भारत और चीन के बीच लगातार तल्खियां बढ़ती जा रही हैं. सीमा पर हरकतें करने के साथ चीन और वहां की मीडिया भारत पर दबाव बनाने के लिए लगातार प्रोपेगेंडा भी कर रहा है. ऐसे में हर भारतीय के जेहन में सवाल उठना लाजमी है कि क्या भारत सरकार चीन को नियंत्रित करने के लिए क्या कर रहा है?
हाल के दिनों के रक्षा और गृह मंत्रालय के हवाले से मीडिया में छपी खबरों पर गौर करेंगे तो पता चलता है कि भारत सरकार कई ऐसे काम कर रही है, जिससे चीन अपनी हदें न पार कर सके. एक तरफ प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और विदेश मंत्री सुषमा स्वराज दुनिया की दूसरे ताकतवर देशों को अपने साथ खड़े करने में लगे हैं, ताकि कूटनीतिक तरीके से चीन पर दबाव बनाया जा सके. दूसरी तरफ भारत सरकार चीन से सटे इलाकों में कई तैयारियां भी कर रही हैं. आइए उन तैयारियों पर एक नजर डालते हैं.
चीन को उसी के प्लान से मात देने की तैयारी
चीन की लगातार कोशिश रही है कि वह बॉर्डर इलाके में इतनी सुविधाएं बना ले ताकि उसके जवान भारत की सीमा तक आसानी से पहुंच सकें. इसके लिए वह लगातार सीमावर्ती इलाकों में सड़क निर्माण करवा रहा है. पिछले कुछ समय से चीन चुंबी घाटी में सड़कें बनाने में जुटा है. उसी को भारतीय सैनिकों ने रोक दिया.
इसी बात को वह पचा नहीं पा रहा है. चीन जिस जगह सड़के बनाने पर अड़ा हुआ है, वह मैक मोहन लाइन के मुताबिक भारत के क्षेत्र में पड़ता है, पर चीन 1914 के इस समझौते को मानता ही नहीं और उसे अपना हिस्सा बताता है.
चीन के इसी तरीके को अपनाते हुए भारत ने भी उसे जवाब देने का फैसला किया है. भारत सरकार अब चीन सीमा के आसपास 73 सड़कें बनवाने जा रही है. पहले भारत की रणनीति थी कि अगर बॉर्डर इलाके वीरान होंगे तो युद्ध जैसे हालात बनने पर चीनी सेना को भारतीय सीमा में घुसने में मुश्किलें होंगी.
वहीं चीन ठीक इससे उलट बॉर्डर इलाकों में जानबूझकर सड़कें बनवाता रहा. भारत ने उसकी रणनीति को भांपते हुए सड़कें बनवाने का फैसला किया है, ताकि युद्ध की दशा में इन सड़कों के माध्यम से आसानी से आवागमन हो सके. गृह राज्यमंत्री किरण रिजिजू ने मंगलवार को लोकसभा में इस बात की जानकारी दी.
रक्षा मंत्रालय के खर्चे से बनेंगी 46 सड़कें
किरण रिजिजू ने बताया है कि चीन के बॉर्डर इलाकों में रक्षा मंत्रालय के खर्च से 46 सड़कों का निर्माण कराया जाएगा. वहीं 27 सड़कों का निर्माण गृह मंत्रालय करवाएगा. किरण रिजिजू ने अपने जवाब में कहा कि 30 सड़कों का निर्माण लगभग-लगभग पूरा भी हो चुका है.
पांच साल पहले ही बन जानी थीं सड़कें
इन 73 सड़कों का निर्माण साल 2012-13 तक हो जाना था. निर्माण में हुई देरी पर किरण रिजिजू ने बताया कि ये इलाके काफी ऊंचाई पर हैं. साथ ही यहां बीहड़, कठिन इलाके और प्राकृतिक आपदाओं के चलते भूमि अधिग्रहण को लेकर खासा परेशान सामने आ रही थी. उन्होंने बताया कि सैन्य अधिकारियों के साथ मुलाकात के बाद इस मुद्दे को सुलझा लिया गया है.
मालूम हो कि जम्मू-कश्मीर से लेकर अरूणाचल प्रदेश तक भारत और चीन की सीमा की लंबाई 3,488 किलोमीटर है. इसका 220 किलोमीटर लंबा खंड सिक्किम में आता है. पिछले दिनों चीनी और पाकिस्तानी मीडिया ने भारतीय फौजियों पर हमले का भ्रम फैला रहा है.
सोर्स:NDTV
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