दैनिक उपयोग की वस्तुओं के बाजार पर पकड़ बनाने के बाद बाबा रामदेव की नजर भारत के गारमेंट सेक्टर पर है। पतंजलि जल्दी ही बाजार में जीन्स लाने की तैयारी में है। सबके दिमाग में यही बात चल रही थी कि पतंजलि की जींस आखिरकार कैसी होगी, इस बात का खुलासा पतंजलि उद्योग के आचार्य बालकृष्ण ने एक अंग्रेजी अखबार को दिए इंटरव्यू में किया।
आचार्य बालकृष्ण ने कहा, यह स्वदेशी जीन्स भारतीय संस्कृति और परंपरा के मुताबिक होगी। यह जींस भारतीय महिलाओं के लिए लूज फिट कंफर्टेबल होगी और अन्य भारतीय परिधानों की तरह ही दिखेगी। आचार्य बालकृष्ण ने कहा कि जीन्स पश्चिमी कॉन्सेप्ट है हम इसके साथ दो चीजें कर सकते हैं या तो हम इनका बायकॉट कर दें या इसे अपना लें। दूसरा तरीका यह है कि इसे हम अपनी जरूरत के हिसाब से परिवर्तित कर लें। जिससे कि यह हमारी संस्कृति के अनुरूप ढल जाए।
बालकृष्ण यह मानते हैं कि भारतीय समाज में जींस की लोकप्रियता बहुत बढ़ गई है ऐसे में इसे आसानी से अलग नहीं किया जा सकता। आचार्य ने बताया कि यह जींस अपने स्टाइल, फैब्रिक और डिजाइन में पूरी तरह भारतीय होगी। महिलाओं के लिए यह ढीली होगी ताकि वह भारतीय परंपरा के मुताबिक और आरामदायक हो।
बाबा रामदेव से उनके कुछ फॉलोअर्स ने उनसे पूछा कि वह पतंजली योग के कपड़े क्यों नहीं ला रहे हैं? इसके बाद उन्हें फैशन ब्रांड का आइडिया आया। उन्होंने कहा कि यदि हम मल्टीनेशनल कंपनियों द्वारा प्रमोट की जा रही चीजों से अर्थव्यवस्था की स्वतंत्रता के लिए संघर्ष कर रहे हैं तो उनसे हर स्तर पर मुकाबला करना होगा। इसके साथ फैशन बाजार में भी उतरना पड़ेगा। उन्होंने कहा कि वह नेपाल के मार्केट में घुस गए हैं।
बांग्लादेश के बाद उनका उद्देश्य अफ्रीका में प्रवेश करना है। वह सबसे पहले ऐसे विकासशील देश में कदम रखना चाहते हैं जहां का बाजार उनके अनुरूप है। इसके बाद स्टेप-2 में वह मल्टीनेशनल कंपनियों के खिलाफ लड़ाई में उतर आएंगे जो कि यूरोप और अमेरिका के विकसित बाजार में जगह बनाया है।
योगगुरु बाबा रामदेव की पतंजलि अंतरराष्ट्रीय बाजार में उतरने की तैयारी में हैं। हो सकता है कि भविष्य में उनके उत्पाद पाकिस्तान और अफगानिस्तान में भी मिलें। बाबा रामदेव का कहना है कि हमने बांग्लादेश और नेपाल में पतंजलि की यूनिट्स की स्थापना कर चुके हैं। हमारे उत्पादों को पश्चिम एशिया- खासकर सऊदी अरब में अच्छा खासा पसंद किया जा रहे हैं।
बाबा रामदेव ने कहा है कि हम पाकिस्तान और अफगानिस्तान में अपनी यूनिट शुरू करना चाहते हैं अगर राजनीतिक तौर पर कोई समस्या नहीं आई तो जल्दी ही वहां काम शुरू हो जाएगा।
सोर्स:अमरउजाला
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