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31 अक्टूबर 1984 की गुलाबी ठंड में लिपटी एक खूबसूरत सुबह थी। आइरिश फिल्म डायरेक्टर पीटर इंदिरा गाधी का एक इंटरव्यू करना चाहते थे। इंदिरा ने उन्हें मुलाकात का समय दे दिया। इंदिरा जी करीब सुबह 9 बजे बाहर निकली। उन्होंने अपने अंगरक्षकों बेअंत सिंह और सतवंत सिंह को हाथ जोड़ते हुए खुद नमस्ते कहा। लेकिन तभी बेअंत सिंह ने अचानक अपने दाईं तरफ से .38 बोर की सरकारी रिवॉल्वर निकाली और इंदिरा गांधी पर गोली दाग दी। अगले ही पल बेअंत सिंह ने दो और गोलियाँ इंदिरा जी के पेट में उतार दीं।

 तभी गेट के पास संतरी बूथ पर खड़े सतवंत की स्टेनगन भी इंदिरा गांधी की तरफ घूम गई। उसने एक मिनट के अंदर अपनी स्टेनगन की पूरी मैगजीन इंदिरा जी के सीने में दाग दी। इतनी गोलियों ने आयरन लेडी का शरीर राख कर दिया। बीबीसी ने सबसे पहले खबर दी… प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी नहीं रही। गुलाबी खूबसूरत सुबह मनहूस हो चुकी थी। न सिर्फ दिल्ली के लुटियंस जोन के लिए बल्कि पूरी दुनिया के लिए।

बेअंत सिंह और सतवंत सिंह को फौरन हिरासत में ले लिया गया। इंदिरा गांधी को अस्पताल पहुँचाने के इंतजाम किया ही जा रहा था कि  इस बीच उस कमरे से एक बार फिर फायरिंग की आवाज आई जिसमें सुरक्षाकर्मी बेअंत और सतवंत को लेकर गए थे।

 यहां बेअंत ने एक बार फिर हमला करने की कोशिश की थी। उसने अपनी पगड़ी में छिपाए चाकू को बाहर निकाल लिया। बेअंत और सतवंत दोनों ने इस कमरे से भागने की कोशिश की लेकिन जवाबी कार्रवाई में सुरक्षाकर्मियों ने बेअंत को वहीं ढेर कर दिया। सतवंत को भी 12 गोलियां लगीं लेकिन उसकी सांसें चल रही थीं।

उस सुबह और क्या हुआ हम आपको बताएंगें लेकिन पहले इंदिरा गांधी के जीवन से जुड़ी कुछ महत्वपूर्ण बातें:

1- 1966 से 1977 तक और फिर 1980 से 31 अक्टूबर, 1984 तक अपनी हत्या होने तक देश की प्रधानमंत्री रहीं।

2- इंदिरा गांधी का जन्म 19 नवंबर, 1917 को हुआ था। वह देश के प्रथम प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू की एकमात्र संतान थीं।

3 – बैंकों का राष्ट्रीयकरण : प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी ने 1969 में देश के 14 निजी बैंकों का राष्ट्रीयकरण कर दिया। उस समय कांग्रेस में दो गुट थे इंडिकेट और सिंडिकेट और इंडिकेट की नेता इंदिरा गांधी थीं। इंदिरा गांधी का कहना था कि बैंकों के राष्ट्रीयकरण की बदौलत ही देश भर में बैंक क्रेडिट दी जा सकेगी।

4- इंदिरा का नाम उनके दादा पंडित मोतीलाल नेहरू ने रखा था। जबकि उनके पिता पंडित जवाहरलाल नेहरु उन्हें प्रियदर्शिनी के नाम बुलाया करते थे।

5- इंदिरा गांधी बचपन से भारत की आजादी के लड़ाई में कूद गई थी और उन्होंने अपने हमउम्र बच्चों के साथ एक वानर सेना बनाई जिसका उद्देश्य देश की आजादी के लिए लड़ रहे क्रांतिकारी एवं आंदोलनकारियों तक गुप्त सूचनाएं पहुंचाना था।

6- इंदिरा गांधी के खिलाफ 1967 के आम चुनावों में कई पूर्व राजे-रजवाड़ों ने सी.राजगोपालाचारी के नेतृत्व में स्वतंत्र पार्टी का गठन लिया था। इनमें से कई कांग्रेस के बागी भी थे। इस कारण इंदिरा ने प्रिवीपर्स समाप्ति का संकल्प ले लिया। 1971 के चुनावों में सफलता के बाद इंदिरा ने संविधान में संशोधन कराया राजा-महाराजाओं के प्रिवीपर्स की समाप्ति दी।

7- इंदिरा गांधी ने 1975 में आपातकाल लगा दिया था। इसका जनता ने माकूल जवाब दिया। 1977 में इमरजेंसी हटा ली गई और आम चुनाव हुए जिसमें इंदिरा गांधी की सबसे बुरी हार हुई थी।

8- इंदिरा गांधी ने बांग्लादेश के निर्माण में भी अहम भूमिका निभाई थी जब भारत पाकिस्तान के बीच तीसरे युद्ध ने इतिहास भी बदल दिया। इंदिरा के कुशल नेतृतव में भारतीय सेना ने पाकिस्तान को धुल चटा दिया जबकि पाकिस्तान के पीछे अमेरिका का हाथ था।

9 – फिरोज और इंदिरा गांधी एक साथ आजादी के आन्दोलन में कूदे थे वहां से उनकी नजदीकियां बढ़ी और 1942 में हिंदू रीति-रिवाज से हुई हुई थी फिरोज और इंदिरा की शादी।

10- इंदिरा गांधी के ऑपरेशन ब्लू स्टार के लिए उन्हें जाना जाता है जिसने अमृतसर के स्वर्ण मंदिर को अलग खालिस्तान की मांग करने वाले जरनैल सिंह भिंडरावाले और उसके समर्थकों के चंगुल से छुड़वाया था। इस ऑपरेशन में सैकड़ो लोगों की मौत हुई थी, ऑपरेशन ब्लू स्टार के बाद उनके अपने ही सुरक्षा कर्मियों ने उनकी गोली मार कर हत्या कर दी थी।

11- सीआईए के रिपोर्ट के अनुसार पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी साल 1981 में पाकिस्तान के सभी परमाणु ठिकानों को नेस्तनाबूद करना चाहती थी।

इंदिरा गाधी को गोली लगने के बाद आनन-फानन एम्स ले जाया गया। तबतक उनका काफी खून बह चुका था। लेकिन इंदिरा गांधी की साँसे अभी भी चल रही थी। उन्हें 88 बोतल खून चढाया गया। किसी के सामने न झुकने वाली इंदिरा गांधी को मौत के आगे झुकना पड़ा। आज उनकी 32वीं पुण्यतिथि है। पूरा देश उन्हें याद कर रहा है। हमारी तरफ से भी आयरन लेडी स्वर्गीय इंदिरा गांधी को श्रृद्धांजलि…!!!





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