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पीटीआई-भाषा 


नयी दिल्ली : भाषा : अपने ड्रिबलिंग कौशल के लिये मशहूर मोहम्मद शाहिद ने अस्सी के दशक में विश्व हाकी में धूम मचाई और इसी के दम पर उन्हें भारत के महानतम खिलाड़ियों में शुमार किया गया ।

वाराणसी के रहने वाले शाहिद ने 70 के दशक के आखिर में और 80 के दशक की शुरूआत में अपनी स्टिक की जादूगरी से दुनिया भर को मुरीद बनाया । उनमें दुनिया के बेहतरीन डिफेंस को भेदने का माद्दा हुआ करता था ।

विरोधी टीमें जहां मैदान पर उनसे खौफ खाती थी, वहीं मैदान के बाहर वह बेहद विनम्र और मृदुभाषी थे जो हमेशा साथी खिलाड़ियों की मदद को तत्पर रहते ।

वाराणसी में 14 अप्रैल 1960 को जन्मे शाहिद ने 19 बरस की उम्र में फ्रांस के खिलाफ जूनियर विश्व कप के जरिये 1979 में अंतरराष्ट्रीय स्तर पर पदार्पण किया । वह 1980 में सीनियर टीम में आये जब वासुदेवन भास्करन की कप्तानी में भारत ने कुआलालम्पुर में चार देशों का टूर्नामेंट खेला ।

शाहिद और जफर इकबाल की आक्रामक जोड़ी उस समय मशहूर थी । इकबाल ने उनके निधन के बाद कहा ,‘‘ उनके जैसा खिलाड़ी मैने अपने जीवन में नहीं देखा । हाकी जगत को यह अपूरणीय क्षति हुई है । मैदान पर हमारा शानदार तालमेल था । उसकी कमी खलेगी ।’’ शाहिद को लीवर और किडनी की बीमारियों के चलते हाल ही में मेदांता अस्पताल में भर्ती कराया गया था जहां उन्होंने आज सुबह दम तोड़ दिया ।
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