
आज महिलाएं पुरुषों से किसी भी क्षेत्र में पीछे नहीं हैं। फिर वो चाहे रक्षा की बात हो या जुर्म की दुनिया। आज हम आपको ऐसी 7 महिलाओं के बारे में बताने जा रहे हैं जिनकी जुर्म की दुनिया में कभी तूती बोला करती थी। उनका नाम सुनकर ही लोग सर से लेकर पांव तक कांप जाते थे।
इनमें से कई महिलाओं को किसी मजबूरी ने तो किसी को ताकत की चाह ने इस दुनिया में कदम रखने पर मजबूर कर दिया।
फूलन देवी

इस लिस्ट में पहला नाम आता है चंबल की रानी कही जाने वाली बैंडिट क्वीन फूलन देवी का। इनके नाम से ज्यादातर लोग परिचित हैं। हत्या, लूटपाट, किडनैपिंग जैसे कई गंभीर अपराधों को फूलन देवी ने अंजाम दिया। कम उम्र में शादी और सामूहिक बालात्कार ने फूलन देवी को बागी बनने पर मजबूर कर दिया।
फूलन देवी ने एक बार 22 राजपूत पुरुषों को बीच गांव में खड़ा कर गोलियों से भून दिया था। उस समय इस घटना ने देश में ही नहीं विदेशों में भी सुर्खियां बटोरी थीं।
1983 में उन्होंने तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी की पहल पर आत्मसमर्पण कर दिया। उन पर 48 गंभीर अपराधों में मामला दर्ज था। 11 साल के ट्रायल के बाद उन्हें उन पर लगे सभी आरोपों से बरी कर दिया गया। इतना ही नहीं वे दो बार सांसद भी रहीं। उनके जीवन पर ‘बैंडिट क्वीन’ फिल्म बनी जिसे नेशनल अवार्ड भी मिला।
संतोकबेन सरमनभाई जडेजा

अपने पति की मौत का बदला लेने के लिए संतोकबेन को अपराध का सहारा लेना पड़ा। 1987 से लेकर 1996 के बीच संतोकबेन ने एक गैंग बनाया। इस गैंग के सदस्यों को वे अपने प्रतिद्वंदी के एक आदमी को मारने के लिए एक लाख रुपए देती थीं।
उनके गैंग पर 500 ज्यादा अपराधों में मामला दर्ज हुआ जबकि उन पर अकेले 15 हत्या के मामले दर्ज थे। जुर्म की दुनिया में रहते हुए वे 1990 से 1995 तक विधायक भी रहीं। उनके जीवन पर ‘गॉडमदर’ नाम की एक फिल्म भी बनी इसमें शबाना ने संतोकबेन की भूमिका निभाई है।
शशिकला रमेश पटानकर

मुंबई में सबसे बड़े ड्रग माफियाओं में कभी शशिकला रमेश पटानकार का सिक्का चलता था। दूध बेचने के धंधे से शुरुआत कर भीतर ही भीतर कब वे जहर बेचने के धंधे में आ गईं लोगों को पता ही नहीं चला।
दो दशकों तक वे ड्रग माफिया की दुनिया में छायी रहीं। इससे उन्होंने 100 करोड़ रुपए तक की प्रॉपर्टी तैयार कर ली। 2015 में मुंबई पुलिस ने उन्हें गिरफ्तार कर लिया।
सीमा परिहार

महिला अपराधियों की बात हो और डांकू सीमा परिहार की बात न हो ऐसा हो ही नहीं सकता। 70 हत्याएं, 200 अपहरण और 30 डकैतियों के बाद इस दस्यु सुंदरी ने सन 2000 में आत्मसमर्पण कर दिया।
उनके जीवन पर एक फिल्म बनी वाउन्डेड: द बैंडिट क्वीन। इसमें उन्होंने अभिनय भी किया। सीमा परिहार ने चुनाव भी लड़ा और बिग बॉस जैसे रियलिटी शो में भी पहुंची।
बेला आंटी

70 के दशक में बेला आंटी का नाम मुंबई की सबसे ताकतवर गैंगस्टर्स में शुमार था। अवैध शराब कारोबार में उन्होंने कई अन्य गंभीर अपराधों को भी अंजाम दिया।
उनकी शराब की गाड़ियों को रोकने की न तो पुलिस में हिम्मत थी और न ही दूसरे गैंगस्टर्स की।
अंजनाबाई गावित, रेणुका और सीमा गावित

कोल्हापुर की रहने वाली अंजनाबाई गावित और उनकी दो बेटियों रेणुका और सीमा गावित ने 1990 और 1996 के बीच उन्होंने निर्ममता का वो नंगा नाच किया जिससे किसी की भी रुह कांप जाये। उन्होंने1 या दो नहीं बल्कि 42 बच्चों की निर्दयता से हत्या कर दी।
बताया जाता है वे मासूम बच्चों को पहले किडनैप करती थीं और फिर उनकी गला घोंटकर या दीवार पर सिर मारकर हत्या कर देती थी। वे देश की पहली महिला बनीं जिन्हें अदालत ने मौत की सजा सुनाई।
के. डी. केम्पन्ना

सायनाइड की मल्लिका कही जाने वाली केम्पन्ना एक सीरियल किलर थी। उन्होंने बंगलुरू में 6 लोगों को सायनाइड देकर मौत की नींद सुला दिया था।
1999 से 2007 के बीच अपराध की दुनिया में उन्होंने खूब नाम कमाया। 2012 में उन्हें उनके अपराधों के लिए मौत की सजा दी गई जिसे बाद में आजीवन कारावास में बदल दिया गया।
सोर्स:इंडिया.कॉम
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