भारत देश को ‘अनेकता में एकता’ के लिए जाना जाता है। यहां कई धर्म, संप्रदाय, भाषा और संस्कृतियों के लिए कई सौ सालों से मिलकर रह रहे हैं। भले ही कभी-कभी आपको इनके बीच छिटपुट झगड़ों की खबरें आ जाती होंगी, लेकिन फिर भी यहां की मिट्टी में ही ऐसा कुछ है कि लोग आपस में जुड़ा हुआ महसूस करते हैं। ऐसी ही एक ख़बर हाल में सामने आई, जब दो संप्रदाय के लोगों ने दोस्ती की एक ऐसी मिसाल पेश कर दी, जिसे लंबे वक्त तक याद रखा जाएगा। आइये हम आपको एक सिख जोगा सिंह और एक मुस्लिम मोहम्मद जमील की इसी दोस्ती की मिसाल के बारे में बताते हैं।
ये दोनों दोस्त पंजाब के लुधियाना जिले के एक छोटे से गांव सरवापुर में है। यहां के एक किसान जोगा सिंह ने अपने दोस्त मोहम्मद जलील के लिए मस्जिद बनवा दी। दरअसल उनके गांव में कोई मस्जिद नहीं थी, इसले मोहम्मद जलील और दूसरे मुसलमानों को नमाज़ पढ़ने के लिए 10किमी दूर किसी मस्जिद में जाना पड़ता था। अपने दोस्त की इस परेशानी को जोगा सिंह ने भी महसूस किया।
जोगा सिंह ने खुद गांव में मस्जिद बनवाई। उनके दोस्त मोहम्मद जलील जोगा सिंह और दूसरे सिखों से काफी खुश हैं। उन्होंने कहा कि अगर हमारे सिख भाई-बहन ये कदम नहीं उठाते तो इस जगह मस्जिद न बन पाती। बता दें कि बंटवारे से पहले यहां मस्जिद थी, लेकिन उस दौरान हुई हिंसा में वो बर्बाद हो गई थी। तबसे इस जगह कोई मस्जिद नहीं थी।
ऐसा ही एक मामला मल्लाह गांव का भी है, जहां की आबादी 5000 है लेकिन उसमें सिर्फ एक ही मुस्लिम परिवार है। बाकी सभी सिख और हिंदू धर्म के लोग रहते हैं। इस गांव के सिखों ने फैसला लिया कि वहां बंद पड़ी मस्जिद को फिर से खोला जाएगा।
दरअसल इस गांव के इकलौते मुस्लिम परिवार के मुहम्मद उस्मान लुधियानवी ने कुछ महीने पहले गांव वालों के सामने मस्जिद को फिर से बनाने की इच्छा जाहिर की। गांव वालों ने उनकी इस इच्छा का मान रखा और सबने चंदा इकट्ठा किया। कुछ महीनों में इस मस्जिद को फिर से तैयार कर लिया गया है।
सोर्स:इंडिया.कॉम
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