इस अजूबे सांप की सुंदरता देख आपके दिल से सांप के जहर का डर दूर भाग जाएगा। आपका मन चाहेगा कि उसे एक टक देखते रहें। यह सांप अति दुर्लभ है। इसे पहली बाद उत्तरप्रदेश में देखा गया था। जिसके बाद इसे नेपाल और आसाम में देखा गया।
अब अति दुर्लभ लाल मूंगा खुखरी सांप उत्तराखंड में भी देखा गया है। वन विभाग के दावे को मानें तो रहस्यमयी और अद्भुत लाल मूंगा खुखरी सांप को लेकर दुनिया अभी अंजान है।
लाल मूंगे की तरह चमकदार ये अनोखा सांप लखीमपुर खीरी में वर्ष 1936 में दिखाई दिया था, उसके बाद विलुप्त हो गया। इसका वैज्ञानिक नाम ओलिगोडॉन खीरीएनसिस रख दिया गया। पिछले साल वन विभाग को यह सांप उत्तराखंड के खटीमा के सुरई रेंज में मरा मिला था।
दशकों बाद वर्ष 2010 में नेपाल के चितवन नेशनल पार्क में इसकी मौजूदगी मिली थी। इसके अगले साल वर्ष 2011 में यही लाल मूंगा सांप आसाम में पाया गया।
अक्टूबर 2014 में उत्तराखंड की खटीमा के सुरई रेंज में सड़क पर किसी वाहन से कुचला हुआ मिला था। इसलिए इस सांप को लेकर कोई खास रिसर्च नहीं हो सकी। तराई पूर्वी वन प्रभाग में सरीसृप पर शोध कर रहे वन्य जीव विशेषज्ञ विपुल मौर्य और सरीसृप विशेषज्ञ जयप्रताप सिंह को इस अति दुर्लभ सांप को फिर से पकड़ने में कामयाबी मिली है।
संयोग है कि यह सांप दोबारा फिर सुरई रेंज में ही मिला है, लेकिन इस बार यह जिंदा है, इसलिए इस पर विशेषज्ञों की टीम ने शोध भी शुरू कर दिया है।
सरीसृप विशेषज्ञ जयप्रताप सिंह का कहना है कि लाल मूंगा सांप की यह निगरानी की जा रही है कि उसका रहन-सहन, हावभाव, वासस्थल और इसकी प्रजाति के विकसित करने की संभावनाएं क्या हैं।
इसकी जानकारी जुटाने को अध्ययन किया जा रहा है। बाद में वर्गीकरण विज्ञानी (टेक्सोनिमिस्ट) से इस सांप की प्रजाति तय की जाएगी।
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