उड़ी हमले के बाद पाकिस्तान की आर्मी और
एयर फोर्स ने जैसलमेर से लगते इंटरनैशनल बॉर्डर से 15-20 किलोमीटर दूर
'युद्धाभ्यास' शुरू किया है। बॉर्डर के पास पाकिस्तानी आर्मी के वीइकल की
मूवमेंट और अन्य गतिविधियों की भी सूचना मिली है। यह युद्धाभ्यास 22 सितंबर
को शुरू हुआ था और 30 अक्टूबर तक चलेगा जिसमें आर्मी के 15,000 और
एयरफोर्स के 300 लोग शामिल हो रहे हैं।
इस युद्धाभ्यास के कारण BSF ने बॉर्डर के आसपास निगरानी बढ़ा दी है।
विश्वस्त रक्षा सूत्रों के मुताबिक,
पाकिस्तानी आर्मी की आर्टिलरी और आर्म्ड फोर्स ने एक साथ यह बड़ा
युद्धाभ्यास शुरू किया है। पाकिस्तानी आर्मी के अधिकारी भी इस अभ्यास का
रिव्यू करने के लिए जैसलमेर से लगती सीमा पर पहुंचे हैं।
सूत्रों के मुताबिक, कराची की 5वीं कोर,
मुल्तान 2 स्ट्राइक कोर और 205 ब्रिगेड इस युद्धाभ्यास में भाग ले रही हैं।
इस दौरान अंदरूनी हिस्सों में हिस्सों में नए मोर्चे और सुरक्षाबंदी बनाए
जाने की सूचना भी मिली है।
सूचना के मुताबिक, इस युद्धाभ्यास में नए
उपकरणों का टेस्ट भी किया जा रहा है। भारी भरकम टैंक ब्रिगेड के साथ इस
इलाके में पाकिस्तानी फाइटर जेट विमानों की गतिविधियां भी देखी गई हैं।
सूत्रों ने बताया है कि यह युद्धाभ्यास
जैसलमेर के किशनगढ़ बुल्ज के दूसरी तरफ हो रहा है। पाकिस्तान में यह इलाका
राहीमेर खान, घोटाकी, शादी का बाद, मीरपुर और मेंथोलो इलाकों के आसपास है।
पाकिस्तान पर नजर रख रही भारत की सेना
इंटरनेशनल बॉर्डर से केवल 15 से 20
किलोमीटर दूर इतना बड़ा युद्धाभ्यास किए जाने के कारण भारतीय सेना और BSF
ने अपनी निगरानी में भी बढ़ोतरी कर दी है। भारतीय सेना पाकिस्तानी आर्मी की
मूवमेंट पर भी सख्त नजर बनाए हुए है। पाकिस्तानी बॉर्डर पोस्ट के आसपास
कुछ पाकिस्तानी सैनिकों को भी देखा गया है।
गौरतलब है कि उड़ी में हुए आतंकी हमले के
बाद दोनों देशों के बीच तनाव चरम पर है। ऐसे पाकिस्तानी सेना की स्ट्राइक
कोर का रेगिस्तान में ऐसा युद्धाभ्यास बहुत महत्वपूर्ण हो जाता है। इलाके
में पाकिस्तानी सेना के भारी टेंकों की मूवमेंट की सूचना ने भी सेना को
निगरानी बढ़ाने पर मजबूर किया है।
सोर्स:लाइव इंडिया
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