जानिए दुनिया के 10 ऐसे जीव-जंतुओं के बारे में जो विलुप्त होने की कगार पर हैं।
Ivory Billed Woodpecker
यह प्राणी अमेरिका के दक्षिणपूर्व और क्यूबा में पाया जाता है। 2004 में इसे विलुप्त मान लिया गया लेकिन कुछ जगहों पर ये फिर देखे गए। हालांकि इसके अस्तित्व के पुख्ता प्रमाण नहीं है, लेकिन माना जाता है कि इस प्रजाति के चुनिंदा पक्षी ही बचे हैं। पंखो को लिए शिकार किए जाने के कारण यह इस कगार में पहुँचे हैं।
Amur Leopard
तेंदुए की यह प्रजाती बेहद दुर्लभ है, जो पूर्वी रूस के दूर और बर्फीले जंगलों में पाए जाते हैं। पहले ये कोरिया और चीन में भी पाए जाते थे। 2007 में इनकी कुल संख्या 20 के आस-पास थी। मानव विकास गतिविधियों और मौसम में बदलाव के कारण इन्हें काफी नुकसान पहुंचा।
Javan Rhinoceros
यह गैंडे के सबसे दुर्लभ प्रजाती है। इंडोनेशिया के जावा द्वीप के पश्चिमी छोर पर मिलने वाले यह जीव संख्या में करीब 50 ही हैं। दलदल और पानी वाली जगहों में दिखने वाले ये गैंडे पहले पूरे दक्षिण एशिया में पाए जाते थे। लेकिन औषधि के लिए किए गए शिकारों के चलते इनकी संख्या घटती रही।
Northern Sportive Lemur
बंदर की यह प्रजाति दक्षिणपूर्वी अफ्रीका के मेडागास्कर द्वीप पर पाई जाती है। धनाधन जंगलों की कटाई और गैरकानूनी शिकार के चलते इन पर खतरा मंडरा रहा है। 20 से भी कम संख्या वाले यह वंदर हमेंशा ही खतरे में रहे हैं। इनकी खास बात यह है कि इनका वजन 2 पाउंड से भी कम होता है और अपनी बड़ी आंखो से रात में दूर तक देख सकता है।
Northern Right Whale
यह ह्वेल की सबसे दुर्लभ प्रजाति है। अटलांटिक महासागर में इनकी कुल संख्या 350 से भी कम है। तेल के लिए लगातार किए गए शिकार के चलते यह प्रजाति अंत तक आ गई है। इसके नाम में ‘Right’ इस लिए आता है क्योंकि शुरुआती समय में इनके शिकार की सही माना जाता था।
Western Lowland Gorilla
पश्चिमी अफ्रीका में पाए जाने के कारण इसका नाम Westerrn Lowland Gorilla है। पिछले 20 सालों में इनकी संख्या 80 फीसदी घट चुकी है। शिकार के इनके विलोपन का सबसे बड़ा कारण नहीं है। दिलचस्प बात यह है कि इनका विनाश खतरनाक ‘इबोला’ की वजह से हो रहा है।
The Saola- The Asian Unicorn
लाओस और वियतनाम में पाए जाने वाले इस युनिकोर्न की संख्या 100 से भी कम बची है। मृग की तरह दिखने वाला साओला मीटर उंचा और 100 किलो तक भारी होता है। इसको अंतिम बार कैमरें में रिकार्ड 2013 में किया गया था।
Leatherback Sea Turtle
पृथ्वी पर पाए जाने सबसे बड़े कछुए की यह प्रजाति दुनिया भर के समुद्री इलाकों में पाई जाती है। 20 साल पहले इनकी संख्या 1 लाख से ऊपर थी, जो अब घट कर 15 हजार ही रह गई है। बीच कल्चर और समुद्री पानी में गंदगी के कारण इन्हें नुकसान हुआ है।
Siberian Tiger
वैसे तो बाघ की सभी प्रजातिया खतरे में हैं लेकिन साइबेरियाई बाघ दुनिया की सबसे बड़ा बाघ है। पूर्वी रूस, चीन और कोरिया के बर्फीले इलाके में पाए जाने वाले इस बाघ का वजन करीब 300 किलो होता है। ये बर्फीले इलाकों में रहना पसंद करते हैं, जहां तापमान -45 से कम हो। अभी इनकी संख्या 500 से भी कम है।
Chinese Giant Salamander
यह दुनिया का सबसे बड़ा उभयचर (Amphibian) है जो 6 फुट तक बढ़ सकता हैं। मध्य और दक्षिणी चीन के पहाड़ी जंगलों में इसे देखा जा सकता है। हालांकि यह एक बार में 500 से अधिक अंडे देता है लेकिन इसकी अंडे और मास भोजन के रूप में बहुत ज्यादा प्रयोग होने के कारण यह लगभग विलुप्त हो चुका है।
सोर्स:फिरकी.इन
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