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बॉलीवुड के अभिनेता संजय दत्त का आज जन्मदिन है. बॉलीवुड के 'मुन्नाभाई' संजय दत्त 29 जुलाई को 57 साल के हो गए हैं.पर्दे पर कभी नायक तो कभी खलनायक बनकर लोगों का दिल जीतने वाले संजय दत्त की जिंदगी किसी फिल्मी कहानी से कम नहीं है. 29 जुलाई 1959 को सुनील दत्त और नरगिस के घर में जन्मे संजू बाबा ने बॉलीवुड के साथ-साथ पूरी दुनिया में खूब नाम कमाया, हालांकि विवादों के साथ भी उनका चोली-दामन का साथ रहा.

संजय बचपन से ही अपने परिवार के लाडले रहे. संजय की शिक्षा कसौली के पास लॉरेंस स्कूल, सनावर में हुई थी. घर में फिल्मी माहौल रहने के कारण संजय दत्त अक्सर अपनी माता-पिता के साथ शूटिंग देखने जाया करते थे. इस वजह से उनका भी रुझान फिल्मों की ओर हो गया और वह भी अभिनेता बनने के ख्वाब देखने लगे. माता-पिता फिल्मों से जुड़े थे तो संजय को एक्टिंग विरासत में मिली थी.
संजय बचपन से ही अपने परिवार के लाडले रहे. संजय की शिक्षा कसौली के पास लॉरेंस स्कूल, सनावर में हुई थी. घर में फिल्मी माहौल रहने के कारण संजय दत्त अक्सर अपनी माता-पिता के साथ शूटिंग देखने जाया करते थे. इस वजह से उनका भी रुझान फिल्मों की ओर हो गया और वह भी अभिनेता बनने के ख्वाब देखने लगे. माता-पिता फिल्मों से जुड़े थे तो संजय को एक्टिंग विरासत में मिली थी.

संजय दत्त ने बतौर बाल कलाकार अपने सिने करियर की शुरुआत अपने पिता के बैनर तले बनी फिल्म 'रेशमा और शेरा' से की. बतौर अभिनेता उन्होंने अपने करियर की शुरुआत वर्ष 1981 में प्रदर्शित फिल्म 'रॉकी' से की. दमदार निर्देशन, पटकथा और गीत-संगीत के कारण फिल्म टिकट खिड़की पर सुपरहिट साबित हुई.

संजय दत्त ने बतौर बाल कलाकार अपने सिने करियर की शुरुआत अपने पिता के बैनर तले बनी फिल्म 'रेशमा और शेरा' से की. बतौर अभिनेता उन्होंने अपने करियर की शुरुआत वर्ष 1981 में प्रदर्शित फिल्म 'रॉकी' से की. दमदार निर्देशन, पटकथा और गीत-संगीत के कारण फिल्म टिकट खिड़की पर सुपरहिट साबित हुई.

 1981 में रॉकी फ़िल्म से बॉलीवुड का सफ़र शुरू करने वाले संजय पर सबसे पहले उसी साल दुखों का पहाड़ टूटा जब उनकी मां नर्गिस का निधन हो गया. कहते हैं संजय दत्त उस समय बुरी तरह टूट गए और बाद में गलत संगत और कामयाबी के नशे में उन्हें ड्रग्स की आदत लग गई.


1981 में रॉकी फ़िल्म से बॉलीवुड का सफ़र शुरू करने वाले संजय पर सबसे पहले उसी साल दुखों का पहाड़ टूटा जब उनकी मां नर्गिस का निधन हो गया. कहते हैं संजय दत्त उस समय बुरी तरह टूट गए और बाद में गलत संगत और कामयाबी के नशे में उन्हें ड्रग्स की आदत लग गई.

पिता सुनील दत्त ने संजय की इस नशे की लत को छुड़ाने के लिए जमीन आसमान एक कर दिया. सुनील दत्त उन्हें इलाज के लिए अमरीका में एक नशा उन्मूलन केंद्र ले गए जहां लंबे इलाज के बाद संजय दत्त ने ड्रग्स को अलविदा कहा और दोबारा बॉलीवुड में वापसी की.

पिता सुनील दत्त ने संजय की इस नशे की लत को छुड़ाने के लिए जमीन आसमान एक कर दिया. सुनील दत्त उन्हें इलाज के लिए अमरीका में एक नशा उन्मूलन केंद्र ले गए जहां लंबे इलाज के बाद संजय दत्त ने ड्रग्स को अलविदा कहा और दोबारा बॉलीवुड में वापसी की.

फ़िल्मी दुनिया में आने के बाद संजय को अपने उम्र से बड़ी रिचा शर्मा से मोहब्बत हो गई और और दोनों ने 1987 शादी कर ली. संजय की निजी ज़िन्दगी में एक भूचाल तब आया जब उनकी पुत्री त्रिशाला दत्त के जन्म के कुछ ही दिन बाद उनकी पत्नी ऋचा को ब्रेन कैंसर हो गया और नौ साल बाद ही रिचा की मृत्यु हो गई. संजय फिर अकेले हो गए. फ़िल्मी करियर फिर से मुश्किल में आ गया.

फ़िल्मी दुनिया में आने के बाद संजय को अपने उम्र से बड़ी रिचा शर्मा से मोहब्बत हो गई और और दोनों ने 1987 शादी कर ली. संजय की निजी ज़िन्दगी में एक भूचाल तब आया जब उनकी पुत्री त्रिशाला दत्त के जन्म के कुछ ही दिन बाद उनकी पत्नी ऋचा को ब्रेन कैंसर हो गया और नौ साल बाद ही रिचा की मृत्यु हो गई. संजय फिर अकेले हो गए. फ़िल्मी करियर फिर से मुश्किल में आ गया.

 फ़िल्मी खलनायक की जिंदगी का संकट भरा समय तो सही मायने में 1993 में आया. मुंबई बम धमाकों के दौरान संजय दत्त पर हथियार रखने का खुलासा हुआ. संजय उस समय मॉरिशस में फिल्म आतिश की शूटिंग कर रहे थे. तुरंत मुंबई पहुंचे तो हवाई अड्डे पर पूछताछ के दौरान ही उन्हें गिरफ्तार कर लिया गया.

फ़िल्मी खलनायक की जिंदगी का संकट भरा समय तो सही मायने में 1993 में आया. मुंबई बम धमाकों के दौरान संजय दत्त पर हथियार रखने का खुलासा हुआ. संजय उस समय मॉरिशस में फिल्म आतिश की शूटिंग कर रहे थे. तुरंत मुंबई पहुंचे तो हवाई अड्डे पर पूछताछ के दौरान ही उन्हें गिरफ्तार कर लिया गया.

 पूछताछ के दौरान संजय दत्त ने कथित तौर पर इस बात को स्वीकार किया था कि अबू सालेम जनवरी 1992 में मैग्नम वीडियो कंपनी के मालिकों समीर हिंगोरा और हनीफ कड़ावाला के साथ उनके घर आए थे, हालांकि संजय ने सफाई दी कि हथियार उन्होंने अपनी हिफाजत के लिए रखे थे, लेकिन बम धमाकों के साजिश करने वालों के करीबियों से संपर्क रखने का खामियाजा संजय को भुगतना ही पड़ा.

पूछताछ के दौरान संजय दत्त ने कथित तौर पर इस बात को स्वीकार किया था कि अबू सालेम जनवरी 1992 में मैग्नम वीडियो कंपनी के मालिकों समीर हिंगोरा और हनीफ कड़ावाला के साथ उनके घर आए थे, हालांकि संजय ने सफाई दी कि हथियार उन्होंने अपनी हिफाजत के लिए रखे थे, लेकिन बम धमाकों के साजिश करने वालों के करीबियों से संपर्क रखने का खामियाजा संजय को भुगतना ही पड़ा.

टाडा कानून के तहत संजय पर मुकदमा चलाया गया और छह साल की सजा हुई, हालांकि 2006 में संजय को तब बड़ी राहत मिली जब मुंबई बम धमाकों मामले की सुनवाई कर रही टाडा अदालत ने कहा कि संजय एक आतंकवादी नहीं है और उन्होंने अपने घर में ग़ैरकानूनी रायफ़ल अपनी हिफाज़त के लिए रखी थी. उन पर टाडा के आरोप ख़त्म कर दिए गए और आर्म्स एक्ट के तहत दोषी करार दिया गया। हालांकि 16 महीने जेल की सजा काटने के बाद संजय को जमानत मिल गई. संजय तब से बेल पर थे. जेल और बदनामी का संकट झेलने के बाद संजय दत्त ने फिर से अपनी गाड़ी को पटरी पर लाने की कोशिश की. ये वो दौर था जब संजय अपनी जिंदगी में फिर से अकेले पड़ चुके थे.


टाडा कानून के तहत संजय पर मुकदमा चलाया गया और छह साल की सजा हुई, हालांकि 2006 में संजय को तब बड़ी राहत मिली जब मुंबई बम धमाकों मामले की सुनवाई कर रही टाडा अदालत ने कहा कि संजय एक आतंकवादी नहीं है और उन्होंने अपने घर में ग़ैरकानूनी रायफ़ल अपनी हिफाज़त के लिए रखी थी. उन पर टाडा के आरोप ख़त्म कर दिए गए और आर्म्स एक्ट के तहत दोषी करार दिया गया। हालांकि 16 महीने जेल की सजा काटने के बाद संजय को जमानत मिल गई. संजय तब से बेल पर थे. जेल और बदनामी का संकट झेलने के बाद संजय दत्त ने फिर से अपनी गाड़ी को पटरी पर लाने की कोशिश की. ये वो दौर था जब संजय अपनी जिंदगी में फिर से अकेले पड़ चुके थे.

बार बार ठोकरे खाने वाले संजय की जिंदगी में 2003 में एक मुकाम आया जब उनकी 'मुन्नाभाई एमबीबीएस' फिल्म रिलीज हुई. इस फिल्म में संजय की रील और रियल लाइफ़ को ही बदल कर रख दिया.

बार बार ठोकरे खाने वाले संजय की जिंदगी में 2003 में एक मुकाम आया जब उनकी 'मुन्नाभाई एमबीबीएस' फिल्म रिलीज हुई. इस फिल्म में संजय की रील और रियल लाइफ़ को ही बदल कर रख दिया.

2006 के बाद संजय दत्त ने कॉमेडी पर सबसे ज्यादा ध्यान दिया। बुरे किरदारों से लगभग तौबा की और कई फिल्मों में पुलिसिया वर्दी पहन कर अपनी छवि को साफ़ सुथरा रखने की कोशिश की। 2008 में संजय ने तीसरी शादी की और वो भी बड़े नाटकीय अंदाज में। दो साल तक अपने लव अफेयर को छुपाये संजय दत्त ने मान्यता से मुंबई के एक अपार्टमेन्ट में शादी रचाई, लेकिन शादी पर भी विवाद हुआ.


2006 के बाद संजय दत्त ने कॉमेडी पर सबसे ज्यादा ध्यान दिया। बुरे किरदारों से लगभग तौबा की और कई फिल्मों में पुलिसिया वर्दी पहन कर अपनी छवि को साफ़ सुथरा रखने की कोशिश की। 2008 में संजय ने तीसरी शादी की और वो भी बड़े नाटकीय अंदाज में। दो साल तक अपने लव अफेयर को छुपाये संजय दत्त ने मान्यता से मुंबई के एक अपार्टमेन्ट में शादी रचाई, लेकिन शादी पर भी विवाद हुआ.

मेराज नाम एक शख्स ने ये दावा किया कि मान्यात से उसका निकाह पहले ही हो चुका है और संजय मान्यता की शादी गैर- कानूनी है. एक बार फिर संजय दत्त कानूनी पचड़े में पड़ गए. आठ महीने तक कोर्ट में मामला चला और आखिरकार संजय दत्त के हक में ही फैसला आया.

मेराज नाम एक शख्स ने ये दावा किया कि मान्यात से उसका निकाह पहले ही हो चुका है और संजय मान्यता की शादी गैर- कानूनी है. एक बार फिर संजय दत्त कानूनी पचड़े में पड़ गए. आठ महीने तक कोर्ट में मामला चला और आखिरकार संजय दत्त के हक में ही फैसला आया.



सोर्स:प्रदेश 18 


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