खाना किसे नहीं पसंद। नाम सुन कर मुंह में ही पाना आ जाता है। हर कोई इसके बारे में बात करता है। बाहर जाकर भले ही हम कितना भी विदेशी खाना खा लें, लेकिन भारतीय खाने की बात ही अलग है। लेकिन भारतीय खाने के इतिहास बहुत बड़ा है। हमें लगता है कि हम भारतीय खाने और व्यंजनो के बारे में बहुत कुछ जानते हैं, लेकिन आइए देखते है भारतीय खाने के बारे में कुछ ऐसी बातें, जो आप नहीं जानते होंगे:
1. भारत को पुराने समये से ही मसालों का देश कहा जाता है। भारत जितने मसाले दुनिया के अन्य किसी भी देश में न तो बनते हैं और न ही प्रयोग किए जाते हैं।
2. यूनानी, रोमन और अरब के व्यापारियों ने भारतीय स्वाद में बहुक बड़ा योगदान दिया है। यहां तक की केसर भी भारतीय नहीं है। केसर असल में यूनानी है।
3. भारतीय खाने की प्रमुख सामग्री जैसे कि आलू, टमाटर और हरी मिर्च का अस्तित्व भारत से नहीं है। इनका प्रयोग हमें पुर्तगालियों मे सिखाया है।
4. पुर्तगालियों ने ही हमें रिफाइंड चीनी का प्रयोग सिखाया। इससे पहले शहद और फलों को मिठास के लिए इस्तेमाल किया जाता था।
5. मशहूर चिकन डिश ‘चिकन टिक्का मसाला’ भी भारत की खोज नहीं है। इसे ग्लास्गो, स्कॉटलैंड में पहली बार बनाया गया था।
6. अमेरिका में पहला भारतीय रेस्त्रां 1960 में खुला था। आज अमेरिका में करीब 80 हजार भारतीय रेस्त्रां हैं।
भारतीय भोजन सिद्धात के अनुसार, हमारे भोजन में 6 तरीके के स्वाद होतें हैं: मीठा, नमकीन, कड़वा, खट्टा, कसैला और मसालेदार।
भारतीय भोजन सिद्धात के अनुसार, हमारे भोजन में 6 तरीके के स्वाद होतें हैं: मीठा, नमकीन, कड़वा, खट्टा, कसैला और मसालेदार।
7. एक असल भारतीय थाली में इन 6 स्वादों का संतुलित मिश्रण होता है, जिसमें एक या दो की मात्रा अधिक हो सकती है।
8. मिठाई शुभ अवसरों को सबसे महत्वपूर्ण व्यंजन होता है। दक्षिण भारतीय मिठाई पायासम, दक्षिण भारत के समारोह में परोसना आवश्यक है। वहां की परंपरा के अनुसार यदि शादी जैसे समारोह में यदि पायासम न परोसी जाए, तो उसे पूर्ण नहीं माना जाता।
9. कश्मीर की पारंपारिक और मशहूर वाजवान में मध्य एशिया का प्रभाव नजर आता है। इसकी खासियत यह है कि इस तकनीक में मसालों को तलने के बजाय, उबाला जाता है जिसके कारण खाने की महक और स्वाद में चार चांद लग जाते हैं।
10. मिर्च को मसालों को राजा कहा जाता है क्योंकि इसका प्रयोग लगभग हर जगह किया जा सकता है। नमक और मिर्च को यदि हटा जाए तो शायद हमारी थाली से स्वाद ही गायब हो जाए।
11. ‘दम पुलाव’ या ‘दम बिरयानी’ खाने के शौकीन हैं? क्या आपको मालूम है कि इसका इजात भारत से हुआ है? कहा जाता है कि खाने की कमी के चलते अवध के नवाब के हुक्म के अनुसार गरीबों के लिए बड़ी-बड़ी हांडियों में खाना पकाया जाता था। इन्हें लोई की साथ सील करके ढका जाता था। इसे धन, समय और संसाधनों की बचत होती थी। इस नई तकनीक को नाम दिया गया ‘दम’।
12. भारतीय खाने को उपयोगिता और असर के आधार पर तीन भागों में बांटा जाता है। सात्विक भोजन (ताजा फल, सब्जियां और रस), राजसिक भोजन (तला, चटपटा और मसालेदार) और तामसिक (मांसाहार और मदिरा)
सात्विक भोजन चेतना के स्तर को बढ़ाता है, राजसिक भोजन कार्य क्षमता और शक्ति देता है और तामसिक भोजन नाकारात्मक भावनाएं बाहर लाता है।
सोर्स:फिरकी.इन
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