अपने जवान बेटे को खोने का इस परिवार को बहुत दुख था. उसके यूं अचानक गुजर जाने से परिवार वालों का रो-रोकर बुरा हाल था. सबसे बुरा हाल तो उस पिता का था, जिसे अपने हाथों से अपने बेटे की चिता को आग लगानी थी. दिल पर पत्थर रखते हुए बेटे के शव को अर्थी पर रखकर श्मशाम घाट लाया गया और उसे चिता पर लेटा दिया गया. इसके बाद मंत्र शुरू हुए और चिता को जलाने की तैयारी की जाने लगी, लेकिन इसी बीच अचानक उनका मृत बेटा चिता पर जोर से चिल्लाया और उसकी सांसे लौट आई.
बेटे की आवाज सुन पिता चिता की ओर दौड़ा और सबने मिलकर उसे नीचे उतारा फिर उसे पानी पिलाया गया. तुरंत गाड़ी का इंतजाम कर उसे अस्पताल ले जाया गया, लेकिन नीयती को शायद कुछ और ही मंजूर था, क्योंकि एक बार फिर परिवार के लाड़ले बेटे की सांसे थम चुकी थी.
ये हैरान करने वाला मामला, मध्य प्रदेश के भोपाल जिले का है, जहां ग्राम खैरियाई निवासी 23 वर्षीय संदीप सिंह को एक सांप ने काट लिया. संदीप के पिता भगवान सिंह उसे तुरंत विदिशा जिले के ग्राम सीहोद में देव स्थान पर झाड़-फूंक करवाने के लिए ले गए, लेकिन कुछ घंटों बाद ही उसने दम तोड़ दिया.
संदीप का शव वापस गांव ले आया गया. जहां उसे अंतिम विदाई देने की तैयारी की जाने लगी. अर्थी लाई गई और उस पर संदीप का शव रख दिया गया. दुखी पिता ने भी अर्थी को अपने कंधे का सहारा दिया और सभी श्मशाम घाट के लिए निकल गए.
श्मशान पहुंचने पर संदीप के शव को चिता पर लेटाया गया और परिजन अंतिम संस्कार की तैयार करने लगे. इस बीच संदीप में अचानक जान आ गई और वो चिता पर चीखने लगा. परिजनों ने उसे नीचे उतारकर पानी पिलाया और अस्पताल ले गए, जहां उसे मृत घोषित कर दिया गया.
करीब तीन घंटे के लिए संदीप में लौटी जान से परिजनों को एक उम्मीद बंधी थी, लेकिन अस्पताल पहुंचकर ये उम्मीद टूट गई. इसके बाद उसके शव को वापस घर लाया गया. जहां संदीप के अंतिम संस्कार को लेकर विवाद शुरू हो गया.
कुछ लोगों का कहना था कि सांप के डसने से मौत होने पर व्यक्ति को दफनाया जाता है. ऐसे में आनन-फानन में कब्र खोदी गई.
लेकिन इस बीच कुछ अन्य लोगों ने इसका विरोध किया और हिंदू रीत के अनुसार अंतिम संस्कार करने का समर्थन किया. जिसके बाद आखिरकार मृतक को चिता पर लेटाकर पिता ने अग्नि दी और उसका अंतिम संस्कार किया गया.
सोर्स:प्रदेश 18
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