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 Janmashtami ;lord krishna

हिन्दुओं के लिए श्रीकृष्ण जन्माष्टमी के त्योहार का बहुत महत्व है. जन्माष्टमी को भगवान श्रीकृष्ण के जन्मोत्सव के रूप में मनाया जाता है. श्रीकृष्ण को धरती पर भगवान विष्णु का आठवां अवतार माना गया है. 


हिन्दू कैलेंकर के अनुसार ऐसा कहा जाता है कि श्रीकृष्ण का जन्म भाद्रपद मास के आठवें दिन यानि अष्टमी पर मध्यरात्रि में हुआ था. वैसे तो पूरे भारत में ही जन्माष्टमी का बड़ी धूम-धाम से मनाया जाता है लेकिन भगवान श्रीकृष्ण की जन्मभूमि वृन्दावन में इस पर्व की अलग ही रौनक देखने को मिलती है.


यदि आपके जीवन में संघर्ष बहुत ज्यादा है, धन की कमी की वजह से आप परेशान हैं तो कृष्ण जन्माष्टमी के मौके पर अपने भाग्य को बदलने के लिए तैयार हो जाइये. 



कान्हा को 5 चीजें अर्पित करिए भगवान कृष्ण की कृपा से आपके जीवन की सारी परेशानी दूर हो जाएगी और जल्द ही उन्नति के रास्ते खुल जाएंगे.


1- तुलसी दल- भगवान कृष्ण को तुलसी दल बहुत प्रिय है, इसलिए भोग लगाते समय कान्हां को तुलसी दल अवश्य अर्पित करें.

2- माखन मिसरी- माखन-मिसरी बाल गोपाल को बहुत पंसद है, माखन मिसरी का भोग लगाने से कान्हा बहुत प्रसन्न होते हैं.


3- पीले फल- पीले रंग के फल प्रसाद के रूप में कृष्ण जी को अर्पित से धन-दौलत की प्राप्ति होती है और भगवान कृष्ण प्रसन्न होते हैं.

4- मोरपंख- मोरपंख भगवान कृष्ण के मुकुट में अवश्य लगाएं, इससे कृष्ण जी की विशेष कृपा आपको प्राप्त होगी.

5- पीले वस्त्र- पीतांबरी कान्हां को बहुत प्रिय है, इसलिए अपने कान्हा जी को पीले वस्त्र अवश्य अर्पित करें आपकी मनोकामना पूरी होगी.



किन बातों का रखें ख्याल

- ये पांच चीजें आप अपने घर के मंदिर में या किसी ऐसे मंदिर में जा कर अर्पित कर सकते हैं, जहां कान्हा का जन्मदिन पूरे भक्ति भाव से मनाया जा रहा हो.

- स्नान करके साफ वस्त्र पहन धारण करके ही भगवान कृष्ण की प्रतिमा को स्पर्श करें.

- भगवान कृष्ण को अर्पित की जाने वाली सभी चीजों में पहले गंगा जल छिड़कर पवित्र कर लें.

- सभी चीजें दाहिने हाथ से भगवान कृष्ण को अर्पित करें.

- तुलसी दल, माखन मिसरी और पीले फल प्रसाद के रूप में ज्यादा से ज्यादा लोगों को अवश्य बांटें


जन्माष्टमी तिथि और शुभ मुहूर्त 

स्मार्त संप्रदाय के अनुसार जन्माष्टमी 14 अगस्त को मनाई जाएगी तो वहीं वैष्णव संप्रदाय के 15 अगस्त को जन्माष्टमी का त्योहार मनाया जाएगा. 


जन्माष्टमी 2017
14 अगस्त
निशिथ पूजा: 12:03 से 12:47
निशिथ चरण के मध्यरात्रि के क्षण है: 12:25 बजे

15 अगस्त पराण: शाम 5:39 के बाद
अष्टमी तिथि समाप्त: 5:39


||जन्माष्टमी की ढेर सारी शुभकामनाएं!||





सोर्स:आजतक
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