन भारतीय खिलाड़ी को हार का सामना करना पड़ा। मैच में भारतीय खिलाड़ी ने पहला गेम 21-19 से जीत लिया। जबकि दूसरा गेम मैरिन ने 21-12 से जीतने के बाद निर्णायक गेम भी उन्होंने 21-15 से जीतकर गोल्ड मेडल पर कब्जा जमा लिया। वह गोल्ड जीतने वाली स्पेन की पहली खिलाड़ी बन गई हैं।
21 साल की सिंधू बैडमिंटन से पदक (रजत) जीतने वाली देश की दूसरी खिलाड़ी हैं। इससे पहले 2012 के लंदन ओलंपिक में साइना नेहवाल ने महिला एकल वर्ग में कांस्य पदक जीता था।
हैदराबाद की सिंधू ने स्वर्ण पदक के लिए शीर्ष वरीयता प्राप्त स्पेन की कैरोलिना मैरिन को जोरदार टक्कर दी लेकिन भारतीय खिलाड़ी को हार का सामना करना पड़ा। मैच में भारतीय खिलाड़ी ने पहला गेम 21-19 से जीत लिया। जबकि दूसरा गेम मैरिन ने 21-12 से जीतने के बाद निर्णायक गेम भी उन्होंने 21-15 से जीतकर गोल्ड मेडल पर कब्जा जमा लिया। वह गोल्ड जीतने वाली स्पेन की पहली खिलाड़ी बन गई हैं।
21 साल की सिंधू बैडमिंटन से पदक (रजत) जीतने वाली देश की दूसरी खिलाड़ी हैं। इससे पहले 2012 के लंदन ओलंपिक में साइना नेहवाल ने महिला एकल वर्ग में कांस्य पदक जीता था।
इससे पहले महिला फाइनल
शुरू होने में करीब एक घंटे की देरी हुई क्योंकि जिस कोर्ट पर मैच होना था
उसी पर पहले पुरुष एकल के दोनों सेमीफाइनल मुकाबले खेले गए। दोनों का यह
पहला ओलंपिक था और दोनों पहली बार ओलंपिक फाइनल खेल रही था। साथ ही 1996 के
बाद ऐसा पहली बार हो रहा है जब महिला फाइनल में एक भी चीनी खिलाड़ी नहीं
है।
सिंधू एथलेटिक्स और निशानेबाजी को छोड़कर ओलंपिक के किसी अन्य खेल के फाइनल में पहुंचने भारत की पहली एथलीट हैं। एथलेटिक्स और निशानेबाजी ऐसे खेल हैं जिसके फाइनल में 2 से ज्यादा एथलीट पहुंचते हैं।
भारत अगर आज स्वर्ण पदक जीत जाता तो वह ओलंपिक खेलों में स्वर्ण पदकों की दहाई संख्या को टच कर लेता लेकिन यह सपना इस बार टूट गया है। भारत ने अब तक 9 स्वर्ण जिसमें 8 हॉकी और एक निशानेबाजी से आया है।
बृहस्पतिवार को हुए सेमीफाइनल मुकाबले में सिंधू ने जापान की नोजुमी ओकूहारा को सीधे गेमों में 21-19, 21-10 से हराकर फाइनल में जगह बनाई थी।दूसरी ओर, दो बार की विश्व चैंपियन स्पेन की कैरोलिना मैरीन ने लंदन ओलंपिक की चैंपियन ली ज्युरेई को 21-14, 21-16 से हराते हुए फाइनल में अपनी जगह पक्की की थी।
सिंधू एथलेटिक्स और निशानेबाजी को छोड़कर ओलंपिक के किसी अन्य खेल के फाइनल में पहुंचने भारत की पहली एथलीट हैं। एथलेटिक्स और निशानेबाजी ऐसे खेल हैं जिसके फाइनल में 2 से ज्यादा एथलीट पहुंचते हैं।
भारत अगर आज स्वर्ण पदक जीत जाता तो वह ओलंपिक खेलों में स्वर्ण पदकों की दहाई संख्या को टच कर लेता लेकिन यह सपना इस बार टूट गया है। भारत ने अब तक 9 स्वर्ण जिसमें 8 हॉकी और एक निशानेबाजी से आया है।
बृहस्पतिवार को हुए सेमीफाइनल मुकाबले में सिंधू ने जापान की नोजुमी ओकूहारा को सीधे गेमों में 21-19, 21-10 से हराकर फाइनल में जगह बनाई थी।दूसरी ओर, दो बार की विश्व चैंपियन स्पेन की कैरोलिना मैरीन ने लंदन ओलंपिक की चैंपियन ली ज्युरेई को 21-14, 21-16 से हराते हुए फाइनल में अपनी जगह पक्की की थी।
सोर्स:अमरउजाला
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