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लोगों में काफी दहशत हैं और वो भूकंप झटको के बाद काभी सहमे हुए हैं।






उत्तर भारत सोमवार रात भूकंप के झटको से काँप उठा। भूकंप का केंद्र उत्तराखंड के पिथौरागढ़ में था। दिल्ली, चंडीगढ़, मेरठ समेत कई शहरों में भूकंप के झटके करीब 30 सेकंड तक महसूस किये गये। झटको के बाद लोग अपने घरों से बहार निकल आए। लोगों में काफी दहशत हैं और वो भूकंप झटको के बाद काफी सहमे हुए हैं।






दिल्ली और उसके आसपास के इलाकों में भी भूकंप के झटके महसूस किये गए हैं। जानकारी के मुताबिक रात करीब 10 बजकर 35 मिनट पर भूकंप के झटके महसूस किये गए। भूकंप का केंद्र उत्तराखंड का रूद्रप्रयाग बताया जा रहा है। जानकारी के मुताबिक रूद्रप्रयाग के पास पीपलकोटी में जमीन के अंदर करीब 21 किलोमीटर की गहराई में इसका केंद्र रहा।





करीब 30 सेकंड तक महसूस किये गए भारी झटकों के बाद लोग दहशत में आ गए और जान बचाने के लिये अपने-अपने घरों से बहार निकल आए। रिक्टर पैमाने पर भूकंप की तीव्रता 5.8 मापी गई है। जानकारी के मुताबिक भूकंप का केंद्र उत्तराखंड का रूद्रप्रयाग बताया जा रहा है।




खबर लिखे जाने तक इस मामले में किसी की भी जानमाल की हानी और अन्य किसी भी तरह के नुकसान की खबर नहीं आई है।




गौरतलब है कि इससे पहले सरकार ने जानकारी देते हुए बताया था कि बीते दो साल में भूकंप की वजह से 115 लोगों की जान गई और 13,000 से अधिक मकान नष्ट हो गए। पृथ्वी विज्ञान राज्य मंत्री वाई एस चौधरी ने आज राज्यसभा को यह जानकारी देते हुए बताया कि वर्ष 2015 और 2016 में बिहार में भूकंप से 79 लोगों की और उत्तर प्रदेश में 19 लोगों की मौत हुई।




वर्ष 2015 में नेपाल में भीषण भूकंप आया था जिसके असर के चलते बिहार और उत्तर प्रदेश में भी जान माल का नुकसान हुआ था।




उन्होंने एक प्रश्न के लिखित उत्तर में बताया कि पिछले दो साल में भूकंप की वजह से पश्चिम बंगाल में तीन, राजस्थान और मणिपुर में एक एक तथा जम्मू कश्मीर में चार लोगों की जान गई।





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