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500 और 1000 रुपये के नोट बंद होने के बाद लोग तरह-तरह से जुगाड़ लगाकर काले धन को सफेद करने में लगे हुए हैं। लेकिन इस तरह की चालाकी भारी भी पड़ सकती है।


जानें उन ट्रिक्स और परेशानी के बारे में...
कैश को घर के मासिक बजट में से हुई बचत के रूप में दिखाएं।


सावधानी:अगर बचाई गई रकम परिवार के कुल बजट के 20-25% से ज्यादा हुई तो टैक्स डिपार्टमेंट शक कर सकता है।


अन्य स्रोतों से आमदनी:
रकम को परिवार के नॉन-सैलरीड सदस्यों की ट्युइशन, कुकरी क्लास, ब्यूटी ट्रीटमेंट, टेलरिंग आदि से हुई कमाई के रूप में दिखाया जा सकता है। ऐसी कमाई से 2.5 लाख रुपये सालाना तक की रकम पर टैक्स नहीं लगता है।


सावधानी:अगर बताई गई इनकम बहुत ज्यादा हुई तो टैक्स विभाग डिटेल्स तलब कर सकता है यानी पूछ सकता है कि कितने बच्चों को ट्युइशन दी जा रही थी।



रिश्तेदारों से गिफ्ट:
रकम ऐसी हो कि उसे तोहफा बताने में उलझन न हो और वह व्यक्ति के इकनॉमिक स्टेटस के मुताबिक हो।



सावधानी:बहुत ज्यादा रकम दिखाने पर उनकी जांच हो सकती है, जिनका नाम गिफ्ट देने वालों के रूप में बताया जाएगा।


अडवांस पेमेंट और स्टाफ, वेंडर्स को लोन:
इस तरह दी जाने वाली रकम की कोई लिमिट नहीं है, लेकिन आंकड़ा ऐसा हो कि व्यक्ति दिक्कत को दावत न दे बैठे।



सावधानी:कर्मचारी काम छोड़कर जा भी सकता है, लिहाजा लोन आदि के मामले में प्रॉपर पेपरवर्क होना चाहिए।







सोर्स:न्यूज़ २४ 
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