loading...



भगवान गणेश का शारीर इन्सान कि तरह है लेकिन उनका मुख हाथी कि तरह है। इस बात को हम सब जानतें हैं लेकिन क्या आप जानतें है जब भगवान शंकर ने गणेश जी को हाथी का सर लगा रहे थे तो उनका असली कटा हुआ सर कहां है। यह सवाल आपके मन में जरुर होगा। लेकिन चलिए हम आपको उस हकीकत से रुबुरु करवातें हैं जिसके बारें में आपने अब तक नही सुना होगा। कहतें हैं कि एक बार भगवान शिव ने क्रोधवश गणेशजी का सिर धड़ से अलग कर दिया था, बाद में माता पार्वतीजी के कहने पर भगवान गणेश को हाथी का मस्तक लगाया गया था, लेकिन जो मस्तक शरीर से अलग किया गया, वह शिव ने इस गुफा में रख दिया।

उत्तराखंड का पिथौरागढ़ जहां पर पाताल भुवनेश्वर नामक एक गुफा है। यह गुफा अपने आप में किसी रहस्य से कम नही है। कहतें हैं कि इस गुफा में आज भी कुछ ऐसे सत्य जीवित हैं जो इंसान को सोचने पर मजबूर कर देते हैं। आपको यकीन नही होगा लेकिन मान्यता है कि इस गुफा में आज भी कहतें हैं कि भगवान गणेश का कटा हुआ सर रखा हुआ है। हर साल इस गुफा में हजारों कि संख्या में लोग दर्शन करने और देखने आते हैं।

पाताल भुवनेश्वर में गुफा में आपको कई ऐसे दृश्य देखने को मिलते हैं जिन्हें देखने के बाद इंसान सोचने पर मजबूर हो जाता है। जैसे इस गुफा में रखे गये गणेश भगवान के सर पर 108 पंखुड़ियों वाला कमल बना हुआ है। उस कमल में से पानी कि बूंद गणेश भगवान के सर टपकती है। कहा जाता है इस यह कमल ब्रम्हदेव का है और इसे खुद महादेव ने यहाँ पर रखा था। इस बात कि जानकरी का स्कन्दपुराण में वर्णन है कि स्वयं महादेव शिव पाताल भुवनेश्वर में विराजमान रहते हैं और अन्य देवी देवता उनकी स्तुति करने यहाँ आते हैं।




loading...

एक टिप्पणी भेजें

योगदान देने वाला व्यक्ति

Blogger द्वारा संचालित.