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समस्तीपुर। सावन के महीने में नाग देवता की महिमा न हो ऐसा तो हो ही नहीं सकता है। समस्तीपुर के एक गांव में सांप के काटने से आजतक किसी की मौत नहीं हुई। नागपंचमी के खास मौके पर यहां लगने वाले सांपों के मेले में लोग सापों के साथ खेलते हैं। कई बार सांप उन्हें काट भी लेते हैं लेकिन उन्हें कुछ नहीं होता। 


वहीं विभिन्न स्थानों पर गह्वर के भगत द्वारा नाग देवता का खुला प्रदर्शन बच्चों के लिए आकर्षण का केंद्र बना रहा।
 


गांववालों की मानें तो मां दुर्गा के आशीर्वाद से सांप के काटने से उनपर कोई असर नहीं होता। समस्तीपुर से करीब 23 किलोमीटर दूर सिंधिया घाट है। यहां के लोग जहरीले सांप को पकड़कर घरों में रखते हैं।


 
खासकर सांपों के प्रदर्शन को लेकर प्रसिद्ध विभूतिपुर प्रखंड के तीन जगहों पर जम कर प्रदर्शन हुआ।
 


जिस विषैले और खतरनाक कोबरा का नाम सुन कर सामान्य लोग कांप जाते हैं, उन्हीं के साथ यहां के ग्रामीण खेलते हैं और उसके साथ करतब दिखाते हैं। नागपंचमी के दिन हजारों श्रद्धालुओं ने नागदेव की पूजा अर्चना की।


 
कापन, सिंघिया घाट व गिरीपर स्थित विषहर स्थानों से निकले काफिले में शामिल भक्तों के हाथ में बस सांप ही सांप था।
 

इसके बाद गांव के पास नदी में लोगों ने कई सांपों को पकड़ा। गांव के लोगों ने बताया कि गांव में रहने वाले सभी लोग सांप पकड़ना जानते हैं। उन्होंने बताया कि गांव में सांपों का ये मेला 300 सालों से लग रहा है और हर साल इसी तरह से लोग करतब दिखाते हैं।

 
फूंफकार मारते सांप के बीच मां के जयकारे से पूरा क्षेत्र गुंजायमान हो रहा था।
 






सोर्स:लाइव इंडिया
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