दिल्ली विश्वविद्यालय में पहली कटऑफ का दाखिला समाप्त हो गया। अब दूसरी कटऑफ सूची सोमवार रात दस बजे के बाद डीयू की वेबसाइट पर जारी होगी। पहली मेरिट में राजनीति विज्ञान, इतिहास ऑनर्स, इंग्लिश ऑनर्स और बीकॉम ऑनर्स में अधिकतर जगह सीटें भर गईं। ऐसे में इन कोर्स में मौके तो होंगे लेकिन कम। साइंस और कॉमर्स में अपार संभावनाएं होंगी।
खास बात यह है कि जिन छात्रों का पहली सूची में नाम आया था लेकिन वो किसी कारण सीट पक्की नहीं कर सके तो उन्हेंभी दूसरी कटऑफ में मौका मिलेगा। बशर्ते कॉलेज में कोर्स की सीट खाली होनी चाहिए। बहरहाल, नॉर्थ कैंपस के मुकाबले साउथ कैंपस के कॉलेजों में ज्यादा दाखिले हुए हैं।
अरबिंदो कॉलेज में बीए और बीकॉम की सीटे खाली हैं। रामानुजन में हिन्दी ऑनर्स, इंग्लिश ऑनर्स, बीएससी कंप्यूटर साइंस ऑनर्स, बीएससी सांख्यिकी ऑनर्स की सीटें खाली हैं। इस कॉलेज ने दूसरी सूची भी जारी कर दी। कंप्यूटर साइंस में अब यहां 95.5 फीसदी अंक पर, मैथमेटिक्स ऑनर्स पर 95 फीसदी पर और इंग्लिश ऑनर्स में 92 प्रतिशत पर दूसरी सूची का दाखिल मिलेगा। रामलाल आनंद कॉलेज में हिन्दी पत्रकारिता की सीट नहीं भरी है। डॉ. भीमराव अंबेडकर कॉलेज के प्रिंसिपल डॉ. जीके अरोड़ा ने बताया कि उनके यहां बीए सोशल वर्क ऑनर्स, पत्रकारिता और भूगोल ऑनर्स में मौके हैं। इनकी कटऑफ जारी होगी। वहीं, कैंपस में एसआरसीसी कॉलेज की भी कटऑफ जारी हो सकती है।
ईसीए के ट्रायल सात जुलाई से- ईसीए के ट्रायल का कार्यक्रम घोषित हो गया है। दो चरण में ट्रायल होंगे। पहले चरण में प्रारंभिक ट्रायल होगा। इसे सात जुलाई से 14 जुलाई तक आयोजित किया जाएगा। यह क्वालिफाई ट्रायल होगा। इसे पास करने वाले 15 से 18 जुलाई तक अंतिम ट्रायल देंगे। 19 जुलाई को परिणाम जारी होगा। 20-21 जुलाई को पहल काउंसलिंग होगी। इस दौरान सर्टिफिकेट की भी जांच होगी। इसके आधार पर कॉलेज 22 जुलाई को मेरिट जारी करेंगे। 23 से 25 पहली मेरिट का दाखिला होगा। 26 से 27 जुलाई दूसरी मेरिट के लिए काउंसलिंग होगी। 28 को दूसरी मेरिट आएगी। इस श्रेणी की सीच पांच अगस्त तक पक्की की जा सकती है।
स्टाफ की कमी से दाखिला छूटा- विश्वविद्यालय के सैकड़ो शिक्षक यूजीसी गजट के खिलाफ सड़क पर विरोध कर रहे हैं। इन्होंने दखिला प्रक्रिया में भाग लेन से मना कर दिया। शनिवार को पहली कटऑफ के दाखिले के अंतिम दिन इसका असर दिखा। कई कॉलेजों में स्टाफ की कमी के कारण छात्रों के दस्तावेजों की जांच नहीं हो पाई। इससे वे समय रहते सीट पक्की करने में नाकामयाब रहे। डीपीएस की छात्रा शमिना बताती हैं, 'मैं केएमसी मे दाखिला लेने गई थी।
स्टाफ कम था और छात्र ज्यादा। आखिरी दिन था। जब नंबर आया तब तक समय निकल चुका था।' इतना ही नहीं, डूटा के शिक्षका मौजूदा छात्रों की कापियां भी नहीं जांच रहे हैं। ऐसे में परिणाम में देरी हो सकती है। कुलपति ने तमाम प्राचार्यों को डूटा से सहयोग की अपील करने को कहा है।
सोर्स:लाइवहिन्दुस्तान.कॉम
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