
यार, ये बंदा बहुत क्यूट है. बहुत मतलब बहुत. इंडिया का कोई नेता राहुल गांधी की बराबरी नहीं कर सकता. न मंच के नीचे और न मंच के ऊपर. इंडियन पॉलिटिक्स में इतना चिल रहना किसी के बस का नहीं है. बुधवार को राहुल दिल्ली में कांग्रेस के जन वेदना सम्मेलन में बोल रहे थे.
वहां वो इतना कूल होकर स्पीच दे रहे थे, जितना कोई और नेता सोच भी नहीं सकता. लोगों से पूछ-पूछकर सरकारी योजनाओं का नाम लिया, न मालूम भूल गए थे या भूलने कर मजे लेने की ऐक्टिंग कर रहे थे. और नरेंद्र मोदी का जमकर मजाक उड़ाया.
इस इवेंट में राहुल पहले इंग्लिश में बोल रहे थे. फिर जाने क्या सूझा, कहा कि अब ‘हिंदी में बोलता हूं.’ माहौल जम गया था. अब रंग घोले जाने की बारी थी. राहुल बोले,

‘ढाई साल पहले नरेंद्र मोदीजी आए थे. बड़े-बड़े वादे किए उन्होंने. कहा कि हिंदुस्तान साफ कर दूंगा. सबको झाड़ू पकड़ा दी और कहा कि सफाई करो. फैशन था… चार दिन चला. फिर मोदीजी भी भूल गए और अगली बात होने लगी. सफाई के बाद ‘मेक इन इंडिया’ आ गया…
फिर… (पीछे मुड़ते हुए)… फिर क्या आया था…?
हां… फिर स्किल इंडिया… फिर…? उसके बाद क्या आया था…?
स्किल इंडिया के बाद इंडिया गेट पर योग करने लगे.’
आप बताइए. आपने कभी किसी नेता को इतनी बेतरतीबी से भाषण देते देखा है? अगर मोदी भाषण देते समय कुछ भूल जाएं, तो क्या वो मंच पर बैठे नेताओं से कुछ पूछ सकते हैं. हां, वो वीड एनर्जी और ‘MRS’ भले बोल आएं, लेकिन पूछेंगे तो बिल्कुल नहीं. राहुल ही ऐसा कर सकते हैं. फिर मंच पर हंसते-खेलते राहुल ने बताया कि मोदी ने झाड़ू कैसे पकड़ी थी. उन्होंने कहा,

‘आपने देखा होगा जब झाड़ू लग रही थी… बीजेपी के सारे नेताओं ने झाड़ू पकड़ी थी और मोदीजी ने ऐसे झाड़ू पकड़ी हुई थी… बड़ा सुंदर लगा. मैं बातें नोटिस करता हूं. उन्हें तो झाड़ू पकड़ना भी नहीं आता. वो पूरे देश को योग सिखाना चाहते हैं, लेकिन मैंने देखा वो तो पद्मासन भी नहीं कर पाते हैं. मैं भी योग करता हूं. मुझे योग सिखाने वाले ने बताया था कि योग करने वाला पद्मासन जरूर कर सकता है, लेकिन जो पद्मासन नहीं कर सकता, वो योग नहीं कर सकता.’
क्या मोदी या किसी दूसरे नेता ने इतनी छोटी बातों पर कभी गौर किया होगा. खैर छोड़िए, अभी बात राहुल की. क्यों किसी की उनसे तुलना करें. अब बारी थी नोटबंदी की बुराई की. इससे पहले राहुल सरकारी योजनाओं का नाम लेते हुए ‘टीच इंडिया’ बोलकर गलती कर चुके थे, लेकिन नोटबंदी की नाकामी बताते हुए स्टेडियम में छा गए. बोले,
‘भारत छोड़िए, दुनिया के किसी अर्थशास्त्री ने भारत में नोटबंदी का समर्थन नहीं किया. यहां तक कि नोटबंदी का कॉन्सेप्ट लाने वाले अर्थशास्त्री तक ने ये कहा कि जो तरीका उसने सुझाया है, वो भारत में लागू नहीं किया गया. हमारी सरकार के अर्थशास्त्री तो रामदेव हैं. उनके होममेड अर्थशास्त्री. नोटबंदी की वजह से ऑटोमोबाइल सेक्टर में 60% कम गाड़ियां बिकी हैं. हम 16 साल पहले वाली स्थिति में पहुंच गए गए हैं. ये सेक्टर तो मेक इन इंडिया का सेंटर है. मोदीजी को खुद से ये पूछना चाहिए. उन्होंने दुनियाभर में कांग्रेस के मनरेगा कार्यक्रम का मजाक उड़ाया था कि कांग्रेसवाले गड्ढे खुदवाते हैं. आज वो बताएं कि इस कार्यक्रम की डिमांड इतनी ज्यादा क्यों हो गई है.’
यहां तक जनता तालियां पीट रही थी. राहुल को भरपूर समर्थन मिल रहा था. वो पूरी रौ में थे. इसके बाद उन्होंने दिल की बात बोली. मीडियावालों से. कहा,
‘हमारे प्रेस के मित्र हमें बताते हैं कि मनमोहन सिंह के टाइम में हम खुलकर बोल सकते थे. आज वो दिल खोलकर नहीं बोलते हैं. वो मेरे पास आकर कहते हैं, ‘भइया, डर लगता है कि कहीं एक फोन आ गया, तो नौकरी चली जाएगी. तो आप हमारी बात समझ जाइए.’ हम आपकी बात समझते हैं. हम आपको कष्ट नहीं पहुंचाना चाहते, लेकिन आपकी भी कुछ जिम्मेदारी है. प्रेस को मोदीजी से सवाल पूछने चाहिए. जो हमने 70 सालों में नहीं किया… हमने देश के इंस्टीट्यूशंस, जुडिशरी, RBI और प्रेस की रिस्पेक्ट की… शायद बहुत ज्यादा की, ये सारे काम मोदी और RSS ने बंद कर दिए. ये हिंदू धर्म की बात करते हैं. यही लोग देश की आत्मा खत्म करने में लगे हुए हैं. अच्छे दिन तब आएंगे, जब 2019 में कांग्रेस सत्ता में आएगी.’

राहुल कभी मोदी की तरह नाटकीय अंदाज में भाषण नहीं देते. ये कभी उनकी फितरत में शामिल नहीं दिखा, लेकिन तालकटोरा स्टेडियम में उन्होंने कुछ-कुछ ऐसा ही भाषण दिया. सुर बदलते हुए बोले,
‘मोदीजी ने आपकी जेब के 500 और हजार के नोटों को कागज बना दिया. वो बोले कि ये जो तुम्हारी कमाई है… तुम्हारा खून-पसीना है, इसे मोदी एक मिनट में कागज में बदल सकता है. तुम लोग कौन हो… तुम कौन होते हो. अब देश को सिर्फ मोदी और भागवत चलाएंगे. हम यहां इसीलिए खड़े हैं, क्योंकि हम बताना चाहते हैं कि हम हिंदुस्तान के इंस्टीट्यूशंस को बचाकर रखेंगे. हम इनका पूरा विरोध करेंगे और इन्हें हराकर दिखाएंगे.’
बस… अब इसके बाद क्लाइमैक्स ही बचा था. राहुल बोले, ‘मैंने पहले ही कहा था कि लंबा भाषण नहीं दूंगा, तो मैं यहां पर रुक रहा हूं.’ लोग चिल्लाने लगे, तो राहुल रुके, हंसे और कहा, ‘अब शाम को बोलूंगा. थैंक यू.’ इसके बाद राहुल कांग्रेसी नेताओं के बीच मनमोहन सिंह के बगल में बैठे नजर आए, जहां कई नेता निगाहों में वफादारी लिए हंसते हुए उन्हें हाथ मिलाकर बधाई दे रहे थे. न जाने किसलिए. और हां, उस वक्त मनमोहन सिंह मुस्कुरा रहे थे, न जाने क्यों.
सौर्स:लल्लनटॉप
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