फिल्म : काबिल
डायरेक्टर: संजय गुप्ता
स्टार कास्ट: रितिक रोशन, यामी गौतम, रोनित रॉय, रोहित रॉय
अवधि: 2 घंटा 19 मिनट
सर्टिफिकेट: U/A
बॉलीवुड के डैशिंग हीरो ऋतिक रोशन और खूबसूरत अभिनेत्री यामी गौतम की फिल्म काबिल आज सिनेमाघरों में रिलीज हो गई। फिल्म की कहानी रोहन भटनागर (ऋतिक रोशन) और सुप्रिया शर्मा की है। जो देख नहीं सकते हैं।
संजय गुप्ता के डायरेक्शन में पहली बार रितिक रोशन की फिल्म रिलीज हुई है. इसके प्रोड्यूसर राकेश रोशन हैं. राकेश रोशन ने अपने बेटे रितिक के लिए कहो ना प्यार है, कोई मिल गया, कृष, काइट्स जैसी फिल्में बनाई हैं. इनकी सफलता का प्रतिशत मिला-जुला है.
वैसे रितिक की पिछली फिल्म 'मोहन जोदारो' चली नहीं थी. सवाल ये है कि 'काबिल' के साथ क्या इस बार बाप बेटे की जोड़ी फिर से बॉक्स ऑफिस पर तहलका मचा पाएगी?
ये कहानी है डबिंग आर्टिस्ट रोहन भटनागर (रितिक रोशन) की , जिसकी जिंदगी दिन में डबिंग स्टूडियो और रात को घर पर गुजरती है. ऋतिक रोशन यानी रोहन अकेले रहने वाला एक लड़का जो देख नहीं सकता. वॉकिंग स्टिक के भरोसे चलता है. लेकिन बाकी सेन्स बहुत तेज़ काम करते हैं. जो देख नहीं सकते उनके साथ ऐसा होता ही है. उनके बाकी सेंसेज़ और भी शार्प हो जाते हैं.
यामी गौतम यानी सुप्रिया और रोहन मिलते हैं. साथ में डांस करते हैं. प्यार होता है और शादी हो जाती है. साथ में रहने लगते हैं और एक दूसरे का सहारा बनते हैं। इन दोनों के जीवन में कुछ ऐसी बातें होती हैं कि सुप्रिया की मौत हो जाती है. एक दिन ऐसा आता है जब कॉर्पोरेटर माधवराव शेल्लार (रोनित रॉय) और अमित शेल्लार (रोहित रॉय ) की वजह से रोहन की जिंदगी से सुप्रिया हमेशा के लिए चली जाती है.
पुलिस बहुत साथ नहीं देती है. रोहन खुद को बांध के रख नहीं सकता. इसलिए बदला लेने निकल पड़ता है. इतना तो ट्रेलर देख के ही समझ में आ गया था कि बदला रोहित और रोनित रॉय से लिया जा रहा था. रोहन को पुलिस से भी बैर है. उन पर से भरोसा उठ चुका है. अब बदला लेने को घूम रहा है. इसी प्यार, प्यार खोने से आए अंधेरे और उससे उपजी बदले की कहानी का नाम है ‘काबिल’.
फिल्म की कहानी
शादी के बाद सब कुछ ठीक चल रहा होता है लेकिन तभी अचानक डबिंग आर्टिस्ट रोहन भटनागर (रितिक रोशन) और सुप्रिया (यामी गौतम) अँधेरी दुनिया में हलचल मच जाती है। जब गुंडा अमित शेलार (रोहित रॉय) और उसका साथी वसीम (सहीदुर रहमान) साथ मिलकर सुप्रिया का रेप करते हैं। इंसाफ के लिए दोनों पुलिस के पास जाते हैं लेकिन पुलिस उनके लिए कुछ नहीं करती है। क्योंकि अमित का भाई माधवराव शेलार (रॉनित रॉय) एक पहुंचा हुआ आदमी है जिसके पास पैसा और पॉवर दोनों ही है।
रेप के बाद सुप्रिया काफी टूट चुकी होती है और वो आत्महत्या कर लेती है। कहानी में ट्विस्ट यहीं से शुरू होता है। इस घटना के बाद रोहन कानून को अपने हाथ में लेता है और सबसे बदला। लेकिन जिस अंदाज में रोहन दोषियों को सजा देता है वो सच में काबिलेतारीफ है। इस खेल में किसकी जीत होती है इसके लिए आपको सिनेमा हाल तक जाना होगा। फिल्म को देखना होगा।
आखिर फिल्म को क्यों देख सकते हैं -
- रितिक रोशन की बेहतरीन अदाकारी एक बार फिर से देखने को मिली है जो आपको इमोशनल करने के साथ सोचने पर भी विवश करती है.
- यामी गौतम और रितिक ने दिव्यांग किरदार बखूबी निभाया है. रोनित रॉय और उनकी डायलॉग डिलीवरी भी कमाल की है. नरेंद्र झा और सुरेश मेनन का काम भी सहज है.
- हालांकि फिल्म की कहानी के बारे में तो ट्रेलर से पता चल ही गया था, बावजूद इसके फिल्म देखते वक्त बोरियत नहीं होती. यही फिल्म का यूएसपी है.
- फिल्म के गानों की खासियत हे कि वो कहानी को आगे लेकर जाते हैं.
- फिल्म की सिनोमैटोग्राफी और बैकग्राउंड स्कोर अच्छा है जो कि संजय गुप्ता की फिल्मों की खासियत भी है.
- फिल्म में दिव्यांग के हिसाब से रिसर्च वर्क ठीक है, जैसे पैसों की समझ, सुनने की परख, खाना पकाना इत्यादि. साथ ही दिव्यांग इंसान की बदला लेने की प्लानिंग दिलचस्पी बनाए रखती है.
बॉक्स ऑफिस
फिल्म लगभग 2350 स्क्रीन्स पर रिलीज हुई है. वैसे मार्केटिंग और प्रोमोशन का खर्च मिलाकर फिल्म का बजट लगभग 50 करोड़ बताया जा रहा है जिसमें रितिक रोशन की फीस शामिल नहीं है. खबरों के मुताबिक, फिल्म के म्यूजिक (8 करोड़), डिजिटल और सैटेलाईट राइट्स (50 करोड़ ) पहले से ही बिक चुके हैं.
वहीं ओवरसीज (16 करोड़) और डिस्ट्रिब्यूशन (42 करोड़) बताया जा रहा. फिल्म की रिकवरी कॉस्ट 80 करोड़ है. अगर फिल्म 85 करोड़ कमाती है तो हिट और 120 करोड़ कमाते ही सुपर हिट कहलाएगी. वैसे 5 दिन का वीकेंड है और बेहतरीन ओपनिंग के चांसेस हैं.
सोर्स:इंडिया.कॉम । आज तक
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