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भारत में हो रहे लगातार आतंकी हमले और पाकिस्तान के द्वारा परमाणु हमले की लगातार दी जा रही धमकी से ये सवाल उठने लगे हैं। साथ ही रक्षा विशेषज्ञ भी परमाणु हमला दुनिया में कहीं भी, कभी भी होने की आशंका जताने लगे हैं। ऐसे में क्या हम युद्ध चाहते हैं? शायद नहीं, शायद हां। पर क्या हम डर और खौफ के साये में जीना चाहते हैं – निश्चित रूप से नहीं। ऐसे में हम आपको ये बता रहे हैं कि परमाणु बम जैसे खबरों से आपको घबराने की जरूरत नहीं है।
वैसे भी, परमाणु संयंत्रों में रिसाव के कारण दुर्घटना होने का खतरा तो बना ही रहता है। ऐसे में अमेरिकी केमिकल सोसाइटी के हाल में जारी किए फॉल आउट 4 वीडियो की अहमियत बढ़ गई है जिसमें इस तरह के हमले के प्रभाव से बचने के तौर-तरीके बताए गए हैं।
अगर आप विस्फोट स्थल देख पा रहे हैं तो ध्यान दीजिए कि उससे मशरूम जैसा गुबार तो नहीं निकल रहा। एक हाथ से अपनी एक आंख बंद कीजिए और दूसरे हाथ के अंगूठे को गुबार की तरफ रखिए। अगर वह गुबार अब भी दिख रहा है तो आप रेडिएशन जोन में हैं। फिर आपको तुरत निकल भागना होगा।
क्या हो सकता है बचाव?
किसी भी तरह के हमले से निबटने का एक ही उपाय है- कम-से-कम समय में हमले की जगह से यथासंभव दूर जाकर सुरक्षित जगह पर शरण लेना। लंदन के किंग्स कॉलेज में सेंटर फॉर साइंस एंड सेक्यूरिटी स्टडीज के डेनिएल सेलिसबरी सलाह देते हैं कि सैन्य प्रतिष्ठानों, घनी आबादी और औद्योगिक स्थलों से ज्यादा से ज्यादा दूर जाना सुरक्षित विकल्प है।
क्या कोई खास कपड़ा है?
रसायनशास्त्री डॉ। रेशेल बर्क्स कहते हैं कि अंतरिक्ष यात्री जिस तरह के कपड़े पहनते हैं, उसी तर्ज पर नैनोपार्टिकल से बने कपड़े तैयार करने की कोशिश हो रही है जो रेडिएशन, काफी अधिक गर्मी और काफी ज्यादा दबाव को झेल सके। कार्बन नैनोट्यूब ऐसे हो सकते हैं जो स्टील से एक सौ गुना ज्यादा मजबूत है।
उन्होंने कहा कि आदर्श तो यह है कि आदमी 200 फीट गहरी जगह में चला जाए लेकिन किसी आकस्मिक घटना के वक्त यह संभव ही नहीं है। वैसे भी, उस जगह में मोटी दीवार के साथ-साथ पानी, भोजन और बिजली की जरूरत होगी। इतनी गहरी जगह में सौर ऊर्जा का विकल्प भी मुश्किल ही है।
रेडिएशन के शिकार होने के लक्षण?
हमले के एक सप्ताह बाद भी चक्कर आ रहा हो, सिरदर्द या बुखार रहता हो, डायरिया न रुक रहा हो, मितली आती हो या लगातार खून की उलटी आती रहती हो, कमजोरी बनी रहती हो, बाल उड़ रहे हों तो इसका मतलब आप रेडिएशन के शिकार हो चुके हैं।
सोर्स:लफड़ा टीवी
भारत में हो रहे लगातार आतंकी हमले और पाकिस्तान के द्वारा परमाणु हमले की लगातार दी जा रही धमकी से ये सवाल उठने लगे हैं। साथ ही रक्षा विशेषज्ञ भी परमाणु हमला दुनिया में कहीं भी, कभी भी होने की आशंका जताने लगे हैं। ऐसे में क्या हम युद्ध चाहते हैं? शायद नहीं, शायद हां। पर क्या हम डर और खौफ के साये में जीना चाहते हैं – निश्चित रूप से नहीं। ऐसे में हम आपको ये बता रहे हैं कि परमाणु बम जैसे खबरों से आपको घबराने की जरूरत नहीं है।
वैसे भी, परमाणु संयंत्रों में रिसाव के कारण दुर्घटना होने का खतरा तो बना ही रहता है। ऐसे में अमेरिकी केमिकल सोसाइटी के हाल में जारी किए फॉल आउट 4 वीडियो की अहमियत बढ़ गई है जिसमें इस तरह के हमले के प्रभाव से बचने के तौर-तरीके बताए गए हैं।
अगर आप विस्फोट स्थल देख पा रहे हैं तो ध्यान दीजिए कि उससे मशरूम जैसा गुबार तो नहीं निकल रहा। एक हाथ से अपनी एक आंख बंद कीजिए और दूसरे हाथ के अंगूठे को गुबार की तरफ रखिए। अगर वह गुबार अब भी दिख रहा है तो आप रेडिएशन जोन में हैं। फिर आपको तुरत निकल भागना होगा।
क्या हो सकता है बचाव?
किसी भी तरह के हमले से निबटने का एक ही उपाय है- कम-से-कम समय में हमले की जगह से यथासंभव दूर जाकर सुरक्षित जगह पर शरण लेना। लंदन के किंग्स कॉलेज में सेंटर फॉर साइंस एंड सेक्यूरिटी स्टडीज के डेनिएल सेलिसबरी सलाह देते हैं कि सैन्य प्रतिष्ठानों, घनी आबादी और औद्योगिक स्थलों से ज्यादा से ज्यादा दूर जाना सुरक्षित विकल्प है।
क्या कोई खास कपड़ा है?
रसायनशास्त्री डॉ। रेशेल बर्क्स कहते हैं कि अंतरिक्ष यात्री जिस तरह के कपड़े पहनते हैं, उसी तर्ज पर नैनोपार्टिकल से बने कपड़े तैयार करने की कोशिश हो रही है जो रेडिएशन, काफी अधिक गर्मी और काफी ज्यादा दबाव को झेल सके। कार्बन नैनोट्यूब ऐसे हो सकते हैं जो स्टील से एक सौ गुना ज्यादा मजबूत है।
उन्होंने कहा कि आदर्श तो यह है कि आदमी 200 फीट गहरी जगह में चला जाए लेकिन किसी आकस्मिक घटना के वक्त यह संभव ही नहीं है। वैसे भी, उस जगह में मोटी दीवार के साथ-साथ पानी, भोजन और बिजली की जरूरत होगी। इतनी गहरी जगह में सौर ऊर्जा का विकल्प भी मुश्किल ही है।
रेडिएशन के शिकार होने के लक्षण?
हमले के एक सप्ताह बाद भी चक्कर आ रहा हो, सिरदर्द या बुखार रहता हो, डायरिया न रुक रहा हो, मितली आती हो या लगातार खून की उलटी आती रहती हो, कमजोरी बनी रहती हो, बाल उड़ रहे हों तो इसका मतलब आप रेडिएशन के शिकार हो चुके हैं।
सोर्स:लफड़ा टीवी
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