बचपन में हम सभी ने कई ऐसे सीरियल देखें हैं जो सच न होकर भी हमारे दिलों के बेहद करीब हैं। शायद आज भी हम उन्हें कहीं न कहीं याद करते हैं। देखते हैं कुछ ऐसे ही फिक्शनल रचनाएं, जो आपने और हमने टीवी पर देखी हैं।
शक्तिमान
महाभारत के बाद यह वो सीरियल है जिसने संडे के दिन गलियों को खाली रखा। टकटकी लगाए सभी टीवी के सामने बैठ कर इसे देखते थे। गोल-गोल घूम कर उड़ने वाले मानवता के इस रखवाले को लोगों ने खूब प्यार दिया। भला कौन भूल सकता है गंगाधर को लंबा इंट्रोडक्शन और सबका फेवरिट ‘सॉरी शक्तिमान’।
आर्यमान
दुनिया के बाद ब्रह्मांड को बचाने आया था सुपर हीरो- आर्यमान। पृथ्वी से करोड़ो मील दूर आर्याना गैलेक्सी की रक्षा और लोगों की हिफाजत के लिए आर्यमान बुराई से युद्ध करता है। मुख्यत: कहानी, पात्र और प्रस्तुति अंग्रेजी फिल्म स्टार वार्स से प्रेरित थी। चमकने वाली रंगीन तलवारों का खूमार उस समय काफी बोला था।
सोनपरी
परियों की दुनिया पर आधारित इस सीरियल की काफी धूम रही थी। यह कार्यक्रम इतना लोकप्रिय हुआ की कई भाषाओं में इसका अनुवाद किया गया। मां के देहांत के बाद उदास एक बच्ची के जीवन में सोनपरी और जिन अल्तु खुशियां भर देते हैं। अच्छा और बुराई के संग्राम में रहस्य और रोमांच का तड़का खूब लगा। इसका परीलोक का मंत्र ‘इक्तु बिक्तु झिम पतुता’ काफी लोकप्रिय हुआ।
कैप्टन व्योम
कैप्टन व्योम विज्ञान पर आधारित एक सीरियल था। 23वीं सदी की संकल्पना पर आधारित इस शो को लोगों ने, खासकर युवाओं ने हाथोंहाथ लिया। ब्रह्मांड के जेल से भागे हुए सबसे खतरनाक 12 अपराधियों से लड़ने का जिम्मा कैप्टन व्योम को मिलता है जिसके साथ अद्भुत शक्तियों वाले योद्धाओं की एक बेमिसाल टीम है।
चाचा चौधरी
मशहूर कार्टूनिस्ट प्राण के कार्टून सीरियल के रूप में भी काफी लोकप्रिय रहा। चाचा चौधरी के बारे में मशहूर है कि “चाचा चौधरी का दिमाग कंप्यूटर से भी तेज़ चलता है।” कंप्यूटर को विख्यात करने में इसका बहुत बड़ा हाथ है। उस समय कंप्यूटर बेहद खास जगहों और चुनिंदा लोगों को पास ही हुआ करता था। चाचा चौधरी का साथी है साबू, जो जूपिटर ग्रह का निवासी है और जिसका शरीर दैत्याकार है। चाचा चौधरी का कुत्ता, ‘राकेट’ स्लर्प स्लर्प दूध पीता है।
कर्मा
खास शक्तियों के साथ जन्में करण की इस कहानी में वो 21वीं सदी में बुरी ताकतों के खिलाफ संघर्ष करता है। उसका मालूम पड़ता है कि दुनिया से बुराई और शैतान का नाश करने के लिए उसे चुना गया है। दादा जी से मिले 7 सितारों के चलते कर्मा के पास भी कई शक्तियां थी। अपनी पहचान छुपाने के लिए कर्मा मास्क से अपना चेहरा ढका करता था। फिल्म ‘कोई मिल गया’ की कामयाबी को भुनाने आए इस सीरियल को कोई खास सफलता नहीं मिली और यह शो जल्द ही बंद हो गया।
स्रोत: फिरकी_डॉट_इन
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