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सावन का महिना चल रहा है, पुरे भारत में हर हर महादेव की गूंज सुनाई दे रही है। भक्त इस पुरे महीने में भगवान शिव की पुरे मन से पूजा करते हैं ताकि वह उन्हें खुश कर सके। माना जाता है की भगवान शिव इस महीने में अपने भक्तो की सभी मनोकामनाएं पूरी करते हैं। तो आज उन सभी भक्तों को हम भगवान शिव से जुडी कुछ खास बातें बताएंगे जिसे शायद आप नहीं जानते होंगे।

क्यों हैं भगवान शिव की तीन आंखें:

भगवान शिव के तीन आंखों वाला होने के कारण इन्हें त्रिनेत्रधारी भी कहते हैं। भगवान शिव का तीसरा नेत्र आज्ञा चक्र का स्थान है। यह आज्ञा चक्र ही विवेक बुद्धि का स्रोत है। बतादें की हम सभी में भी यह चीज है मगर हमें सिर्फ इसे समझने की जरुरत है।
शिव भगवान अपने शरीर पर भस्म क्यों लगाते हैं:

हिन्दू धर्म में देखा गया है की सभी देवी देवता बहुत सुन्दर वस्त्र-आभूषणों को धारण करते हैं। मगर उन सभी मे से केवल देवो के देव महादेव अपने पुरे शरीर पर भस्म लागतें हैं। दरअसल, भस्म की एक विशेषता होती है कि यह शरीर के रोम छिद्रों को बंद कर देती है। इसका मुख्य गुण है कि इसको शरीर पर लगाने से गर्मी में गर्मी और सर्दी में सर्दी नहीं लगती। मगर यह तो रही विज्ञानं की बातें मगर भगवान शिव के बारे में यह माना जाता है की उन्हें सभी चीजे अच्छी लगती है, चाहे वह जीवित हो या फिर मृत हो।
आखिर क्यों त्रिशूल रहता है भगवान शिव के हाथो में:

सभी हिन्दू देवी देवताओं का अपना अपना प्रमुख अस्त्र है, वैसे ही भगवान शिव का प्रमुख अस्त्र त्रिशूल है जिस से वह अपने रूद्र रूप में दुष्टो का नाश करते हैं। आपको बतादेँ की त्रिशूल के तीन नुकीले सिरे इन तीनों प्रवृत्तियों का प्रतिनिधित्व करते हैं। त्रिशूल के माध्यम से भगवान शिव यह संदेश देते हैं कि इन गुणों पर हमारा पूर्ण नियंत्रण हो। यह त्रिशूल तभी उठाया जाए जब कोई मुश्किल आए। तभी इन तीन गुणों का आवश्यकतानुसार उपयोग हो।
आखिर क्यों भगवान शिव करते हैं बैल की सवारी:

सभी जानते हैं की भगवान शिव का वाहन नन्दी यानी एक बैल है। बतादें की नन्दी बैल जितना शांत और सुंदर दिखता है उतना ही वह शक्तिशाली है। नन्दी की भक्ति और भोलेपन के कारण उसे भगवान ने अपनी सवारी बनाया है। वहीं नंदी पुरुषार्थ का भी प्रतीक माना गया है। कड़ी मेहनत करने के बाद भी बैल कभी थकता नहीं है। वह लगातार अपने कर्म करते रहता है। इसका अर्थ है हमें भी सदैव अपना कर्म करते रहना चाहिए।
आखिर क्यों भगवान शिव पहनते हैं अपने गले में नाग:

भगवान शिव की वेशभूषा सभी भगवानो से अलग और अनोखी है। भगवान शिव अपने शरीर पर छाल और गले में नाग को धारण करते हैं। जैसे की नाग धरती का एक सबसे खतरनाक प्राणी है जो की जाने-अंजाने में ये मनुष्यों की सहायता ही करता है। कुछ लोग डर कर या अपने निजी स्वार्थ के लिए नागों को मार देते हैं। मगर सही तरह से देखा जाए तो भगवान शिव नाग को धारण कर सभी को यह संदेश देते है की जीवन चक्र में हर प्राणी का अपना विशेष योगदान है। इसलिए बिना वजह किसी प्राणी की हत्या न करें।




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