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Pak Cricket Team


क्रिकेट अनिश्चितताओं का खेल है. ऐसा कहा जाता है. लेकिन अभी जो चल रहा है उसके हिसाब से ऐसा लग रहा है कि सिर्फ अनिश्चितताओं का ही नहीं, और भी बहुत कुछ है जो यहां खेला जा रहा है. सिर्फ़ फेंकी हुई बॉल को बल्ले से मारने का खेल नहीं, यहां माइंड गेम्स, रुपिये-पैसे का खेल भी चलता है.



पाकिस्तान और इंडिया चैम्पियंस ट्रॉफी फाइनल में पहुंच चुके हैं. 18 जून को फाइनल होना तय हो चुका है. इंडिया और पाकिस्तान के फैन्स पूरी तरह से तैयार बैठे हैं. लेकिन इसी बीच आमिर सोहेल ने एक बम फोड़ा है. फ़िक्सिंग का बम. फिस्किंग और पाकिस्तान का ऐसा रिश्ता है जैसा बेताल और विक्रम का. न ये उसे छोड़ता है न वो इसे.



आमिर सोहेल ने एक एक टीवी शो में बहुत गर्म शब्दों में बताया कि पाकिस्तानी कप्तान अहमद फ़राज़ को ज़्यादा खुश नहीं होना चाहिए. उन्हें ज़्यादा इतराना नहीं चाहिए. आमिर सोहेल को सब कुछ मालूम है कि वहां क्या हो रहा है. वो बस ये सीधे तौर पर बताएंगे नहीं कि पर्दे के पीछे क्या-क्या घटता है. आमिर ने कहा, “मुझसे अगर किसी ने पूछा कि पाकिस्तान मैच कैसे जीता और फाइनल में कैसे पहुंचा तो मैं सिर्फ इतना कहूंगा कि अल्लाह के करम और फैन्स की दुआओं से.”



आमिर इंग्लैंड और पाकिस्तान के मैच को लेकर बहुत डाउट में थे. उन्हें यकीन है कि पाकिस्तान अपने दम पर नहीं बल्कि ‘बाहरी कारणों’ की वजह से मैच जीता है.







आमिर सोहेल को अगर याद करना हो तो वो विकेट याद करिए जिसे आउट करने के बाद वेंकटेश प्रसाद ने बैट्समैन को झोला भर के गालियां दी थीं और उसे पवेलियन तक छोड़ के आये थे. वेंकटेश ने ऐसा इसलिए किया था क्यूंकि उससे ठीक एक बॉल पहले बैट्समैन ने चौका मारकर वेंकटेश को कहा था, “तुझे फिर वहीं मारूंगा.” वेंकटेश ने उसे आउट किया और एक ऐतिहासिक डिसमिसल पेश किया. वो बैट्समैन आमिर सोहेल ही था.



आमिर को पाकिस्तान में थोड़ी बहुत इज्ज़त मिलती है. थोड़ी बहुत इसलिए क्यूंकि वहां का कोई भरोसा नहीं रहता. आज इज्ज़त पा रहा आदमी कल किस हालत में मिलेगा, भरोसा नहीं रहता. (कोई मुशर्रफ और इमरान खान को टैग करो बे!) लेकिन आमिर ने जो ये बम फोड़ा, ये काफी मसाला लेकर आया है. आगे क्या होता है, देखते हैं. फिलहाल सन्डे को होने वाले फाइनल की तैयारी है.



सोर्स:लल्लनटॉप 
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