पेइचिंग ओलिम्पिक-2008 में कांस्य पदक विजेता, भारत के पेशेवर मुक्केबाज विजेंदर सिंह ने शनिवार को चीन के जुल्पिकार माईमाईतियाली को 10 राउंड तक चले कठिन मुकाबले में हराकर अपना विजयी क्रम जारी रखा है। इसी के साथ विजेंदर ने अपना डब्ल्यूबीओ एशिया पैसिफिक सुपर मीडिलवेट खिताब तो बचा लिया, साथ ही अपने विपक्षी का डब्ल्यूबीओ ओरिएंटल सुपर मीडिल वेट खिताब भी हासिल कर लिया।
यह दोहरा खिताबी मुकाबला था, जिसमें जीतने वाला खिलाड़ी अपने खिताब को बचाने के साथ ही दूसरे का खिताब जीतने का हकदार था।
खिताब जीतने के बाद सिंह ने कहा, मैं यह टाइटल नहीं चाहता। मैं इसे जुल्पीकर को लौटाना चाहता हूं। मैं इस जीत को भारत-चीन की दोस्ती को समर्पित करता हूं। बॉर्डर पर कुछ तनाव है। हमें शांति चाहिए।
विजेंदर का यह नौवां पेशेवर मुकाबला था और अभी तक उन्हें सभी मुकाबलों में जीत मिली है। वहीं चीनी मुक्केबाज की यह पेशेवर मुकाबले में पहली हार है। जुल्पिकार अपने पिछले नौ पेशेवर मुकाबलों में अजेय थे। दोनों के बीच बराबरी का मुकाबला खेला गया।
शुरुआती दो राउंड में जुल्पिकार आक्रामक दिखे , लेकिन भारतीय खिलाड़ी ने शानदार बचाव किया। विजेंदर ने अपनी लंबाई का अच्छा फायदा उठाया और चीनी मुक्केबाज को कुछ अच्छे पंच जड़े।
अगले कुछ राउंड में भी बराबर का खेल देखने को मिला, हालांकि चीन के मुक्केबाज को विजेंदर के कुछ अच्छे पंचों का सामना करना पड़ा। यहां से विजेंदर चीनी खिलाड़ी पर हावी होने लगे। बचाव में जुल्पिकार ने कुछ दफा विजेंदर के कमर के नीचे कुछ पंच मारे। ऐसा करने के दौरान नौवें राउंड में रैफरी ने मैच रोक दिया था।
आखिरी राउंड में जुल्पिकार ने वापसी की कोशिश की, लेकिन विजेंदर ने अपना आक्रामण जारी रखा और मुकाबला जीत ले गए।
इससे पहले, भारत के अन्य मुक्केबाजों ने अंडरकार्ट मुकाबलों में जीत हासिल की। राष्ट्रमंडल खेल-2006 के विजेता अखिल कुमार, जितेंद्र कुमार, अशद आसिफ, कुलदीप ढांडा, धर्मेद्र गिरेवाल, प्रदीप खारेरा ने अपने मुकाबालों में विजयी रहे। अखिल इस मैच से पेशेवर मुक्केबाजी में कदम रख रहे थे। उन्होंने डेब्यू मैच में अॉस्ट्रेलिया के टाइ ग्रिलक्रिस्ट को वाल्टरवेट वर्ग में तकनीकी नॉक आउट में मात दी।
सोर्स:जनसत्ता
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