लेकिन इससे पहले आपको बता दे कि क्या है सिंधू जल समौझता और क्या हैं इसकी खास बातें...
1. भारत और पाकिस्तान के बीच दशकों पहले हुआ था सिंधु नदी समझौता।2. उरी हमले के बाद भारत कर रहा इसकी समीक्षा।
3. क्या है इसका महत्व और कैसे यह पाकिस्तान को अफेक्ट करेगा, जानें
भारत-पाकिस्तान सिंधु नदी संधि से जुड़ी खास बातें...
- करीब एक दशक तक विश्व बैंक की मध्यस्थता में बातचीत के बाद 19 सितंबर 1960 को समझौता हुआ।
- संधि पर तत्कालीन प्रधानमंत्री जवाहर लाल नेहरू-पाकिस्तान के राष्ट्रपति जनरल अयूब खान ने हस्ताक्षर किए।
- इसके तहत सिंधु घाटी की 6 नदियों का जल बंटवारा हुआ था।
- सिंधु बेसिन की नदियों को दो हिस्सों में बांटा गया था, पूर्वी और पश्चिमी।
- भारत इन नदियों के उद्गम के अधिक क़रीब है।
- ये नदियां भारत से पाकिस्तान की ओर जाती हैं।
- पूर्वी पाकिस्तान की 3 नदियों का नियंत्रण भारत के पास है।
- इनमें व्यास, रावी और सतलज आती हैं।
- पश्चिम पाकिस्तान की 3 नदियों का नियंत्रण पाकिस्तान के पास है।
- इनमें सिंधु, चिनाब और झेलम आती हैं।
- पश्चिमी नदियों पर भारत का सीमित अधिकार।
- भारत अपनी 6 नदियों का 80% पानी पाकिस्तान को देता है।
- भारत के हिस्से आता है क़रीब 20% पानी।
क्या है इस समझौते का पाकिस्तान के लिए महत्व...
- पाकिस्तान के दो-तिहाई हिस्से में सिंधु और उसकी सहायक नदियां आती हैं।
- पाकिस्तान की 2.6 करोड़ एकड़ ज़मीन की सिंचाई इन नदियों पर निर्भर है।
- अगर भारत पानी रोक दे तो पाक में पानी संकट पैदा हो जाएगा, खेती और जल विद्युत बुरी तरह प्रभावित होंगे।
सोर्स:न्यूज़ २४
एक टिप्पणी भेजें