अमजद जक़ारिया खान जिसने अपने 20 साल के लंबे फिल्मी कैरियर में 130 से ज्यादा फिल्मों में काम किया। नेता, अभिनेता, विलेन, बाप, दोस्त, भाई लगभग हर तरह के किरदारों को पर्दे पर जिया लेकिन अपने फिल्मी कैरियर में एक ऐसी भूमिका निभाई जिसने उन्हें अमर बना दिया। जी हाँ… हम बात कर रहे हैं 1975 में आई फिल्म ‘शोले’ के गब्बर सिंह की। गब्बर सिंह उनकी जिंदगी से ऐसा जुड़ा कि एक आम इंसान उन्हें गब्बर सिंह के नाम से ही जानने लगा। आज अमजद खान की पुण्यतिथि है।
फिल्म ‘जमानत’ का वो दृश्य याद आता है। इस फिल्म में भी अमजद खान ने विलेन की भूमिका निभाई थी। उसके एक सीन में जब अमजद खान को गिरफ्तार करके जेल में ले जाया जाता है तो वहाँ मौजूद कैदी भी चिल्लाने लगते हैं कि गब्बर आ गया। गब्बर का किरदार आम जनमानस के साथ-साथ फिल्मी जगत पर भी ऐसा हावी हुआ कि राजू मवानी ने तो ‘रामगढ़ के शोले’ नाम से फिल्म ही बना दी। इसके अलावा भी रियलिटी शोज और कॉमेडी शोज में गब्बर की नकल करते हुए लोगों को देखा जा सकता है। दरअसल, गब्बर का किरदार अमजद खान की जिंदगी का वो मील का पत्थर था जिसे वो खुद दुबारा कभी नहीं छू सके।
12 नवंबर 1940 को पेशावर, पाकिस्तान में अमजद खान का जन्म हुआ था। उसके बाद उनका परिवार मुंबई आ गया और उनकी पढ़ाई लिखाई यही हुई। फिल्मों में आने से पहले अमज़द खान थियेटर किया करते थे। थियेटर का अभिनेता उनके फिल्मी किरदारों में झलकता भी है। बॉलीवुड में उनकी पहली फिल्म 1951 में आई नीजनीन थी। उनको असली पहचान 1975 में आई शोले के गब्बर के किरदार से ही मिली। बताते हैं कि यह रोल भी उन्हें अचानक ही मिला था। गब्बर के किरदार के लिए डैनी और शत्रुघ्न सिन्हा मना कर चुके थे। अमजद खान ने सत्यजीत रे की फिल्म शतरंज के खिलाड़ी में वाजिद अली शाह की भूमिका निभाई। अमजद खान ने चोर पुलिस और अमीर आदमी- गरीब आदमी फिल्मों का निर्देशन भी किया है।
साल था 1978। अमजद खान द ग्रेट गैंबलर की
शूटिंग के लिए जा रहे थे तभी मुंबई गोवा हाईवे पर उनका भयानक कार ऐक्सिडेंट
हो गया। एक्सीडेंट इतना भयानक था कि उनकी कई हड्डियाँ टूट गई और फेफड़े को
भी काफी क्षति हुई। हालात ये थी कि वो कोमा में चले गए। लेकिन जल्दी ही
उनकी सेहत में सुधार हुआ। उन्होंने फिर से फिल्मी दुनिया में वापसी की।
दवाओं का उनकी सेहत पर ऐसा बुरा असर हुआ कि उनका वजन कई गुना बढ़ गया। 51
साल की कम उम्र में अमजद खान को दिल का दौरा पड़ा और 27 जुलाई 1992 को हम
सबको अलविदा कह गए। आज अमजद खान भले हमारे बीच नहीं हैं लेकिन छोड़ गए हैं
गब्बर सिंह के रूप में अपना अमर किरदार। देखिए उनके अंतिम संस्कार का यह
भावुक कर देने वाला वीडियो…
सोर्स:इंडिया.कॉम
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