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अक्सर अपने विवादित बयानों के चलते सुर्खियों में रहनेवाले पूर्व जस्टिस मार्कंडेय काटजू ने एक बार फिर विवादित बयान देकर हड़कंप मचा दिया है। बता दे कि पाकिस्तान के खिलाफ देश में गुस्सा है। शहीदों के घरवाले बदले की बात कह रहे हैं। सरकार पाकिस्तान को अलग-थलग करने के लिए रणनीति बना रही है। लेकिन सुप्रीम कोर्ट के पूर्व जस्टिस और प्रेस काउंसिल ऑफ इंडिया के पूर्व चेयरमैन जस्टिस मार्कंडेय काटजू ने शहादत के जख्मों पर नमक छिड़का है। जस्टिस काटजू ने फेसबुक पर पाकिस्तान को संबोधित करते हुए लिखा है कि कश्मीर लेना है तो बिहार भी साथ लेना होगा। इतना ही नहीं काटजू ने पाकिस्तान से ज्यादा खतरा देश को बिहार से बताया है।

गौरतलब है कि जस्टिस काटजू अपने विवादित बयानों की वजह से हमेशा चर्चा में रहते हैं। इस बार उन्होंने सोशल मीडिया पर बेतुका बयान देते हुए ना सिर्फ 10 करोड़ के करीब आबादी वाले बिहार का मजाक उड़ाया है बल्कि शहीदों का भी अपमान किया है। जस्टिस काटजू ने फेसबुक पर लिखा है कि पाकिस्तान के लोग आइये, इस विवाद को हम सब लोग मिलकर खत्म करते हैं। एक शर्त पर हम आपको कश्मीर देंगे, साथ में आपको बिहार भी लेना होगा। ये एक पैकेज डील है। या तो दोनों, या फिर कुछ नहीं। हम सिर्फ कश्मीर नहीं देंगे।

इस फेसबुक पोस्ट में जस्टिस काटजू इतने पर ही नहीं रुके। बिहार और बिहार के लोगों का और ज्यादा अपमान करते हुए लिखा कि पूर्व पीएम अटल बिहारी वाजपेयी ने भी आगरा वार्ता के दौरान पाकिस्तान के तत्कालीन राष्ट्रपति परवेज मुशर्रफ को ये ऑफर दिया था लेकिन मूर्ख मुशर्रफ ने इसे रिजेक्ट कर दिया था। अब एक बार फिर से ये ऑफर है। मत चूक ऐ चौहान।

काटजू ने परसों यानी 25 सितंबर को शाम 6 बजकर 51 मिनट पर ये पोस्ट फेसबुक पर डाला था. तब से इस पर सैकड़ों लोग अपनी प्रतिक्रिया दे चुके हैं। काटजू की निंदा करने और शहीदों का अपमान बताते हुए लोग अपनी राय जाहिर कर रहे हैं.काटजू की इस टिप्पणी पर सोशल मीडिया पर लोगों ने कड़ा एतराज जताया है। लोगों ने कहा है कि काटजू साहब आपसे ऐसी उम्मीद नहीं थी, बिहार ही क्यों पाकिस्तान आपको भी साथ ले जाए।

बयान पर दी सफाई।
विवाद बढ़ने के बाद जस्टिस काटजू ने सफाई देते हुए कहा कि ये तो बस मजाक था। बयान पर माफी मांगने से इंकार करते हुए उन्होंने कहा कि लोगों में सेस ऑफ ह्यूमर की कमी है।

पहले भी दिया था विवादित बयान।
काटजू अपने बयानों को लेकर अक्सर सुर्खियों में रहते हैं। प्रेस काउंसिल ऑफ इंडिया के अध्यक्ष रहते हुए भी उन्होंने बिहार में मीडिया की आजादी पर सवाल उठाया था। उस वक्त भी काफी हंगामा हुआ था।



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