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महाराष्‍ट्र की एक जगह है जहां खबरें भी नहीं पहुंचती। यह जगह है नंदुरबार की अकरानी तालुका में बना छोटा सा गांव रोशामल खुर्द। यहां रहने वाले ग्रामीण देश के पीएम मोदी को नहीं जानते और उनके लिए देश पर अब भी इंदिरा गांधी की बेटी सोनिया गांधी राज कर रही हैं।



यहां के लोगों से जब नोटबंदी को लेकर सवाल किए गए तो उन्‍होंने आश्‍चर्य जताया कि 500 और 1000 के नोट भी छपते हैं। एक अंग्रेजी अखबार के मुताबिक जहां देशभर में नोटबंदी से बवाल मचा हुआ है वहीं इस गांव के लोगों ने तो अब तक 500 और 1000 का नोट देखा तक नहीं है। आदिवासी गांव में लोगों को लगता है कि देश पर अब भी इंदिरा गांध की बेटी सोनिया गांधी जो असल में उनकी बहू हैं का राज है।



कांग्रेस सत्‍ता में है और मोदी का नाम गांव में कोई नहीं जानता। इस गांव के लोगों को बैंक और एटीएम तो छोड़ सड़क और बिजली तक नहीं मिली है। गांव की महिला टुडकी बाई से जब नोटबंदी और दूसरी चीजों पर बात की गई तो उसने कहा उसे कुछ समझ नहीं आ रहा। गांव के ही देविदास यहां से 100 किमी दूर स्थित धडगांव में अपनी उपज बेचने नहीं जा रहे।



उनके अनुसार पहले जिस मक्‍का और ज्‍वार का भाव 13-15 रुपए किलो मिलता था अब वो 10 रुपए किलो बिक रहा है। गांव में आने-जाने के साधन नहीं हैं जिसके चलते बाइक या फिर कभी कभार आने वाली जीप से लोग सफर करते हैं। जब उनसे नोटबंदी को लेकर पूछा गया तो उन्‍होंने कहा लोगों को 2 हजार रुपए की क्‍या जरूरत है हमारे पूरे घर का खर्च 1500 रुपए है।



गांव के एक युवक के अनुसार हर चुनाव में यहां चुनाव की पर्ची के साथ 100 रुपए का नोट आता था और लोग उस चुनाव चिन्‍ह पर वोट दे देते थे। लेकिन अब यहां कई पर्चियां आती हैं जिनमें 100 के नोट होते हैं। यहां लोगों को यह तक नहीं पता की कांग्रेस के चुनाव चिन्‍ह की जगह कमल का फूल कैसे आ गया।



कुछ का मानना है कि इंदिरा गांधी ने नया चुनाव चिन्‍ह अपना लिया है। टुडकी बाई ने कहा कि वो बंद हो चुके पुराने नोट देखना चाहती है और सरकार को संदेश भेजा है कि वो पुराने नोट उनके पास भेजें ताकि वो देख सकें कि वो कैसे थे।




सौर्स:न्यूज़24
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