भारतीय वायुसेना का विमान एएन-32 शुक्रवार को गायब हो गया। इसमें 29 लोग सवार थे। बंगाल की खाड़ी के ऊपर से उड़ान भरते हुए लापता हुए इस विमान की तलाश के लिए अभियान जारी कर दिया गया है। वायुसेना ने मीडिया को बताया कि यह विमान चेन्नई से पोर्टब्लेयर जा रहा था। इस विमान का अभी तक कुछ पता नहीं चल सका है। जानिए वायुसेना के लापता विमान एएन-32 से जुड़ी 10 अहम बातें…
- एएन-32 को भारतीय वायुसेना के सबसे भरोसेमंद विमानों में शुमार किया जाता है। इसमें दो इंजन होते हैं। यह टर्बोप्रॉप मिलिट्री ट्रांसपोर्ट एअरक्राफ्ट है।
- इंदिरा गांधी की सरकार के समय में इसे भारतीय वायुसेना में शामिल किया गया था। इस विमान की खासियत है कि यह खराब मौसम में भी बेहतर उड़ान भर सकता है।
- जानकारी के अनुसार एएन-32 विमान आज सुबह चेन्नई के पास तंबारस एअरबेस से सुबह साढ़े आठ बजे पोर्ट ब्लेयर के लिए रवाना हुआ था। इसे 11 बजे के करीब पोर्ट ब्लेयर में लैंड होना था।
- प्लने के लापता होने से पहले यह 23 हजार फीट की ऊँचाई पर उड़ रहा था। अचानक इसकी ऊँचाई में तेजी से कमी देखी गई। और उसके बाद लापता हो गया।
- रक्षामंत्री मनोहर पर्रिकर ने बताया कि एएन-32 की खोज के लिए वायुसेना और नौसेना के विमान लगा दिए हैं। एक पी 8 आई और एक डोर्नियर को बंगाल की खाड़ी में भेज दिया गया है।
- प्लेन में एक इमर्जेसी बेकन लोकेटर है जो क्रैश होने की स्थिति में सक्रिय हो जाता है। नौसेना की मदद से उसको पानी के नीचे लोकेट करने की कोशिश की जा रही है।
- रिपोर्ट्स के मुताबिक टेक ऑफ के 16 मिनट बाद प्लेन से आखिरी संपर्क हुआ था। तब तक पायलट ने सबकुछ सामान्य होने की बात कही थी।
- भारत नें युद्ध और आपदा जैसी स्थितियों में इस विमान ने भारतीय सेना का काफी साथ निभाया है। यह 1976 में बनकर तैयार हुआ था। भारत ने ऐसे 105 विमानों को खरीदा था।
- विशेषज्ञों का मानना है कि दक्षिणी पश्चिमी मानसून बहुत असरदार है ऐसे में लापता विमान खोजने में खासी मशक्कत करनी पड़ सकती है।
- इससे पहले भी 1999 में भारतीय वायुसेना का एएन-32 विमान दिल्ली एअरपोर्ट पर उतरने से तुरंत पहले क्रैश हो गया था जिसमें 21 लोगों की मौत हो गई थी।
सोर्स:इंडिया.कॉम
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