उत्तराखंड से मुख्यमंत्री हरीश रावत ने चमोली से सटी चीन सीमा पर चीनी सैनिकों की घुसपैठ का मामले की पुष्टि की है। उन्होंने कहा कि चीनी सैनिकों ने चमोली सीमा पर घुसपैठ की है। लेकिन अच्छी बात यह है कि वहां मौजूद महत्वपूर्ण नहर तक चीनी सेना नहीं पुहंच पाई है। रावत ने कहा कि मुझे यकीन है केंद्र सरकार इस मुद्दे पर संज्ञान लेगी।
चमोली सीमा पर हो रहे चीनी घुसपैठ का पता तब चला जब सीमा क्षेत्र का निरीक्षण करने पहुंची प्रशासन की टीम को चीनी सैनिकों को जांच करने से रोकते हुए वापस खदेड़ दिया। वहीं जिलाधिकारी चमोली ने टीम के सीमा क्षेत्र में जाने की बात तो स्वीकारी लेकिन मामले की जानकारी से इनकार किया है।
हर बार की तरह इस बार भी जोशी मठ के उप जिलाधिकारी योगेंद्र सिंह के नेतृत्व में जिला प्रशासन की 19 सदस्यीय टीम 19 जुलाई को चीन सीमा के निरीक्षण को गई थी। टीम सुमना क्षेत्र तक वाहन से पहुंची।
यहां होतीगाड़ नदी का जलस्तर बढ़ने से टीम को वाहन यहीं छोड़ने पड़े। इसके बाद दूसरे छोर पर खड़े वाहनों से टीम सेना चौकी रिमखिम पहुंची।
यहां होतीगाड़ नदी का जलस्तर बढ़ने से टीम को वाहन यहीं छोड़ने पड़े। इसके बाद दूसरे छोर पर खड़े वाहनों से टीम सेना चौकी रिमखिम पहुंची।
#WATCH: Uttarakhand Chief Minister Harish Rawat confirms Chinese incursion in Chamoli district.https://t.co/ouQJsSKNB6— ANI (@ANI_news) July 27, 2016
करीब आठ किमी दूर सीमा क्षेत्र में पहुंचने पर यहां पहले से चीन सैनिकों को मौजूद देख टीम के होश उड़ गए। भारतीय दल को देखते ही चीनी सैनिकों ने तीखी प्रतिक्रिया दी और टीम सदस्यों को तुरंत लौट जाने का इशारा किया।
चीनी सैनिकों के तेवर देख टीम ने निरीक्षण छोड़ तुरंत वापस लौटने में ही भलाई समझी। टीम के सदस्यों ने इसकी जानकारी सीमा क्षेत्र में मुस्तैद आईटीबीपी के अधिकारियों को भी दी। उच्च पदस्थ सूत्रों के अनुसार बाड़ाहोती क्षेत्र में पहुंचते ही टीम को दूर से ही चीनी सैनिक दिखाई दे गए थे।
टीम आगे पहुंची तो चीनी सैनिकों ने उन्हें वापस चले जाने का इशारा किया। गौरतलब है कि चीन सीमा क्षेत्र में प्रशासन का निरीक्षण नियमित प्रक्रिया है। इसकी गोपनीय रिपोर्ट भारत सरकार को भेजी जाती है।
चीनी सैनिकों के तेवर देख टीम ने निरीक्षण छोड़ तुरंत वापस लौटने में ही भलाई समझी। टीम के सदस्यों ने इसकी जानकारी सीमा क्षेत्र में मुस्तैद आईटीबीपी के अधिकारियों को भी दी। उच्च पदस्थ सूत्रों के अनुसार बाड़ाहोती क्षेत्र में पहुंचते ही टीम को दूर से ही चीनी सैनिक दिखाई दे गए थे।
टीम आगे पहुंची तो चीनी सैनिकों ने उन्हें वापस चले जाने का इशारा किया। गौरतलब है कि चीन सीमा क्षेत्र में प्रशासन का निरीक्षण नियमित प्रक्रिया है। इसकी गोपनीय रिपोर्ट भारत सरकार को भेजी जाती है।
चमोली जनपद से सटी भारत-चीन सीमा में बाड़ाहोती क्षेत्र नो मेंस लैंड एरिया है। हर वर्ष चमोली जिला प्रशासन की टीम सीमा क्षेत्र में चीनी गतिविधियों को देखने और भारत की मौजूदगी दर्ज करने के लिए यहां सामान्य निरीक्षण के लिए जाती है। पूर्व में टीम वर्ष में दो बार जाती थी, लेकिन वर्ष 2015 से टीम वर्ष में तीन बार सीमा क्षेत्र के निरीक्षण को जाती है।
इससे पूर्व भी हुई है घुसपैठ
इससे पूर्व भी हुई है घुसपैठ
सीमा क्षेत्र में चीन सैनिकों द्वारा भारतीयों के साथ इस तरह का व्यवहार करने का यह पहला मामला नहीं है। बीते वर्ष भी चीन सैनिकों ने बाड़ाहोती क्षेत्र में भारतीय चरवाहों के खाद्यान्न को नष्ट कर बाड़ाहोती को अपनी सीमा बताया था। दो वर्ष पूर्व भारतीय सीमा में चीनी हेलीकॉप्टर के घुसने का मामला भी प्रकाश में आया था।
सोर्स:अमरउजाला
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