loading...



हिंदी फिल्मों में बेस्ट गाने दो ही हीरो को मिले. और इन दोनों ही हीरो जैसा लिप सिंक कोई भी नहीं कर सकता था. लिप सिंक यानी गाने पर होठ हिलाना और एक्टिंग करना. ये दो लैजेंड हैं शम्मी कपूर और देव आनंद. दोनों ही दोस्त थे. जब शम्मी कपूर गुजरे तो देव साहब ने उन्हें याद किया कि कैसे वे उनके प्रतिस्पर्धी और दोस्त दोनों थे. कि कैसे उनकी और शम्मी की फिल्में आमने-सामने लगती थीं और साथ ही सिल्वर जुबली और गोल्डन जुबली होती थीं. गानों पर अदायगी के मामले में शम्मी को टॉप पर रख सकते हैं. जो जादू और नशा वे अपनी भावप्रवणता से डालते थे, कभी कोई नहीं डाल सका.
लेकिन देव आनंद उनसे इस बात में आगे थे कि उनके जितने और उनके जैसे आइकॉनिक गाने शम्मी को नहीं मिले. हालांकि यहां कोई रैंकिंग नहीं दी जा रही है. दिलीप कुमार, अमिताभ, गुरु दत्त, मनोज कुमार हर किसी को अपने करियर में शानदार गाने मिले लेकिन देव साहब को सबसे बेस्ट मिले. वे गाने जिनमें फिलॉसफी थी, रोमैंस था, हर किसी के लिए इश्क था, किसी एक से गहरा प्रेम था, शरारतें थीं, हंसी-ठिठोली थी, अवसाद था, विरह था और अनेकों भाव थे.
हम ऐसे ही 12 गाने यहां देखेंगे और सुनेंगे. ऐसे गाने जिन्हें हम जिंदगी में बार-बार co-relate करते हैं. जब हम उन स्थितियों से गुजरते हैं तो ये गाने हमारे भीतर का हिस्सा हो जाते हैं. देव आनंद के लिए ज्यादातर गीतों में आवाज बने मोहम्मद रफी और किशोर कुमार. उनकी ज्यादातर फिल्मों में संगीत दिया एस. डी. बर्मन ने. जैसे गाइड, बाज़ी, नौ दो ग्यारह, काला पानी, काला बाज़ार, तेरे घर के सामने, तीन देवियां, ज्वेलथीफ, प्रेम पुजारी, तेरे मेरे सपने जैसी फिल्मों में. जयदेव (हम दोनों), शंकर जयकिशन (असली नकली), कल्याणजी-आनंदजी (महल, जॉनी मेरा नाम) और ओ.पी.नैय्यर (सीआईडी) ने भी उनके लिए म्यूजिक कंपोज किया.

देव साहब के इन गीतों के विचारों और फिलॉसफी को पैदा किया साहिर लुधियानवी, मज़रूह सुल्तानपुरी, शैलेंद्र, हसरत जयपुरी, आनंद बख़्शी, नीरज, इंदीवर और गोपालदास नीरज जैसे लेखकों ने.

2011 में देव साहब गुज़र गए थे. आज ही के दिन 1923 में उनका जन्म हुआ था. उनके इस 93वें जन्मवर्ष पर इन गीतों से याद करते हैं:
# 1

हम हैं राही प्यार के हम से कुछ न बोलिए
जो भी प्यार से मिला, हम उसी के हो लिए

नौ दो ग्यारह (1957)

# 2

ये दुनिया वाले पूछेंगे
मुलाकात हुई, क्या बात हुई
ये बात किसी से ना कहना

महल (1969)

# 3

ऐसे तो न देखो, के हमको नशा हो जाये
खूबसूरत सी कोई हमसे ख़ता हो जाये

तीन देवियां (1965)

# 4

दिन ढल जाए हाय, रात ना जाए
तू त न आए, तेरी याद सताए

गाइड (1965)

# 5

अभी ना जाओ छोड़कर
के दिल अभी भरा नहीं

हम दोनों (1961)

# 6

खोया खोया चाँद, खुला आसमान
आंखों में सारी रात जाएगी
तुमको भी कैसे नींद आएगी

काला बाज़ार (1960)

# 7

तेरे मेरे सपने, अब एक रंग हैं
जहां भी ले जाए राहें, हम संग है

गाइड (1965)

# 8

हम बेख़ुदी में तुम को पुकारे चले गए
साग़र में जिंदगी को उतारे चले गए

काला पानी (1958)

# 9

मैं जिंदगी का साथ निभाता चला गया
हर फ़िक्र को धुंएँ में उड़ाता चला गया

हम दोनों (1961)

# 10

फूलों के रंग से
दिल की कलम से
तुझको लिखी रोज़ पाती

प्रेम पुजारी (1970)

# 11

कभी ख़ुद पे कभी हालात पे रोना आया
बात निकली तो हर बात पे रोना आया

हम दोनों (1961)

# 12

अपनी तो हर आह एक तूफान है
क्या करें वो जानकर अनजान हैं

काला बाजार (1960)






सोर्स:लल्लनटॉप 


loading...

एक टिप्पणी भेजें

योगदान देने वाला व्यक्ति

Blogger द्वारा संचालित.