लोग कहते हैं कि कभी कभी आसमान से ‘ब्लू आइस’ की बारिश होती है. जो असल में प्लेन के टॉयलेट का गंध होता है. लोग ये भी कहते हैं कि उड़ती फ्लाइट में अगर दरवाजा खोल दो तो बाहर की ओर खिंच जाते हैं. लेकिन अफ़सोस, आपकी करोड़ों साल पुरानी ये मान्यता सच नहीं है. पढ़िए प्लेन के 8 सबसे बड़े झूठों के बारे में:
1. पायलट लोग प्लेन में स्टोर की हुई टट्टी हवा में खाली करते हैं
तुम लोग मिडिल क्लास के मिडिल क्लास ही रहोगे. ट्रेन से जैसे पॉटी डायरेक्ट बाहर जाती है, सोचते हो वैसा कोई सिस्टम प्लेन में भी होगा. कुछ लोग ये भी कहते हैं कि कभी कभी नीली बर्फ की बारिश होती है. जो असल में प्लेन से गिरती पॉटी होती है. हालांकि ये सच है कि प्लेन से टॉयलेट से निकला हुआ गंध नीले रंग के एक लिक्विड से ट्रीट किया जाता है. जिसके कारण वो नीला हो जाता है. लेकिन उसको कभी हवा में खोला नहीं जाता. क्योंकि हवा के प्रेशर की वजह से खोला जा ही नहीं सकता. इतना ही नहीं, जिस हैंडल के इस्तेमाल से टैंक को खोला जाता है, वो बाहरी होता है.2. पॉट पर बैठकर फ़्लश करोगे तो अंदर खिंच जाओगे
प्लेन का फ्लश हवा के तेज़ प्रेशर से अंदर की ओर खींचता है. इसीलिए कहते हैं पॉट पर बैठकर फ्लश नहीं करना चाहिए. लेकिन ये अफवाह है. कुछ लोगों ने पॉट पर बैठ फ्लश कर चेक किया कि क्या ऐसा सचमुच होता है. और तेजी से अंदर खिंचने के बावजूद वो आराम से उठ खड़े हुए.3. ऑक्सीजन मास्क लगाकर नशा होता है
ऑक्सीजन मास्क का काम सिर्फ और सिर्फ आपको ऑक्सीजन देना है. वो भी तब, जब जहाज में हवा का प्रेशर घट जाता है.
4. जहाज हमेशा बंद रहता है, इसलिए उसकी हवा में जर्म्स होते हैं
ये भी झूठ. जहाज की हवा का उसी तरह खयाल रखा जाता है जिस तरह अस्पताल की हवा का रखा जाता है. जहाज में एयर फिल्टर होते हैं, जिससे आपको हमेशा साफ़ हवा मिलती है.5 . उड़ते जहाज का दरवाजा खोला तो लोग बाहर खिंच जाएंगे
ऐसा भी नहीं हो सकता. और इसका सिंपल कारण ये है कि उड़ते जहाज के अंदर इतना प्रेशर होता है कि उसका दरवाजा खोला ही नहीं जा सकता. आप चाहकर भी उड़ते जहाज में इमरजेंसी दरवाजे नहीं खोल सकते.6 . प्लेन पर बिजली गिरी तो क्रैश हो जाएगा
हर साल लगभग एक जहाज पर बिजली गिरती है. लेकिन कोई भी क्रैश नहीं हुआ.7 . फ्लाइट में शराब पियो तो ज्यादा चढ़ती है
इसको भी जानकारों ने चेक किया है. इस बात का कोई प्रूफ नहीं है कि ज्यादा ऊंचाई पर शराबी ज्यादा चढ़ती है. हां, अगर आप खुद ही ज्यादा पी लें तो बात अलग है.
8. प्लेन के टॉयलेट में ऐश ट्रे सुट्टा मारने के लिए होती है
प्लेन में सिगरेट पीना सख्त मन होता है. लेकिन हर टॉयलेट में फिर भी ऐश ट्रे लगाई जाती है. पर सुट्टा मारने के लिए नहीं. जिससे अगर कोई मनचला खुद को कंट्रोल न कर पाए और छुपकर टॉयलेट में सिगरेट जला ले, उसे सिगरेट बुझाने के लिए सही जगह मिल पाए. वरना प्लेन में आग लगने का खतरा रहता है.
सोर्स:लल्लनटॉप
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