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bahubali 2 movie review why did kattappa kill bahubali read here

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निर्देशक: एस एस राजामौली

कलाकार: प्रभास , राणा दुग्गूबाती, अनुष्का शेट्टी, तमन्ना भाटिया , सत्यराज, राम्या कृष्णन


 इंतजार खत्म हुआ। रिलीज हो गई बाहुबली: द कन्क्लूजन। खुल गया राज। जी हां, बाहुबली 2 के बिगनिंग में ही खुल जाता है राज कि कटप्पा ने बाहुबली को क्यों मारा था? कल तक जहां एक सवाल का जवाब जानने की जिज्ञासा थी, वहीं अब इसके जवाब पर चर्चा है।


 
 हर तरफ एक ही बात हा रही है कि कटप्पा ने बाहुबली को इसलिए मारा था। ऐसे में एक सवाल यह भी उठता है कि क्या सवाल का जवाब मिल जाने के बाद लोगों की उत्सुकता में कोई कमी आएगी। जी नहीं,ऐसा बिल्कुल भी नजर नहीं आ रहा है, क्योंकि फिल्म की आगे की कहानी आपको सीट से उठने नहीं देगी, क्योंकि आपने इससे पहले ऐसा छल, कपट व धोखा किसी फिल्म में नहीं देखा होगा, जिसके साथ है जबरदस्त एक्शन, शानदार रोमांच, आंखें नम कर देने वाला रोमांस व गजब का रहस्य... यही तो है बाहुबली 2 की यूएसपी, जिसकी तुलना हॉलीवुड की फिल्मों से की जा रही है। तो आइए, एक नजर डालते हैं फिल्म की कहानी, अभिनय, निर्देशन व गीत-संगीत पर...



कहानी...

कहानी वहीं से शुरू होती है, जहां बाहुबली बिगनिंग की कहानी खत्म हुई थी। शिवा उर्फ महेंद्र बाहुबली (प्रभास) को कटप्पा (सत्यराज) ये बताने की कोशिश करता है कि आखिरकार महाराजा अमरेंद्र बाहुबली (प्रभास) की हत्या कैसे हुई थी। 

 
इसके साथ ही कहानी फ्लैशबैक में जाती है और महिष्मति के साम्राज्य में अमरेंद्र बाहुबली का राज्याभिषेक होने वाला होता है। लोगों की खुशी देखते ही बनती है, लेकिन भल्लाल देव (राणा दुग्गूबाती) नहीं चाहता कि अमरेंद्र बाहुबली का राज्याभिषेक हो। इसी के साथ शुरू होता है छल, कपट व धोखा। भल्लाल अपने पिता के साथ मिलकर अमरेंद्र बाहुबली को मारने का प्लान बनाता है, जिसमें कटप्पा को आगे रख दिया जाता है और महारानी शिवागामी (राम्या कृष्णन) को भी इसके लिए उकसाया जाता है। 




कह सकते हैं कि महारानी छल, कपट व धोखे का शिकार हो जाती हैं। अब तो आप समझ ही गए होंगे कि किन परिस्थितियों में बाहुबली को मारा जाता है। यदि नहीं समझे, तो यकीनन इसके लिए आपको फिल्म देखनी होगी, क्योंकि बाहुबली की मौत का रहस्य आप फिल्म देखने के बाद जानेंगे, तो उसका रोमांच अलग ही होगा। बस, हम यहां इतना जरूर बता सकते हैं कि आगे की कहानी जबरदस्त है।



डायरेक्शन...

फिल्म की कहानी जितनी उम्दा है, उससे कहीं ज्यादा दमदार है स्क्रीनप्ले एसएस राजामौली का डायरेक्शन। दोनों लाजवाब हैं। डायरेक्शन के साथ-साथ वीएफएक्स जबरदस्त है, जो आपको 2डी में 3डी का आनंद देता है। फिल्म विजुअली काफी भव्य है। हर एक सीन में कुछ न कुछ खास जरूर देखने को मिलता है। बहुत ही अद्भुत फिल्मांकन है, जिसकी तारीफ जितनी भी की जाए, कम है।



अभिनय...

प्रभास ने शारीरिक रूप से बहुत ही बेहतरीन काम किया है, तालियां भी बटोरते हैं। इसके अलावा राणा दुग्गुबाती का काम भी काबिले तारीफ है, जिनसे आपको घृणा भी होने लगती है साथ-साथ राम्या कृष्णन और अनुष्का शेट्टी के अलग अलग रूप, तमन्ना भाटिया का पराक्रम, सत्यराज की गुत्थियां और बाकी किरदारों का अभिनय भी बेहतरीन है। कह सकते हैं पैसा वसूल परफॉर्मेंस..।



गीत-संगीत...

फिल्म का संगीत और खासतौर पर बैकग्राउंड स्कोर कमाल का है, जो आपको बांधे रखता है। फिल्म के द्वारा फिक्शन की कहानी काफी रीयल लगती है, जो 21वीं सदी में डायरेक्टर एसएस राजामौली की जीत है। क्लाईमैक्स की जंग के दौरान ताबड़तोड़ एक्शन हैं, जिसकी परिकल्पना कर पाना भी मुश्किल है। आखिर के कुछ मिनट तालियों की गडग़ड़ाहट सिनेमा हॉल गूंज उठता है।



क्यों देखें?

बाहुबली 2 को लेकर ये सवाल बेहद फीका है कि क्यों देखें। हम इतना जरूर कह सकते हैं कि जिन्हें बाहुबली 2 का बेसब्री से इंतजार था, वे लोग तो देखेंगे ही, साथ ही वो भी देखेंगे,जिन्हें इंतजार नहीं था। दरअसल, ऐसी भव्य फिल्में विरले ही बनती हैं। हिंदी वर्जन में डबिंग को फिल्म का कमजोर पक्ष मान सकते हैं, क्योंकि लिपसिंग बराबर नहीं है, लेकिन फिल्म की भव्यता के सामने ये कमजोरी बौना साबित हो जाती है।




सोर्स:पत्रिका.कॉम
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