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भाई-बहन के पर्व रक्षाबंधन इस बार 18 अगस्त को है। तीन साल बाद शुभ संयोग बनने जा रहा है, जब शुभ पर्व पर, दिन के समय भद्रा व्याप्त नहीं होगी। यह पावन पर्व इस बार भद्रा रहित, धनिष्ठा नक्षत्र, शोभन योग तथा मकर व कुंभ राशि में आ रहा है। बहनें सुबह 6 बजे से दोपहर 2:00 बजे तक अपने भाई की कलाई पर राखी बांध सकती हैं।



पंडितों और ज्योतिषियों की मानें तो इस दिन सिंहासन गौरी योग बनने से यह त्योहार और भी शुभ रहेगा। ज्योतिषाचार्य मदन गुप्ता सपाटू कहते हैं कि राखी के शुभ मूहुर्त में राहु काल भी पड़ रहा है यदि आप राहु काल का विचार करते हैं तो दोपहर 2:17 से 3:53 तक राहू काल रहेगा। अतः इस बीच रक्षाबंधन या कोई शुभ मांगलिक कार्य न करें। यदि भाई नाराज है तो शुभ मुहूर्त पर एक पीढ़ी पर साफ लाल कपड़ा बिछाएं।



भाई की फोटो रखें, एक लाल वस्त्र में सवा किलो जौं, 125 ग्राम चने की दाल, 21 बताशे, 21 हरी इलायची, 21 हरी किशमिश, 125 ग्राम मिश्री, 5 कपूर की टिक्कियां, 11 रुपए के सिक्के रखें और पोटली बांध लें। मन ही मन भाई की दीर्घायु की प्रार्थना करते तथा मन मुटाव खत्म होने की कामना करते हुए पोटली को 11 बार फोटो पर उल्टा घुमाते हुए पोटली को शिव मंदिर में रखकर आएं। भाई दूज पर भाई स्वयं टीका लगाने आ जाएगा।




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