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 पवनपुत्र हनुमान कलियुग में अष्टचिरंजीवी में से एक हैं। मान्यता है कि वीर हनुमान अपने भक्तों की पुकार जरूर सुनते हैं।


उन्हें खुश करने के लिये किसी विशेष आराधना की आवश्यकता नहीं होती है। हम आपको ऐसी ही एक पूजन विधि बता रहे हैं, जिससे पैसों से जुड़ी समस्याएं, गंभीर रोग और कुंडली दोष हनुमान जी की कृपा से दूर हो जाएंगे।

मंगलवार और शनिवार हनुमान जी का दिन होता है। यदि आप समस्याओं से घिर हैं तो यह उपाए जरूर करें। मंगलवार और शनिवार को ब्रह्म मुहूर्त में उठकर स्नान करें। इसके बाद पीपल के पेड़ से 11 पत्ते तोड़ लें।

पत्तों को तोड़ते वक्त इस बात का विशेष ध्यान रखें कि वह न तो कटे हों और न ही फटे हों। इन 11 पत्तों को गंगाजल से धुलें। यदि गंगाजल नहीं है तो साफ पानी का प्रयोग करें।

 धुलने के बाद कुमकुम और चंदन मिलाकर इन पत्‍तों पर श्रीराम का नाम लिखें। नाम लिखने के साथ ही मन में हनुमान चालीसा का पाठ करते रहें। इन 11 पत्तों की एक माला तैयार करें। 

पीपल के पत्तों की इस माला को नजदीक के किसी भी मंदिर में जाकर हनुमान जी को चढ़ा दें। ऐसा लगातार हर मंगलवार और शनिवार को करना है। कुछ दिन में ही आपके अंदर सकारात्मक ऊर्जा दिखेगी और बिगड़े काम भी बनने लगेंगे।





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