loading...




 भारतीय सेना के द्वारा सर्जिकल स्ट्राकर से बौखलाई पाकिस्तानी सेना की सीमा पार हरकत बढ़ गई है। जिसके बाद बीएसएफ ने भी सीमाओं की चौकसी बड़ा दी है। पहली बार बीएसएफ ने सीमाओं की सुरक्षा के लिए 80 एमएम मोर्टर लॉन्चर और लाइट मशीन गन का उपयोग शुरू कर दिया है। जिसका मकसद पाकिस्तानी की किसी भी नापाक हरकत का समय रहते कड़ा जवाब दिया जा सके। इसी क्रम में अंबाला (पंजाब) के कैंटॉनमेंट एरिया में इसके लिए खड़गा कोर के स्पेशल कमांडोज की तैयारी जोरों पर है।

अब तक आपने अंतरराष्ट्रीय सीमा पर सुरक्षा और निगरानी कर रहे सीमा सुरक्षाबल के जवानों को केवल राइफल, नाईट विज़न कैमरा, एसएलआर और दूरबीन लेकर चौकसी करते देखा होगा, लेकिन अब बीएसएफ के जवानों की सुरक्षा और सीमाओं की चौकसी के लिए 80 एमएम मोर्टर लांचर और एक मिनट में 1000 से भी अधिक गोलियां दागने वाली लाइट मशीन गन को भी बोर्डर पर भेज दिया गया है।

यही नहीं सीमा पर बंकर भी बनवा दिए गए है, जहां दूरबीन के साथ-साथ एसएलआर के जरिए सुरक्षा की जा रही है। आमतौर पर इस तरह के हथियारों को बॉर्डर पर बीएसएफ नहीं रखती, लेकिन पाकिस्तानी सीमा में हो रही हलचल ने सुरक्षा के लिहाज से इसे वक़्त कि जरूरत बना दिया है।


अंबाला आधारित खड़गा सैन्यबल के पास आर्मी की आक्रामक क्षमताओं का 50 प्रतिशत हिस्सा है। इसे भारतीय सेना का सबसे खतरनाक सुरक्षाबल माना जाता है। सूत्रों के मुताबिक, फिलहाल ये सुरक्षाबल भारतीय वायुसेना के साथ मिलकर काम कर रहे हैं। इतना ही नहीं, खड़गा मुख्यालय और एयरफोर्स स्टेशन्स की ओर जाने वाले रास्ते भी बंद कर दिए गए हैं, ताकि इन इलाकों में किसी तरह का सिविलियन मूवमेंट ना हो सके।

खड़गा कमांडोज कई महत्वपूर्ण लड़ाइयों में भारत के लिए प्रभावी भूमिका निभा चुके हैं। इन्हें 1985 में अंबाला शिफ्ट किया गया था। इन्होंने पिछले साल भी बड़े स्तर पर सैन्य अभ्यास किया था, जो युद्ध के नए तरीकों को सीखने पर केंद्रित था।





सोर्स:न्यूज़ २४ 
loading...

एक टिप्पणी भेजें

योगदान देने वाला व्यक्ति

Blogger द्वारा संचालित.